सरकारी पदों पर बैठे जिम्मेदार लोग ‘पद्मावती’ पर टिप्पणी न करें: सुप्रीम कोर्ट
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि जिम्मेदार पदों पर बैठे लोग फिल्म ‘पद्मावती’ पर टिप्पणी न करें, क्योंकि इसका सेंसर बोर्ड पर प्रतिकूल असर पड़ सकता है।
सुप्रीम कोर्ट ने फिल्म 'पद्मावती' पर आधिकारिक पदों पर बैठे लोगों द्वारा की जा रही टिप्पणियों को लेकर आपत्ति जताई है। कोर्ट ने कहा कि जिम्मेदार पदों पर बैठे लोग फिल्म पर टिप्पणी न करें, क्योंकि इसका सेंसर बोर्ड पर प्रतिकूल असर पड़ सकता है।
मुख्य न्यायाधीश जस्टिस दीपक मिश्रा, जस्टिस ए.एम. खानविलकर और जस्टिस डी.वाई.चंद्रचूड की बेंच ने कहा, "जब केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड (सीबीएफसी) के समक्ष मामला लंबित हो तो किसी जिम्मेदार पद पर बैठा व्यक्ति कैसे यह टिप्पणी कर सकता है कि फिल्म को सर्टिफिकेट दिया जाए या नहीं? इससे सीबीएफसी का निर्णय प्रभावित होगा।"
बेंच ने यह भी कहा कि हम कानून के शासन से शासित हैं।
कोर्ट ने यह बातें वकील मनोहर लाल शर्मा की उस याचिका को खारिज करते हुए कहीं, जिसमें फिल्म 'पद्मावती' की विदेश में रिलीज पर आपत्ति जताई गई थी।
शर्मा की याचिका पर आपत्ति जताते हुए अदालत ने कहा कि इसकी कोई जरूरत नहीं है।
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Published: 28 Nov 2017, 3:55 PM