सौरव गांगुली और जय शाह अपने पद पर बने रहेंगे, SC ने BCCI को अपने संविधान में संशोधन की दी अनुमति

सुप्रीम कोर्ट ने बीसीसीआई अध्यक्ष सौरव गांगुली और सचिव जय शाह को बड़ी राहत दी है। कोर्ट ने अधिकारियों के कार्यकाल से जुड़े मामले में इन्हें राहत दी है।

फोटो: सोशल मीडिया
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नवजीवन डेस्क

सुप्रीम कोर्ट ने बीसीसीआई अध्यक्ष सौरव गांगुली और सचिव जय शाह को बड़ी राहत दी है। कोर्ट ने अधिकारियों के कार्यकाल से जुड़े मामले में इन्हें राहत दी है। कोर्ट ने बुधवार को फैसला सुनाते हुए बीसीसीआई के संविधान में संशोधन को भी मंजूरी दे दी है। साथ ही कूलिंग ऑफ पीरियड से जुड़े संविधान में संशोधन को भी मंजूरी दे दी है। इसका मतलब है कि अब गांगुली और जय शाह के कार्यकाल पर फिलहाल कोई संकट नहीं है।

कोर्ट ने कहा, "हमारा विचार है कि संशोधन मूल उद्देश्य को कमजोर नहीं करेगा। हम प्रस्तावित संशोधन को स्वीकार करते हैं।" कोर्ट ने कहा कि बीसीसीआई द्वारा प्रस्तावित संशोधन हमारे मूल निर्णय की भावना से अलग नहीं है और स्वीकार किया जाता है। कोर्ट के इस फैसले के साथ बीसीसीआई को राहत मिली है। अब पद पर सौरव गांगुली और जय शाह बने रह सकते है।


क्या कहता है BCCI का मौजूदा संविधान?  

बीसीसीआई के मौजूदा संविधान के मुताबिक, सौरव गांगुली और सचिव जय शाह को इसी महीने (सितंबर) में अनिवार्य तीन साल की कूलिंग-ऑफ पीरियड के बाद पद को खाली करना था। यह दोनों और संयुक्त सचिव जयेश जॉर्ज, राज्य संघों और क्रिकेट बोर्ड में संयुक्त रूप से छह साल तक पदाधिकारियों के रूप में काम कर चुके हैं। बीसीसीआई के मौजूदा संविधान के मुताबिक, गांगुली का 6 साल का कार्यकाल 2020 में खत्म हो चुका है। बीसीसीआई हालांकि कूलिंग ऑफ क्लॉज में बदलाव करना चाहता है। जस्टिस आरएम लोढ़ा कमेटी ने अपनी अनुशंसाओं में तीन साल के कूलिंग ऑफ पीरियड की अनुशंसा की थी।

अक्टूबर 2019 में BCCI के अध्यक्ष बने थे गांगुली

सौरव गांगुली 2014 में क्रिकेट एसोसिएशन ऑफ बंगाल के संयुक्त सचिव बने थे। उन्होंने एक साल बाद बंगाल राज्य संघ के अध्यक्ष के रूप में कार्य किया। इसके बाद गांगुली ने अक्टूबर 2019 में बीसीसीआई के अध्यक्ष के रूप में कार्यभार संभाल लिया था।

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