27 सितंबर को एक अखबार में भारतीय अर्थव्यवस्था की दुर्दशा पर यशवंत सिन्हा के छपे लेख के बाद से इस बहस में कई रोचक मोड़ आते जा रहे हैं।
बीजेपी के नेता और एनडीए सरकार में पूर्व वित्त मंत्री रहे यशवंत सिन्हा ने अपने लेख में कहा था कि मोदी सरकार में अर्थव्यवस्था का कबाड़ा हो गया है। इस लेख से मोदी सरकार इतनी बौखला गई थी कि उसने यशवंत सिन्हा के बेटे और केन्द्र में मंत्री जयंत सिन्हा को जवाब लिखने को कहा।
28 सितंबर को प्रकाशित जयंत सिन्हा के इस लेख में दिए तर्कों की तो हर जगह आलोचना हो ही रही है, अब एक बार फिर यशवंत सिन्हा ने मोदी सरकार को आईना दिखाया है। उनका साफ-साफ कहना है कि अर्थव्यवस्था की बुरी स्थिति के लिए पहले की सरकारों को दोष नहीं दिया जा सकता क्योंकि मोदी सरकार को पूरा मौका मिला है और वह अपने कार्यकाल के 3 से भी ज्यादा वर्ष पूरे कर चुकी है।
जयंत सिन्हा ने अपने लेख में कहा था कि मोदी सरकार द्वारा लिए गए फैसलों का अर्थव्यवस्था पर असर लंबे वक्त में दिखेगा। इस पर यशवंत सिन्हा का जवाब था, ‘लंबे वक्त की बात होती है, लेकिन मुझे अर्थशास्त्री कीन्स का एक उद्धरण याद आता है कि लंबे वक्त में हम सभी मर चुके होंगे।‘
यशवंत सिन्हा ने अपने बयान में कहा कि पहले तो नोटबंदी ही नहीं की जानी चाहिए थी जब अर्थव्यवस्था कमजोर थी। इसके प्रभाव अभी खत्म भी नहीं हुए थे और फिर जीएसटी को ला दिया गया जिससे अर्थव्यवस्था को बड़ा धक्का लगा। उन्होंने कहा, ‘मैं जीएसटी का समर्थक था। लेकिन सरकार इसे जुलाई में लागू करने की जल्दबाजी में थी। अब, जीएसटीएन भी असफल साबित हो रही है।’
अर्थव्यवस्था को लेकर उनका सीधा सा तर्क था कि आज देश की जनता चाहती है कि रोजगार मिले, पर जिससे पूछो वह कहता है कि रोजगार है ही नहीं।
लेख छपने के बाद बीजेपी नेताओं द्वारा अपने ऊपर किए गए हमलों का जवाब देते हुए उन्होंने याद दिलाया, ‘2014 के पहले जब भी आर्थिक मसलों की बात आती थी मैं पार्टी का प्रवक्ता होता था। अगर आप कांग्रेस वित्त मंत्रियों को छोड़ दें तो मैं इकलौता आदमी हूं जिसने 7 बजट पेश किया है।’
उन्होंने आगे कहा, ‘शायद राजनाथ सिंह और पीयूष गोयल मुझसे ज्यादा अर्थव्यवस्था को जानते हैं, इसलिए वह सोचते हैं कि भारत विश्व अर्थव्यवस्था की रीढ़ है।’
ऐसी उम्मीद की जा रही है कि यशवंत सिन्हा के ताजा बयान से फिर से मोदी सरकार और बीजेपी नेताओं को मिर्ची लग सकती है। यह देखना दिलचस्प होगा कि इस वाकयुद्ध का परिणाम क्या होता है। मोदी सरकार देश की अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए कुछ करती है या अपनी सारी उर्जा यशवंत सिन्हा को जवाब देने में और इस बात को छाती पीट-पीट कर कहने में लगाती है कि देश में सबकुछ अच्छा चल रहा है।
Published: 28 Sep 2017, 2:13 PM IST
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Published: 28 Sep 2017, 2:13 PM IST