उत्तराखं के हिमालय क्षेत्र में आज सुबह हिमस्खलन हुआ है। हिमस्खलन का डरावना वीडियो सामने आया है। वीडियो में देखा जा सकता है कैसे हिमस्खलन हो रहा है। राहत की बात यह है कि इस हिमस्खलन से केदारनाथ मंदिर को कोई नुकसान नहीं पहुंचा है। श्री बद्रीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति के अध्यक्ष अजेंद्र अजय ने यह जानकारी दी है। नीचे दिए गए लिंक में हिमस्खलन का वीडियो आप देख सकते हैं।
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हिमस्खलन थर्मोडायनेमिक परिवर्तनों के वजह से होते हैं। यानी जैसे समुद्री हवाएं मौसम बदलती हैं। ठीक वैसे ही पहाड़ पर तापमान, तेज हवा और तीखी ढलान हिमस्खलन को बढ़ावा देती है। अगर बर्फ 30 से 45 डिग्री की ढलान पर जमा होती है, तो उसके गिरने की संभावना कम रहती है। लेकिन जैसे कोण में कमी आती या बढ़ोतरी होती है, हिमस्खलन की आशंका बढ़ जाती है।
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ऊंचे हिमालयी पहाड़ों पर एवलांच की घटना से बचा नहीं जा सकता। धरती के दोनों ध्रुवों के बाद हिमालय को तीसरा ध्रुव कहा जाता है। क्योंकि यहां पर हमेशा बर्फ जमा रहती है। हिमालय के पहाड़ों पर 10 फीसदी बर्फ हमेशा जमी रहती है। वहीं, सर्दियों में बर्फ की मात्रा बढ़कर 30 फीसदी हो जाती है। ढलानों पर जमी बर्फ के गिरने की वजह से हिमस्खलन की घटनाएं और खतरा कई गुना बढ़ जाता है। दूसरी गौर करने वाली सबसे बड़ी बात यह है कि हिमालय पर इंसानी गतिविधियां लगातार बढ़ रही हैं। तीर्थयात्रा, पर्यटक और हिमालय पर घनी बसावट और अनियोजित विकास की वजह से हिमालय पर खतरा लगातार बढ़ता जा रहा है।
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