कांग्रेस महाधिवेशनः अगले पांच साल की रणनीति पर होगी चर्चा, पेश किए जाएंगे चार प्रस्ताव
कांग्रेस महाधिवेशन के पहले दिन विषय समिति की बैठक में चार प्रस्ताव लाने का फैसला लिया गया, जिससे यह साफ हो गया है कि आने वाले दिनों में कांग्रेस की रणनीति में एक स्पष्ट बदलाव देखने को मिलेगा।
कांग्रेस के महाधिवेशन के आधिकारिक तौर पर 17 मार्च को शुरू होने के एक दिन पहले हुई विषय समिति (सब्जेक्ट कमेटी) की बैठक में चार प्रस्ताव लाने पर फैसला लिया गया। विषय समिति में वैसे तो राजनीति, विदेश नीति, आर्थिक नीति, गरीबी, बेरोजगारी और कृषि पर विस्तार से चर्चा की गई। लेकिन इस बैठक से एक बात स्पष्ट हो गई कि देश में राजनीतिक परिवर्तन लाने के लिए कांग्रेस अपने अंदर भी बड़े बदलाव की तैयारी कर रही है। और अब नेताओं से ज्यादा कार्यकर्ताओं को विशेष महत्व देने का मन बना रही है।
कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने बैठक के बाद बताया कि कांग्रेस अध्यक्ष ने निर्देश दिया है कि इस महाधिवेशन में युवाओं, बलॉक और जिला स्तर पर काम करने वाले कार्यकर्ताओं से इन प्रस्तावों पर राय ली जाए, ताकि अगर उनमें कुछ और सुधार किया जा सके तो उसको भी शामिल किया जाए। रणदीप सुरजेवाला ने कहा, “कांग्रेस का ये महाधिवेशन सही मायनों में कार्यकर्ताओं का महाधिवेशन होगा। यानी ये ‘वर्कर्स प्लेनरी’ होगा। पार्टी का केंद्र अब कार्यकर्ता होगा, ना कि नेता होंगे। 100 साल के अपने इतिहास में ये महाधिवेशन कई अर्थों में नये तरह का इतिहास रचेगा।”
इंडियन नेशनल कांग्रेस की विषय समिति यानी मुद्दों पर चर्चा करने वाली समिति की बैठक 16 मार्च को दिल्ली के कंस्टीट्यूशन क्लब में हुई। इस समिति के सदस्य कांग्रेस के सांसद, पार्टी के नेता, सभी प्रदेशों के अध्यक्ष, संसदीय समिति के सभी पदाधिकारी, फ्रंटल संगठनों के अध्यक्ष और विभिन्न विषयों के लिए गठित उप समितियों के अध्यक्ष हैं। राहुल गांधी की अध्यक्षता में हुई विषय समिति की बैठक में फैसला लिया गया कि कांग्रेस पार्टी चार प्रस्ताव लेकर आएगी। इन सभी प्रस्तावों पर समिति के सदस्यों ने विस्तार से विचार विमर्श किया। इन प्रस्तावों में राजनीतिक, विदेश नीति, अर्थव्यवस्था, कृषि, बेरोजगारी और गरीबी उन्मूलन पर प्रस्ताव शामिल हैं। बैठक में लगभग 60-70 सदस्यों ने अपने-अपने विचार पेश किए और बहुत सारे रचनात्मक सुझाव भी दिए। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने समितियों के अध्यक्षों को ये निर्देश दिया कि सारे सुझावों को प्रस्तावों में शामिल कर 17 मार्च को कांग्रेस के महाधिवेशन में पेश किया जाए।
स्पष्ट है कि कांग्रेस का ये महाधिवेशन आने वाले 5 सालों तक कांग्रेस की दिशा, इसकी सोच और आगे की राह पर विचार करेगा। सुरजेवाला ने कहा, “चाहे कृषि हो, रोजगार हो, गरीबी उन्मूलन हो, राष्ट्रीय सुरक्षा हो, विदेश नीति हो, आर्थिक नीति हो और चाहे राजनीतिक दिशा और परिस्थिति हो, उनको लेकर वर्तमान हालात क्या हैं, भविष्य की क्या रणनीति होगी, भविष्य में इन मुद्दों को आगे ले जाने के लिए कांग्रेस क्या कोशिश करेगी, देश के किसानो की परेशानियों को कैसे हल करेगी, किस तरह से रोजगार के नये मौके पैदा करेगी, गरीबी खत्म करने के लिए क्या कदम उठाए जाएंगे, देश की अर्थव्यवस्था, जो आज मोदी सरकार में औंधे मुंह गिर पड़ी है, इसमें सुधार कैसे लाया जाएगा, सकारात्मक और रचनात्मक सुधार, जो अंतिम पंक्ति में खड़े व्यक्ति तक पहुंचे, उसको कैसे लाया जाएगा, इन सभी विषयों पर महाधिवेशन में विस्तार से विचार विमर्श होगा।”
ये चारों प्रस्ताव कांग्रेस के महाधिवेशन में पेश किए जाएंगे, जिनमें से दो पर 17 मार्च को चर्चा होगी और दो अन्य पर 18 मार्च को विचार-विमर्श होगा। शनिवार यानी 17 मार्च की सुबह कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी महाधिवेशन को संबोधित करेंगे औऱ शाम को 3 बजे सोनिया गांधी सदस्यों को संबोधित करेंगी। इस महाधिवेशन में ये तस्वीर भी साफ हो जाएगी कि पार्टी में सोनिया गांधी की अब क्या भूमिका होगी।
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