सूरत रेप केस में दोषी आसाराम को उम्रकैद की सजा, गांधीनगर कोर्ट ने सुनाया फैसला
जिस केस में आसाराम को सजा हुई है, उसकी सुनवाई करीब 9 साल तक चली। केस की जांच अधिकारी को कई मौकों पर जान मारने की धमकी तक मिली थी। लेकिन फिर भी जांच जारी रही। इस मामले में कुल 8 आरोपी थे जिसमें से एक सरकारी गवाह बन गया था, जबकि 6 को कोर्ट ने बरी कर दिया।
गुजरात के गांधीनगर की अदालत ने साल 2013 में एक शिष्या से बलात्कार के मामले में दोषी स्वयंभू संत आसाराम को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। आसाराम को धारा 376/377 के तहत सजा सुनाई गई है। साथ ही कोर्ट ने पीड़िता को 50,000 रुपये मुआवजा देने का भी आदेश दिया है। एक दिन पहले सोमवार को सेशन्स कोर्ट ने इस मामले में आसाराम को दोषी करार दिया था। आसाराम पहले से ही बलात्कार के एक दूसरे मामले में जोधपुर की जेल में उम्रकैद की सजा काट रहा है।
करीब एक दशक पुराने इस रेप केस में एक दिन पहले सोमवार को गांधीनगर सेसन्स कोर्ट ने आसाराम को दोषी करार दिया था, वहीं अन्य आरोपियों को निर्दोष करार दे दिया था। दरअसल साल 2013 में दो बहनों ने आसाराम और उसके बेटे नारायण साईं के खिलाफ रेप, अवैध रूप से बंधक बनाने, मारपीट करने का आरोप लगाया था। इसमें छोटी बहन के आरोप पर नारायण साई को आजीवन कारावास की सजा मिल चुकी है, वहीं बड़ी बहन के आरोपी आसाराम को आज कोर्ट ने सजा सुनाई है।
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आज जिस मामले में आसाराम को सजा का ऐलान हुआ है, उसकी सुनवाई करीब 9 सालों तक चली। इस मामले की जांच अधिकारी को कई मौकों पर जान मारने की धमकी भी मिली थी। लेकिन फिर भी जांच को जारी रखा गया और कुल 68 लोगो के बयान दर्ज किए गए। इस मामले में कुल 8 आरोपी थे जिसमें से 1 आरोपी सरकारी गवाह बन गया था, जबकि 6 आरोपियों को कोर्ट ने बरी कर दिया।
आसाराम को सजा मिलने के बाद उसके वकील अब हाईकोर्ट का रुख करने की तैयारी में हैं। आसाराम के वकील ने कहा कि हम इस फैसले को हाईकोर्ट में चुनौती देंगे। हालांकि, उसे कितनी राहत मिलेगी कहना मुश्किल है, क्योंकि अब तक लगे आरोपों में आसाराम को कोर्ट से कोई राहत नहीं मिली है। एक दूसरे रेप केस सुप्रीम कोर्ट द्वारा पिछले साल उसकी जमानत याचिका खारिज की जा चुकी है। फिलहाल वह जोधपुर जेल में कैद है।
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