जन्मदिन विशेष: कमल हासन, वो अभिनेता जिसने दक्षिण भारतीय फिल्मों से लेकर बॉलीवुड तक छोड़ी अमिट छाप
कमल हासन ने सिने कैरियर की शुरुआत बतौर बाल कलाकार 1960 में प्रदर्शित फिल्म कलाथुर कनम्मा से की। भीम सिंह के निर्देशन में बनी इस फिल्म में उन्होंने अपने दमदार अभिनय से न सिर्फ दर्शकों का दिल जीता बल्कि वह राष्ट्रीय पुरस्कार से भी सम्मानित किए गए।
दक्षिण भारतीय फिल्मों के सुपरस्टार कमल हासन आज 67 साल के हो गए। उनका जन्म 7 नवंबर 1954 को तमिलनाडु के परमकुडी में हुआ था। उनके पिता चाहते थे कि उनके तीन बच्चों में कम से कम एक बच्चा अभिनेता बने। अपनी इसी चाहत को पूरा करने के लिए उन्होंने कमल हासन को अभिनेता बनाने का निश्चय किया।
कमल हासन ने सिने कैरियर की शुरुआत बतौर बाल कलाकार 1960 में प्रदर्शित फिल्म कलाथुर कनम्मा से की। भीम सिंह के निर्देशन में बनी इस फिल्म में उन्होंने अपने दमदार अभिनय से न सिर्फ दर्शकों का दिल जीता बल्कि वह राष्ट्रीय पुरस्कार से भी सम्मानित किए गए।
फिल्म 'कलाथुर कनम्मा' की सफलता के बाद कमल हासन ने कुछ फिल्मों में बतौर बाल कलाकार काम किया। इसके बाद उन्होंने लगभग नौ वर्षों तक फिल्म इंडस्ट्री से किनारा कर लिया। सत्तर के दशक में अपने पिता के जोर देने पर उन्होंने पढ़ाई छोड़ दी और अपना ध्यान फिल्म इंडस्ट्री की ओर लगा दिया। इस बीच, पिता के कहने पर उन्होंने नृत्य की भी शिक्षा हासिल की और कुछ फिल्मों में सहायक नृत्य निर्देशक के रूप में भी काम किया।
साल 1973 में कमल हासन को दक्षिण भारत के जाने-माने फिल्मकार के. बालचंद्र की फिल्म अरंगेतरम में काम करने का अवसर मिला। साल 1975 में प्रदर्शित फिल्म ‘अपूर्वा रंगानगल’ मुख्य अभिनेता के रूप में उनके सिने कैरियर की पहली हिट साबित हुई। साल 1977 में प्रदर्शित फिल्म ‘16 भयानिथनिले’ की व्यावसायिक सफलता के बाद कमल हासन को स्टार कलाकार के रूप में पहचान मिली।
कमल हासन के कुछ अहम फैसले और उनके जीवन से जुड़े घटनाक्रम:
साल 1981 में कमल हासन ने हिंदी फिल्मों की ओर भी अपना रुख किया और निर्माता एल. प्रसाद की फिल्म ‘एक दूजे के लिए’ में अभिनय किया।
साल 1982 में कमल हासन की एक और सुपरहिट तमिल फिल्म ‘मुंदरम पिरई रिलीज’ हुई, जिसके लिए वह अपने सिने कैरियर में पहली बार सर्वश्रेष्ठ अभिनेता के राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित किए गए।
साल 1985 में कमल हासन को रमेश सिप्पी की फिल्म ‘सागर’ में ऋषि कपूर और डिंपल कपाड़िया के साथ काम करने का अवसर मिला।
आर. डी. बर्मन के सुपरहिट संगीत और अच्छी पटकथा के बावजूद यह फिल्म टिकट खिड़की पर असफल साबित हुयी लेकिन कमल हासन के अभिनय को दर्शकों ने खूब सराहा।
इस फिल्म में अपने दमदार अभिनय के लिए उन्हें सर्वश्रेष्ठ अभिनेता के फिल्म फेयर पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
साल 1985 में कमल हासन की एक और सुपरहिट फिल्म ‘गिरफ्तार’ प्रदर्शित हुई, जिसमें उन्हें अमिताभ बच्चन के साथ काम करने का अवसर मिला।
साल 1987 कमल हासन के सिने कैरियर का अहम वर्ष साबित हुआ। इस वर्ष उन्होंने एक मूक फिल्म ‘पुष्पक’ में सशक्त अभिनय से दर्शकों को अचंभित कर दिया।
साल 1987 में ही कमल हासन को मणिरत्नम की फिल्म ‘नायकन’ में भी काम करने का मौका मिला।
फिल्म में वेलू नायकर के किरदार को कमल हासन ने जीवंत कर अपना नाम भारत के महान अभिनेताओं में शुमार करा दिया।
कमल हासन ‘नायकन’ के लिए सर्वश्रेष्ठ अभिनेता के राष्ट्रीय पुरस्कार से भी नवाजे गए।
साल 1990 में प्रदर्शित फिल्म ‘अप्पू राजा’ में उन्होंने अपने दमदार अभिनय से दर्शकों का दिल जीत लिया।
‘अप्पू राजा’ में यूं तो उन्होंने तीन अलग-अलग भूमिकाएं कीं लेकिन ऊंची कद काठी के रहते हुये भी उन्होंने जिस तरह तीन फुट के बौने के रूप में अपने आप को ढ़ाला उससे दर्शक अचंभित हो गए।
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Published: 07 Nov 2021, 12:39 PM