महापर्व छठ की शुरूआत आज नहाय-खाय के साथ शुरु हो गई है। छठ का पर्व दिवाली के 6 दिन बाद मनाया जाता है। यह पर्व खासतौर पर बिहार, पूर्वी उत्तर प्रदेश और झारखंड में बहुत धूमधाम से मनाया जाता है।
छठ पूजा में भगवान सूर्य की पूजा का विशेष महत्व है। चार दिनों के महापर्व छठ की शुरुआत नहाय-खाय से होती है। नहाय-खाय के दिन भोजन करने के बाद व्रत करने वाली महिला अगले दिन शाम को खरना पूजा करती हैं। इस पूजा में महिलाएं शाम के समय लकड़ी के चूल्हे पर गुड़ की खीर बनाकर उसे प्रसाद के तौर पर खाती हैं और इसी के साथ व्रती महिलाओं का 36 घंटे का निर्जला उपवास शुरू हो जाता है। मान्यता है कि खरना पूजा के बाद ही घर में देवी षष्ठी (छठी मईया) का आगमन हो जाता है।
माना जाता है कि छठ माता सूर्यदेव की बहन हैं। जो लोग इस तिथि पर छठ माता के भाई सूर्य को जल चढ़ाते हैं, उनकी मनोकामनाएं छठ माता पूरी करती हैं। छठ माता बच्चों की रक्षा करने वाली देवी हैं। इस व्रत को करने से संतान को लंबी आयु का वरदान मिलता है।
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