स्वतंत्रता सेनानी रामचन्द्र नन्दवाना स्मृति सम्मान के लिए आवेदन आमंत्रित, 30 जुलाई तक भेजें प्रविष्टियां
चित्तौड़गढ़ जिले के कपासन निवासी रामचन्द्र नन्दवाना का यह जन्म शताब्दी वर्ष है। वह स्वतंत्रता आंदोलन और उसके बाद गांधीवादी आन्दोलनों में आजीवन सक्रिय रहे। वे आजीवन गांधी जी की संस्थाओं हरिजन सेवक संघ और चरखा संघ से जुड़े रहे।
‘संभावना’ संस्थान के अध्यक्ष डॉ के सी शर्मा ने बताया कि राष्ट्रीय स्तर के इस सम्मान में स्वतंत्रता आंदोलन, प्राच्य विद्या, गांधी अध्ययन, दलित चिंतन या भारतीय मध्यकालीन साहित्य से संबंधित किसी एक कृति को चुना जाएगा। सम्मान के लिए तीन निर्णायकों की एक समिति बनाई गई है जो प्राप्त प्रस्तावों पर विचार कर किसी एक कृति का चुनाव करेगी। आयोजन चित्तौड़गढ़ में संभावना द्वारा किया जाएगा। सम्मान में ग्यारह हजार रुपये, प्रशस्ति पत्र और शॉल भेंट किये जाते हैं।
डॉ के सी शर्मा ने बताया कि चित्तौड़गढ़ जिले के कपासन निवासी रामचन्द्र नन्दवाना ने स्वतंत्रता आंदोलन और इसके बाद गांधीवादी आन्दोलनों में आजीवन सहयोग दिया। वियोगी हरि, ठक्कर बापा और माणिक्यलाल वर्मा के निकट सहयोगी रहे रामचन्द्र नन्दवाना का यह जन्म शताब्दी वर्ष है। वे गांधी जी की संस्थाओं हरिजन सेवक संघ और चरखा संघ से जुड़े रहे तथा चित्तौड़गढ़ के गाड़ी लौहार सेवा समिति से भी उनका जुड़ाव रहा।
‘संभावना’ संस्थान के अध्यक्ष शर्मा ने बताया कि वर्ष 2019 के इस सम्मान के लिए विख्यात आलोचक प्रो माधव हाड़ा की मीरां के जीवन पर लिखी गई कृति 'पचरंग चोला पहर सखी री' को चुना गया था। वर्ष 2020 का सम्मान विख्यात लेखक सुधीर विद्यार्थी को उनकी कृति 'क्रांतिकारी आन्दोलन: एक पुनर्पाठ' पर प्रदान किया गया था। उन्होंने बताया कि कोरोना के कारण 2020 का समारोह नहीं हो सका, जिसे 2021 के सम्मान समारोह के साथ संयुक्त रूप से आयोजित किया जाएगा।
डॉ के सी शर्मा ने बताया कि संभावना के सहयोगी डॉ कनक जैन को ’स्वतन्त्रता सेनानी रामचन्द्र नन्दवाना स्मृति सम्मान’ का संयोजक बनाया गया है, वे इस सम्मान से सम्बंधित समस्त कार्यवाही का संयोजन करेंगे। सम्मान के लिए प्रविष्टियां डॉ कनक जैन को 30 जुलाई 2021 तक भेजी जा सकती हैं।
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