सीरियल किलिंग के शिकार हुए हैं सुशांत, जिया, और दिशा, एक ही सिंडिकेट ने दिया अंजाम: राबिया खान
अस्सी के दशक में बॉलीवुड की कुछ फिल्मों में काम कर चुकीं राबिया खान (अमीन) का मानना है कि उनकी बेटी जिया नफीसा खान, सुशांत सिंह राजपूत की पूर्व मैनेजर दिशा सालियान और खुद सुशांत, सीरियल किलिंग का शिकार हुए हैं।
अस्सी के दशक में बॉलीवुड की कुछ फिल्मों में काम कर चुकीं राबिया खान (अमीन) का मानना है कि उनकी बेटी जिया नफीसा खान, सुशांत सिंह राजपूत की पूर्व मैनेजर दिशा सालियान और खुद सुशांत, सीरियल किलिंग का शिकार हुए हैं। राबिया के मुताबिक जिया, दिशा और सुशांत के केस में इतनी समानता है कि इससे साफ अंदाजा लगाया जा सकता है कि इन तीनों का 'मर्डर' हुआ है और इसे एक ही सिंडिकेट ने अंजाम दिया है।
लॉकेट (1986), अरेस्टेड (1985) और कर्मयुद्ध (1985) में काम कर चुकीं राबिया ने लंदन से फोन पर आईएएनएस को दिए एक्सक्लूसिव इंटरव्यू नें कहा कि उनका तो यहां तक मानना है कि जिसने जिया को मारा है, उसी ने रिया को यूज करते हुए सुशांत को भी मारा है। राबिया का आशय अभिनेता सूरज पंचोली से है, जो जिया से जुड़े मामले में मुख्य आरोपी हैं।
आगरा में जन्मीं और एक भारतीय अमेरिकी व्यवसायी अली रिजवी खान से शादी करने वाली राबिया ने कहा, " भइया, जिसने जिया खान को मारा है, उसी ने सुशांत को मारा है। मेरी बच्ची को भी उसके ब्वायफ्रेंड ने पैसे के लिए यूज किया। वो उसको कंट्रोल कर रहा था। रिया चक्रवर्ती भी यही कर रही थी। इतना पैसा उसके पास आया कहां से। अगर सुशांत से आया है तो माना कि चलो भइया वह फिल्मों में काम कर रहा था। वो इंडोर्समेंट्स कर रहा था। वह कमर्शियल्स कर रहा था। तो वहां से पैसा आ गया। और अगर सुशांत से नहीं आया तो फिर कहां से आया। क्या वह ड्रग ट्रैफेकिंग कर रही थी। क्या वो नारकोटिक्स से खेल रही थी। क्या उसकी ड्रग पैडलर्स के साथ दोस्ती थी।"
राबिया ने आगे कहा, "मैं तो कहती हूं कि रिया चक्रवर्ती पर भी मुझे शक होता है क्योंकि वह इतनी शातिर नजर नहीं आती है, जितनी शातिर दिखाई जा रही है। मुझे लगता है कि जो भी इसे कन्डक्ट कर रहा था और जिया तथा सुशांत के केस में जिस तरह की समानता है तो इसी के आधार पर मैं कह सकती हूं कि यह एक सीरियल किलिंग है। जिसने जिया को मारा, उसी ने सुशांत को भी मारा है।"
साल 2007 में आई फिल्म-निशब्द (जिसमें अमिताभ बच्चन भी थे और जिसमें जिया को बेस्ट फीमेल डेब्यू का फिल्मफेयर नामिनेशन भी मिला था), 2008 में आमिर खान की -गजनी- और 2010 में आई -हाउसफुल- में काम करने वाली जिया तथा सुशांत की मौत के हालात की समानता पर चर्चा करते हुए राबिया ने कहा कि उनकी बेटी बहादुर थी इसलिए इंडस्ट्री में थी। राबिया के मुताबिक इतना कम उमर में अमिताभ बच्चन, आमिर खान और अक्षय कुमार के साथ कौन काम करता है। जो इंटेलैक्चुअली कम्यूनिकेशन करना जानते हों वही कर सकते हैं। आलतू-फालतू और अनपढ़ तो नहीं कर सकते ।
राबिया ने कहा, "सुशांत सिंह बेचारा, वाकई हकीकत में और मेरी बेटी बेचारी। क्यों? क्योंकि ये बहुत सीधे लोग थे। क्योंकि सच्चे लोग हैं। क्योंकि स्प्रीचुअल लोग हैं। इसीलिए वो फंस गए, बदमाशों में। उनका दिमाग बदमाशों का नहीं था। इनोसेंट लोग थे। मेरी बच्ची मुझसे ज्यादा भोली थी। ये देखिए ना। इंसान सच्चा है और जो अगर उससे कोई कहता है कि मैं तुमसे प्यार कर रहा हूं, उसे वह मान लेता है। मेरी बच्ची ने बिलीभ कर लिया कि वो (सूरज पंचोली) प्यार कर रहा है। तीन महीने से फूल भेजे जा रहे हैं। रोज टिफिन आ रहा है। बाहर जा रहे हैं। बच्ची का खर्चा हो रहा है। उसके पैसों पर ऐश कर रहे हैं।"
राबिया ने कहा, "सुशांत के साथ भी तो सेम चीज हुआ है ना। सुशांत के भी बड़े-बड़े ख्वाब थे। मेरी बच्ची के भी बड़े-बड़े ख्वाब थे। सुशांत पढ़ा-लिखा था। मेरी बच्ची भी पढ़ी-लिखी थी। सुशांत को जानवर से प्यार था। मेरी बच्ची को भी जानवरों से प्यार था। वो तो सड़क से बिल्लियां उठाकर ले आया करती थी घर में। पूरा जू बना लिया था घर को। सुशांत को गिटार को शौक था, मेरी बच्ची को प्यानो का शौक था। सुशांत को एस्ट्रोनामी का शौक था। मेरी बच्ची को भी इसका शौक था। उसके पास भी हबल टेलीस्कोप था। उसके पास तो कितनी इनसाइक्लोपीडिया पड़ी हुई हैं। सुशांत सोच समझकर फिल्मों में काम करता था, हमारी बच्ची भी यही करती थी। पैसे के पीछे सुशांत नहीं भागता था। हमारी बच्ची भी नहीं भागती थी। सिमलैरिटीज देखिए ना। मुझे तो हैरत होती है कि यह पुलिस को नजर नहीं आ रहा है।"
राबिया ने आगे कहा, "इतने साल मैं चुप रही थी। इतने वक्त मैं चुप थी। क्योंकि मैं अपनी लड़ाई लड़ रही हूं। आज जब सुशांत सिंह और दिशा (सालियान) सब देख रही हूं तो मुझसे रहा नहीं गया। इसीलिए मैंने सब बता दिया क्योंकि सुशांत के साथ भी --डिप्रेशन--की कहानी जोड़ी जा रही है। हू-ब-हू वही चीज देखने को मिली, जो मेरी बेटी के केस में मिली। जब वही चीज फिर से देख रही हूं तो बोलना तो पड़ता है ना।"
क्या सुशांत और दिशा के कथित मर्डर में इंडस्ट्री और राजनीति के बड़े लोग शामिल हो सकते हैं, इस सवाल पर राबिया ने कहा, "हो नहीं सकते, हैं। पूरी तरह हैं। इनकी जेबों में होते हैं सब। दिशा सालियान के केस में भी इन्हीं की मिलीभगत है। दिशा, सलमान खान की पार्टी में थी, जो फार्महाउस नें हुई थी और जहां झगड़ा शुरू हुआ था। सुशांत ने क्या बोला कि आप दिशा के साथ वो ना किजीए, जो आपने जिया के साथ किया था। ये सारी बातें कहां से निकली हैं। बिना आग के तो धुआं नहीं उठेगा ना। तो बाकी को आप करण जौहर और चोपड़ा परिवार के धुआं के पीछे जा रहे हैं, इस धुएं के पीछे क्यों नहीं जा रहे। आज पूरा सिंडिकेट उसको बचाने के लिए खड़ा है, जिसने सुशांत और दिशा को मारा है। क्यों। क्या खाता खोला हुआ है उन लोगों ने। ये लोग क्या छुपाने का प्रयास कर रहे हैं। सुशांत की मौत का मामला सुलझने के साथ कौन से लोग बेनकाब होंगे और किनको बचाने के लिए इतना कुछ किया जा रहा है।"
राबिया ने आगे कहा, "मुम्बई पुलिस की नीयत शुरू से ही कुछ छुपाने की थी। अगर पुलिस ने मर्डर कह दिया होता और इसी नजर से इसकी तहकीकात की होती तो फिर और बात थी लेकिन पुलिस ने इससे बिल्कुल अलग किया। सुशांत की डेथ को पहले सुसाइड बोला और फिर महेश भट्ट जैसे लोगों को बुलाकर--डिप्रेशन--की एक कहानी बना ली और उसी में धुआं डालकर लोगो को कन्फ्यूज कर दिया। इसी में दो महीने निकल गए। एफआईआर कोई बनी नहीं। ये तो खेल तमाशा है। ये एक स्टेटेजी है, जिसे कहते हैं--हाउ टू गेट अवे विद मर्डर।"
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Published: 15 Aug 2020, 1:48 PM