महज 2 किलोमीटर की दूरी पर चंद्रयान 2 के विक्रम लैंडर से संपर्क टूटते ही इसरो के कंट्रोल रूम में सन्नाटा पसर गया था। सबके चेहरों पर निराशा की झलक साफ दिखाई दी। इसरो प्रमुख के. सिवन ने जब इसकी जानकारी पीएम मोदी को दी तो वे भी तुरंत कंट्रोल रूम से बाहर निकल गए। हालांकि भारत अकेला ऐसा देश नहीं है, जिसका मून मिशन फेल हुआ हो। अमेरिका और रूस समेत कई ऐसे समृद्ध देश हैं, जिनका मिशन मून ना जाने कितनी बार विफल रहा।
आज से 50 साल पहले रूस ने सबसे पहले रूस ने चांद पर पहला कदम रखा था। 1958 से 1976 के बीच रूस ने करीब 33 मिशन चांद की तरफ भेजे जिनमें से 26 बार ये मिशन फेल हो गया। इसके अलावा 1958 से 1972 तक अमेरिका ने 31 मिशन चांद की तरफ भेजे, जिनमें से 17 बार उसे नाकामी हाथ लगी।
1969 से 1972 के बीच अमेरिका ने 6 मानव मिशन भी भेजे जिनमें 24 अंतरिक्ष यात्रियों में से कुल 12 ही चांद की सतह पर पैर रख पाए।
साल 2019 में इजराईल ने भी अपना एक मिशन चांद की तरफ रवाना किया था। भारत की ही तरह इजराईल का यह मिशन भी अंतिम क्षणों में फेल हो गया था। चांद से 10 किलोमीटर दूर रहते हुए इजराईल के चंद्रयान का संपर्क टूट गया था।
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