ब्लू व्हेल गेम या मौत का खेल?

‘ब्लू व्हेल गेम’ से जुड़े मामले की सुनवाई करते हुए दिल्ली हाईकोर्ट इस खेल को खेलते हुए बच्चों के कथित तौर पर आत्महत्या कर लेने पर चिंता जाहिर की है।

फोटो: Twitter
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नवजीवन डेस्क

‘ब्लू व्हेल गेम’ से जुड़े मामले की सुनवाई करते हुए दिल्ली हाईकोर्ट इस खेल को खेलते हुए बच्चों के कथित तौर पर आत्महत्या कर लेने पर चिंता जाहिर की है। कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश गीता मित्तल और न्यायमूर्ति सी हरिशंकर की पीठ ने इस बात पर भी हैरानी जताई कि आखिर वयस्क लोग ऐसा खेल क्यों खेल रहे हैं। दूसरी तरफ केंद्र सरकार ने इस मामले में कदम उठाते हुए सारे सोशल मीडिया साइट्स को 'ब्लू व्हेल गेम' से संबंधित लिंक हटाने को कहा है।

ब्लू व्हेल गेम एक ऐप्प आधारित खेल है जिसे मोबाइल और कंप्यूटर पर डाउनलोड किया जाता है। इस खेल को खेलने वालों को हर रोज नया चैलेंज दिया जाता है। 50 दिनों तक यह खेल खेला जाता है। हर दिन खेल पूरा करने के बाद खेलने वाले को अपने हाथ में काटने का एक निशान बनाना पड़ता है। खेल पूरा होने के बाद व्हेल की आकृति बनकर उभरती है और अंतिम टास्क में आपको सुसाइड करने के लिए कहा जाता है।

इंटरनेट गेम 'ब्‍लू व्‍हेल' की वजह से भारत में आत्महत्या के कई मामले सामने आए हैं। पहला मामला मुंबई में सामने आया जहां एक छात्र ने बिल्डिंग से छलांग लगा ली थी। मुंबई के बाद पश्चिम बंगाल में 14 साल के एक छात्र ने जान दे दी। पुणे और इंदौर जैसे शहरों में भी बच्चों के ब्लू व्हेल के झांसे में आने की खबरें आईं है। हालिया वाकया केरल में सामने आया है।

ब्लू व्हेल गेम की शुरुआत 2013 में रूस से हुई थी। इस गेम की वजह से रूस में आत्महत्या का पहला मामला 2015 में सामने आया था और नवंबर 2015 से अप्रैल 2016 के बीच लगभग 130 युवाओं ने खुदकुशी की। यह जानलेवा गेम बाद में इंग्लैंड और अमेरिका भी पहुंच गया। अभी तक दुनियाभर में लगभग 250 से ज्यादा लोग इस खेल का शिकार हो चुके है।

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Published: 18 Aug 2017, 7:33 PM