बुराई पर अच्छाई की जीत के प्रतीक दशहरे पर जहां एक तरफ पूरे देश में मर्यादा पुरुषोत्तम राम की पूजा और रावण के पुतले जलाए जाते हैं, वहीं देश में कई जगह ऐसी भी हैं जहां दशहरे पर रावण के पुतले नहीं जलते बल्कि उसकी पूजा की जाती है। रावण को दुनिया का सबसे विद्वानी ज्ञानी और साहसी कहा जाता है। लेकिन अपने अहंकार पर काबू ना हो पाने की वजह से आखिरकार उसे भी हार का स्वाद चखना पड़ा। आइए जानते हैं कि देश में कहां-कहां होती है रावण की पूजा।
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