नहीं रहीं मशहूर अभिनेत्री उत्तरा बावकर, 79 की उम्र में ली अंतिम सांस

अभिनेत्री उत्तरा बावकर का जन्म 1944 में महाराष्ट्र के सांगली में हुआ था। उन्होंने दिल्ली के राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय से अभिनय की शिक्षा ली थी। 1984 में बावकर को संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया।

फोटो: सोशल मीडिया
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नवजीवन डेस्क

मशहूर अभिनेत्री और थियेटर अभिनेत्री उत्तरा बावकर का निधन हो गया है। उन्होंने 79 की उम्र में लंबी बीमारी के बाद अंतिम सांस ली। बताया जा रहा है कि पिछले 1 साल से बीमार चल रही थीं। वह पुणे के एक अस्पताल में भर्ती थीं। बुधवार सुबह उनका अंतिम संस्कार किया गया।

बावकर ने अपने फिल्मी करियर में तमस, सरदारी बेगम, कोरा कागज, एक दिन अचानक, डोर जैसी कई फिल्मों में काम किया था। वह गोविंद निहलानी की फिल्म तमस में अपनी भूमिका के बाद सुर्खियों में आई थीं। उन्होंने ‘मुख्यमंत्री’ में पद्मावती, ‘मेना गुर्जरी’ में मेना, शेक्सपियर के ‘ओथेलो’ में डेसडेमोना और नाटककार गिरीश कर्नाड के नाटक ‘तुगलक’ में मां की भूमिका अदा की थी।


अभिनेत्री उत्तरा बावकर का जन्म 1944 में महाराष्ट्र के सांगली में हुआ था। उन्होंने दिल्ली के राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय से अभिनय की शिक्षा ली थी। 1984 में बावकर को संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। 1978 में उन्हें मृणाल सेन की फिल्म ‘एक दिन अचानक’ के लिए राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार दिया गया। बावकर ने न सिर्फ हिंदी फिल्मों बल्कि टीवी सीरियलों और मराठी सिनेमा में भी शानदार काम किया। 1988 में वह गोविंद निहलानी के निर्देशन में बनी तमस में नजर आई जो कि एक पीरियड फिल्म थी और भीष्य साहनी के उपन्यास पर आधारित थी। पहले दूरदर्शन पर इसे एक मिनी सीरीज के तौर पर प्रसारित किया गया। इसमें ओम पुरी, दीपा साही, अमरीश पुरी, एके हंगल, दीना पाठक, केके रैना, पंकज कपूर, सईद जाफरी जैसे कई दिग्गज कलाकार थे।

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