शिवसेना सांसद संजय राउत हमेशा बेबाक बोलने के लिए जाने जाते हैं। मुद्दा कोई भी हो, वे अपनी बात स्पष्टता के साथ रखते हैं। उनका कहना है कि मौजूदा केंद्र सरकार अहंकार में इतनी डूब चुकी है कि इसे जनता गद्दी से हटा देगी। नवजीवन के साथ दिल्ली स्थित अपने आवास पर बातचीत में संजय राऊत ने केंद्र और राज्यों के रिश्ते, एनसीबी की हाल की कार्रवाइयां, केंद्रीय एजेंसियों का विपक्षी दलों और नेताओं के खिलाफ उपयोग पर खुलकर अपनी बात रखी। उन्होंने कहा कि “राज्यों के साथ रिश्तों पर केंद्र सरकार को अपनी मर्यादा में रहना चाहिए। केंद्र सरकार चाहे प्रधानमंत्री हो चाहे कैबिनट हो, हमारा देश एक है, एक फेडरल सिस्टम, अलग-अलग राजनीतिक विचार हो सकते हैं, लेकिन इन सबको ध्यान में रखते हुए ही संविधान में व्यवस्था की थी।
बीते 7-8 सालों के दौरान तो केंद्र उन राज्यों को अपना दुश्मन मानने लगा है जहां उनकी पार्टी की सरकार नहीं है। वे तो उन राज्यों में सत्तासीन दलों को कहते हैं कि उन्हें सरकार चलाना ही नहीं आता है।“
संजय राउत ने खुलकर कहा कि इन दिनों केंद्रीय एजेंसियों का इस्तेमाल विपक्षी सरकारो और नेताओं के खिलाफ किया जा रहा है। उन्होंने कहा, “ईडी, इनकम टैक्स, सीबीआई और अब तो एनसीबी को भी पीछे लगा दिया गया है।”
शिवसेना सांसद ने आर्यन खान मामले में भी खुलकर अपनी बात रखी। इस सवाल पर कि क्या सुशांत सिंह राजपूत से लेकर आर्यन खान तक एनसीबी को केंद्र सरकार अपने राजनीतिक हित के लिए इस्तेमाल कर रही है। उन्होंने सुशांत सिंह राजपूत की एक अभिनेता के तौर पर तारीफ करते हुए कहा कि उनकी मौत को बढ़ा-चढ़ाकर पेश किया गया। संजय राउत ने कहा कि, “केंद्र सरकार को सुशांत सिंह राजपूत की आत्महत्या को तो खूब बढ़ा-चढ़ाकर पेश किया गया, लेकिन केंद्र सरकार और बीजेपी को किसानों की आत्महत्या नहीं दिखती।” उन्होंने दिल्ली की सीमाओँ पर जारी किसान आंदोलन का जिक्र करते हुए कहा कि अब तक सैकड़ों किसानों की आत्महत्या हो चुकी है। उन्होंने याद दिलाया कि मुंबई से लेकर बिहार तक में सुशांत सिंह राजपूत मामले में एफआईआर की गई, लेकिन अंतत: वही साफ निकला जो मुंबई पुलिस की जांच में सामने आया था।
आर्यन खान के मुद्दे पर उन्होंने साफ कहा कि ‘केस पूरी तरह झूठा है।’ उन्होंने कहा कि अगर बच्चों से गलती हो भी जाती है तो उन्हें सुधारने की प्रक्रिया होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र और मुंबई को बदनाम करने के लिए ही सारी कार्रवाई की जा रही है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार और बीजेपी ऐसा दिखा रही है “मानो पूरे मुंबई में, महाराष्ट्र में गांजा चरस की खेती हो रही है।”
तो क्या यह साजिश है मुंबई फिल्म इंडस्ट्री को बदनाम कर, सरकार को बदनाम कर फिल्म इंडस्ट्री को उत्तर प्रदेश ले जाने की। उन्होंने कहा कि फिल्म उद्योग महाराष्ट्र और मुंबई में रचा बसा है। उन्होंने याद दिलाया कि देश में फिल्म इंडस्ट्री की स्थापना तो महाराष्ट्र से ही हुई जिसे दादा साहेब फाल्के ने शुरु किया था।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा फिल्म इँडस्ट्री को उत्तर प्रदेश ले जाने के मुद्दे पर उन्होंने कहा कि, यह कोई फैक्टरी नहीं है जिसे कहीं से उठाकर कहीं ले जाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि “हम तो चाहते हैं कि देश के अलग-अलग हिस्सों में फिल्म निर्माण का काम हो।” संजय राउत ने कहा कि “क्या अमिताभ बच्चन मुंबई छोड़कर जाएंगे? क्या माधुरी दीक्षित मुंबई छोड़कर जाएंगी?” उन्होंने कहा कि देश के अलग-अलग हिस्सों से आए लोग महाराष्ट्र में फिल्म इंडस्ट्री का हिस्सा बने और यहीं के हो गए। उन्होंने फिल्म इंडस्ट्री को बाहर ले जाने को राजनीतिक स्टंट ही माना।
हाल के दिनों में महाराष्ट्र के मंत्री नवाब मलिक और पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणविस के बीच जारी आरोप-प्रत्यारोप पर उन्होंने कहा कि सिर्फ बीजेपी की हताशा है जो इस मुद्दे को प्रचारित किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र में महाविकास अघाड़ी सरकार बहुत अच्छी तरह चल रही है, इसे अस्थिर करने की कोशिश कर रही है। सरकार की कामयाबी से बीजेपी हताशा में आ गई है। उन्होंने स्पष्ट कहा कि, “महाराष्ट्र में जो महा विकास अघाड़ी की सरकार है वह पूरे पांच साल चलेगी और इसे कोई नहीं हिला सकता।” उन्होंने यहां तक कहा कि यह गठबंधन काफी आगे तक जाएगा और 2024 में आप देखेंगे कि क्या कमाल होता है।
अगले साल होने वाले पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव पर उन्होंने कहा कि “उत्तर प्रदेश में स्थितियां बदलेंगी।” उन्होंने कहा कि पंजाब में कांग्रेस की सरकार वापसी करेगी। हिमाचल प्रदेश में भी उन्होंने आने वाले दिनों में कांग्रेस सरकार आने की संभावना जताई।
राफेल सौदे पर उन्होंने कहा कि “इसका श्रेय कांग्रेस नेता राहुल गांधी को जाता है कि उन्होंने इस मुद्दे को जिंदा रखा है। उन्होंने कहा कि हम संसद में इस मुद्दे को लगातार उठाएंगे।”
किसान आंदोलन के मुद्दे पर संजय राउत ने कहा कि यह अहम मुद्दा है। उन्होंने कहा कि सरकार विपक्षी की आवाज को अनसुना करती रही है। उन्होंने कहा, “केंद्र सरकार एक दीवार की तरह है, लेकिन विपक्ष लगातार अपनी आवाज उठाता है और उठाता रहेगा।” उन्होंने कहा कि यह दीवार टूटेगी।
शिवसेना के मुखपत्र सामना के बीते तीन दशक से संपादक संजय राउत ने कहा कि, “सत्ता किसी की सगी नहीं होती है। उन्होंने कहा कि दिल्ली छोड़कर तो इन्हें जाना ही होगा। 2024 में देखिएगा कि इन लोगों की क्या हालत होती है।”
यह पूरी बातचीत आप वीडियो में देख सकते हैं।
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