‘संजू’ पर संघ परिवार के अलग-अलग सुर, गडकरी ने की तारीफ, तो ‘पांचजन्य’ ने उठाए सवाल
हाल ही में संजय दत्त की जिंदगी पर रिलीज हुई फिल्म ‘संजू’ को लेकर संघ परिवार में दरारें पड़ती नजर आ रही हैं। केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने इस फिल्म की तारीफ की है, लेकिन संघ के मुखपत्र पांचजन्य ने इस फिल्म को अंडरवर्ल्ड और बॉलीवुड के रिश्तों का महिमांडन करार दिया है।
पांचजन्य के 15 जुलाई के अंक में जो कवर स्टोरी है उसका शीर्षक लिखा गया है “किरदार दागदार”, और इसमें संजय दत्त के रोल में रणबीर कपूर की फोटो लगाई गई है। कवर स्टोरी में कहा गया है कि, “माफिया के मोहजाल में घिरा मुंबई फिल्म उद्योग ऐसे किरदारों को महिमामंडित कर रहा है जिनकी साख पर न सिर्फ सवालिया निशान हैं, बल्कि जो देश के अपराधी हैं। ‘संजू’ या ‘रईस’ के आदर्श सामने रखने वालों की मंशा क्या है!”
कवर स्टोरी में आगे लिखा गया है कि ‘संजू’ फिल्म बनाने के पीछे निर्देशक राजकुमार हीरानी का मकसद क्या संजय दत्त की छवि को चार-चांद लगाना है? या बॉक्स आफिस पर पैसा बटोरना? या फिर उन्हें संजय की जिंदगी ऐसी लगती है जिसमें युवाओं के लिए सीखने को बहुत कुछ है? क्यों मुम्बई का फिल्म उद्योग माफियाओं और अंडरवर्ल्ड को महिमामंडित करने वाली फिल्में बना रहा है? यह संजय दत्त ही हैं जिनकी 1993 में बम्बई बम धमाकों के अपराधियों से सांठगांठ थी, जिसके लिए उन्हें जेल की सजा भी हुई।
पांचजन्य ने संजू पर कुछ सवाल उठाए हैं –
- क्या संजय दत्त या संजू या ‘बाबा’ की ये ऐसी खूबियां हैं कि जिन्हें बड़े परदे पर ग्लैमराइज या महिमामंडित करके जनता के सामने ‘आदर्श’ रूप में परोसा जाए और उससे अरबों-खरबों के वारे-न्यारे किए जाएं?
- 55 साल के वही राजकुमार हीरानी जिन्होंने 2014 में अपनी फिल्म ‘पीके’ में एक छुपे अंदाज में हिन्दू धर्म, उसके प्रतीकों और मान-बिन्दुओं को उपहास का विषय बनाया था। अब ‘संजू’ के बहाने हीरानी भारत के युवाओं के सामने क्या आदर्श प्रस्तुत करना चाहते हैं?
- पिछले कुछ समय से मुम्बई फिल्म उद्योग माफिया या अंडरवर्ल्ड को इतना तूल क्यों देता आ रहा है, क्यों एकाध साल में एकाध फिल्म भारत के ‘मोस्ट वांटेड’ अपराधी, जिसके तार 1993 के बम्बई बम धमाकों से जुड़े हैं, उस दाउद इब्राहिम पर, नहीं तो उसकी बहन हसीना पारकर पर, या छोटा राजन पर, या अरुण गवली पर, या गुजरात के नामी अपराधी अब्दुल पर, या हाजी मस्तान पर बड़े बजट की फिल्में बनाई जाती हैं? सोशल मीडिया पर लोग पूछ रहे हैं-क्या यह सब किसी के इशारे पर हो रहा है? क्या इसके पीछे खाड़ी से आया पैसा लगा है?
- क्या मुस्लिम फिल्म निर्माताओं की बाढ़ सी आने और फिल्मों में खान तिकड़ी पर पानी की तरह पैसा बहाने के पीछे कोई छुपी ताकत है? वह ताकत, जो यह चाहती है कि भारत के लोगों के मन में ऐसे किरदारों की कहानियों को परीकथा की तरह बसा दिया जाए जो कानून को ठेंगे पर रखते हैं, जो देश की संप्रभुता को चुनौती देते हैं, जो भारत की वास्तविक संस्कृति और सरोकारों का मजाक उड़ाते हैं, जो गंगा-जमुनी तहजीब के नाम पर ‘बड़े दिल वाले’ इस्लामी किरदारों की भरमार की पैरवी करते हैं?
पॉंचजन्य की कवर स्टोरी के यह सवाल केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी के उस बयान को खारिज करते हैं जिसमें उन्होंने इस फिल्म को खूबसूरत फिल्म करार दिया था। गडकरी ने अभी 10 जुलाई को ही नागपुर में संगीत के एक कार्यक्रम में 30 गायकों को सम्मानित करते हुए कहा था कि, “मैंने फिल्म देखी है। यह एक सुंदर फिल्म है। फिल्म से पता चलता है कि कैसे मीडिया, पुलिस और अदालत किसी के जीवन को प्रभालित कर सकती है। मीडिया ने सुनील दत्त और संजय दत्त दोनों की जिंदगी में उथल-पुथल मचा दी थी।” उन्होंने समाज में कलाकारों के योगदान के बारे में कहा था कि, “कलम की ताकत एटम बम से भी ज्यादा विनाशकारी साबित हो सकती है।”
गडकरी ने इसी मौके पर कहा था कि, “स्वर्गीय बाला साहेब ने एक बार उनसे कहा था कि संजय दत्त बिल्कुल बेकसूर है।”
गडकरी के बयान के पहले ही कई दक्षिणपंथियों ने संजय दत्त को गद्दार आदि कहना शुरु कर दिया था और इस बात पर सवाल उठाए थे कि आखिर संजय दत्त की जिंदगी पर ही फिल्म क्यों। बहुत से लोगों ने संजू के बहिष्कार का आव्हान भी किया था।
इन सारी आलोचनाओं के बीच संजय दत्त ने भी अपनी तरफ से सफाई पेश की है। उन्होंने एक न्यूज चैनल को दिए इंटरव्यू में जहां यह माना कि उन्होंने जीवन में बहुत गलतियां की हैं, वहीं उन्होंने कहा कि छवि बदलने के लिए कोई 25-30 करोड़ रूपए नहीं खर्च करता। उन्होंने कहा कि जेल ने उनकी जिंदगी बदल दी है। अब वे बर्थडे और पार्टी आदि नहीं मनाते, बल्कि काफी धार्मिक हो गए हैं। उन्होंने कहा कि उन्हें वेंदों का अध्य्यन किया है।
इस सबके बीच संजू कमाई के नए रिकॉर्ड बना रही है। संजू की कमाई को लेकर अनुमान लगाया जा रहा है कि ये फिल्म दूसरे मंगलवार को 8.40 करोड़ रुपये की कमाई कर सकती है।
(विश्वदीपक के इनपुट के साथ)
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