पश्चिम बंगाल के संदेशखाली में जोरदार प्रदर्शन कर रही बीजेपी के नेताओं ने आज ड्यूटी पर तैनात एक सिख आईपीएस अधिकारी को खालिस्तानी कहकर बड़ा विवाद खड़ा कर दिया। हालांकि अधिकारी के मुंहतोड़ जवाब के बाद बीजेपी कार्यकर्ताओं के मुंह बंद हो गए और वे चेहरा छिपाते नजर आए। इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया, जिसके बाद बीजेपी के लोगों पर सवाल उठने लगे हैं। हालांकि बीजेपी नेताओं ने आरोप को खारिज किया है।
Published: 20 Feb 2024, 10:13 PM IST
दरअसल संदेशखाली में महिलाओं के साथ कथित यौन उत्पीड़न के मामले पर बीजेपी की राजनीति जारी है। इसी कड़ी में आज पुलिस ने जब बीजेपी नेता सुवेंदु अधिकारी को उत्तर 24 परगना जिले के संदेशखाली जाने से रोका, तो बीजेपी नेताओं और कार्यकर्ताओं की वहां तैनात सिख आईपीएस अधिकारी जसप्रीत सिंह के साथ बहस हो गई। बताया जा रहा है कि इसी दौरान बीजेपी नेताओं की ओर से सिख अधिकारी को खालिस्तानी कहकर अपमानित किया गया।
Published: 20 Feb 2024, 10:13 PM IST
घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ है जिसमें आईपीएस अधिकारी जसप्रीत सिंह और बीजेपी नेताओं के बीच बहस की बातचीत को सुना जा सकता है। वीडियो में जसप्रीत सिंह कहते सुने जा रहे हैं कि “सिर्फ इसलिए कि मैंने पगड़ी पहनी है, आप लोग मुझे खालिस्तानी कह रहे हैं? क्या आपने यही सीखा है? अगर कोई पुलिस अधिकारी पगड़ी पहनता है और ईमानदारी से अपना कर्तव्य निभाता है, तो वह आपके लिए खालिस्तानी हो जाता है? आपको शर्म आनी चाहिए, यही आपका स्तर है।”
Published: 20 Feb 2024, 10:13 PM IST
इस मामले पर राज्य की सीएम ममता बनर्जी ने ट्वीट कर कहा है कि इससे यह समझा जा सकता है कि सिखों को लेकर बीजेपी की मानसिकता कैसी है। ममता बनर्जी ने ट्वीट में लिखा कि बीजेपी की विभाजनकारी राजनीति ने बेशर्मी से संवैधानिक सीमाओं को लांघ दिया है और सिखों को लेकर भी उनका रवैया बहुत खराब है। आज बीजेपी की बांटने वाली पॉलिटिक्स ने अपनी सीमाएं लांघ दी हैं और राष्ट्र के लिए सिखों के बलिदान और अटूट दृढ़ संकल्प को कमजोर करने का प्रयास किया है।
Published: 20 Feb 2024, 10:13 PM IST
पश्चिम बंगाल पुलिस ने सिख अधिकारी को 'खालिस्तानी' बताए जाने को एक आपराधिक कृत्य बताया है। एक बयान में पुलिस ने कहा, "हम इस वीडियो को साझा करने से नाराज हैं, जहां हमारे ही एक अधिकारी को राज्य के विपक्ष के नेता द्वारा 'खालिस्तानी' कहा गया। उनकी 'गलती' है, क्योंकि वह एक प्राउड सिख हैं और एक सक्षम पुलिस अधिकारी भी हैं जो कानून लागू करने की कोशिश कर रहे थे। यह टिप्पणी जितनी दुर्भावनापूर्ण और नस्लीय है, उतनी ही सांप्रदायिक रूप से भड़काऊ भी है। यह एक आपराधिक कृत्य है। हम किसी व्यक्ति की धार्मिक पहचान और मान्यताओं पर अस्वीकार्य हमले की निंदा करते हैं जिसका उद्देश्य लोगों को हिंसा करने और कानून तोड़ने के लिए उकसाना है। कड़ी कानूनी कार्रवाई शुरू की जा रही है।
Published: 20 Feb 2024, 10:13 PM IST
वहीं एक सिख आईपीएस अधिकारी को "खालिस्तानी" बताए जाने के मामले ने तुल पकड़ लिया है। बड़ी संख्या में सिख समुदाय के लोग कोलकाता में बीजेपी मुख्यालय के बाहर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। सोशल मीडिया पर बीजेपी नेताओं की इस हरकत की निंदा हो रही है। लोगो बीजेपी की मानसिकता पर सवाल उठा रहे हैं।
Published: 20 Feb 2024, 10:13 PM IST
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Published: 20 Feb 2024, 10:13 PM IST