देशभर में जारी लॉकडाउन के बीच अगल-अगल राज्यों में फंसे श्रमिक मजदूरों का पलायन अभी भी जारी है। कोई बस, कोई ट्रक, कोई ट्रेन तो कोई पैदल ही अपने गांव को निकल पड़ा है। सरकार की तरफ से राहत पैकेज के नाम पर 20 लाख करोड़ का ऐलान भले ही कर दिया गया हो, लेकिन अबतक इन मजदूरों को 20 रुपये की कीमत की बोतलें तक नसीब नहीं हो रही है। जब प्यास से मजदूर तड़प रहे हैं तो मजबूरी में ही उन्हें पानी की बोलतों को उठाना पड़ रहा है। इसकी तस्वीर यूपी के दीनदयाल उपाध्याय स्टेशन से सामने आई है।
जहां कुछ मजदूरों को रेलवे की ओर से जब पानी नहीं मिला तो उन्होंने स्टेशन पर रखी बोतलें उठा ली। ये तस्वीर सरकार के उस दावे पर तमाचा भी है जिसमें मजदूरों की हर तरह की मदद करने की कसम खाई गई थी। इन तस्वीरों से सरकार के दावे ना सिर्फ खोखले नजर आ रहे हैं बल्कि ये भी दर्शाता है कि ना प्रशासन को ना ही सरकार को इन मजदूरों की फिक्र है। अब ऐसे में कई तरह के सवाल भी उठ रहे हैं सबसे अहम सवाल तो ये ही है कि प्रशासन की नजरों के सामने ये सब हुआ लेकिन फिर भी भूखे प्यासे इन मजदूरों की सुध क्यों नहीं ली गई ?
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