कोरोना के नए वैरिएंट ओमिक्रॉन से निपटने के लिए सीरम इंस्टीट्यूट ने तैयारी शुरू कर दी है। इसके तहत कंपनी ने कोविशील्ड का बूस्टर डोज बनाने और कोरोना के नए वैरिएंट से आपात स्थिति में निपटने के लिए ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया से मंजूरी मांगी है।
कोरोना वायरस वैक्सीन की दो डोज लगने के बाद जो तीसरी डोज लगती है, उसे ही बूस्टर डोज कहा जाता है। वहीं केंद्र सरकार ने संसद में जानकारी दी है कि टीकाकरण पर राष्ट्रीय तकनीकी सलाहकार समूह और कोविड वैक्सीन प्रबंधन पर राष्ट्रीय विशेषज्ञ समूह बूस्टर डोज की जरूरत का पता करने के लिए उसके वैज्ञानिक साक्ष्य पर विचार कर रहे हैं।
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