ऑस्कर 2019: भारतीय फिल्म ‘पीरियड एंड ऑफ सेंटेंस’ ने ऑस्कर जीतकर लहराया परचम, जानिए क्या और कहां की है कहानी?

भारत के ग्रामीण क्षेत्र में माहवारी के समय महिलाओं को होने वाली समस्या और पैड की अनुपलब्धता को लेकर बनी एक शॉर्ट फिल्म ‘पीरियड: द एंड ऑफ सेंटेंस’ को ‘डॉक्यूमेंट्री शॉर्ट सब्जेक्ट श्रेणी में ऑस्कर पुरस्कार मिला है।

फोटो: सोशल मीडिया 
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नवजीवन डेस्क

भारत के हापुड़ की रहने वाली लड़कियों पर बनी हुई डॉक्यूमेंट्री फिल्म ‘पीरियडः एंड ऑफ सेंटेंस’ को शार्ट डाक्यूमेंट्री के लिए ऑस्कर मिला है। यह फिल्म महिलाओं को स्वास्थ्य के प्रति जागरुक करती है। पीरियडः एंड ऑफ सेंटेंस’ का निर्देशन ईरानियन रायका जेताबची ने किया है और फिल्म की निर्माता गुनीत मोंगा हैं। भारत के लिए इस फिल्म का ऑस्कर जीतना महत्वपूर्ण है, क्योंकि इसे हापुड़ में रहने वाली लड़कियों की जिंदगी पर बनाया गया है।

जेहताबची ने ऑस्कर पुरस्कार स्वीकार करते हुए कहा, “मैं इसलिए नहीं रो रही हूं कि मेरा माहवारी चल रहा या कुछ भी। मुझे विश्वास नहीं हो रहा है कि माहवारी को लेकर बनी कोई फिल्म ऑस्कर जीत सकती है।”

वहीं प्रोड्यूसर गुनीत मोंगा ने ट्वीट करके लिखा, “हम जीत गए, इस दुनिया की हर लड़की, तुम सब देवी हो। अगर जन्नत सुन रही है।

बता दें कि उत्तर प्रदेश के हापुड़ जिले के काठी खेड़ा गांव की रहने वाली युवती स्नेह पर फिल्म बनी है। यह फिल्म नारी स्वास्थ्य जागरूकता को लेकर बनी है। सहेलियों संग मिलकर स्नेह ने गांव में ही सेनेटरी पैड बनाने का उद्योग लगाया था। है। फिल्म में दिखाया गया है कि जब एक महिला से पीरियड के बारे में पूछा गया तो वह कहती है मैं जानती हूं पर बताने में मुझे शर्म आती है। जब यही बात स्कूल के लड़कों से पूछी गई तो उसने कहा कि यह पीरियड क्या है? यह तो स्कूली की घंटी बजती है, उसे पीरियड कहते हैं। इस फिल्म में यह दर्शाया गया है कि किस प्रकार गांव में पहली बार पीरियड यानी मासिक धर्म के लिए सेनेटरी पैड बनाने वाली मशीन आती है और गांव की महिलाओं का जीवन बदल जाता है।

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