इस बार गुजरात चुनाव में जहां आम आदमी पार्टी की मौजूदगी ने मुकाबला त्रिकोणीय बना दिया है, वहीं बीजेपी ने विकास का नारा छोड़ ध्रुवीकरण और हिंदुत्व पर फोकस करते हुए यूपी मॉडल को आजमाया है। कितना कामयाब रहेगा यह प्रयोग, यह 8 दिसंबर को नतीजों के साथ पता चलेगा।