कांग्रेस नेता राहुल गांधी कोरोना के संकट काल में लगातार एक्टिव हैं और सरकार के कदमों पर सवाल खड़े कर रहे हैं। इसी के साथ राहुल गांधी की ओर से अर्थव्यवस्था पर चर्चा के लिए एक सीरीज़ की शुरुआत की गई है, जिसमें वह एक्सपर्ट से चर्चा कर रहे हैं। आज इसी कड़ी में राहुल गांधी ने दो एक्सपर्ट से बात की और स्वास्थ्य से जुड़े मसलों पर चर्चा की। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने बुधवार को हार्वर्ड यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर आशीष झा और स्वीडन के प्रोफेसर जोहान से बात की। इस दौरान राहुल गांधी ने कहा लॉकडाउन पर क्या विचार है? इससे मनोविज्ञान पर फर्क पड़ता है, ये कितना मुश्किल है? इसका जवाब देते हुए प्रोफेसर झा ने कहा कि लॉकडाउन को लेकर कई तरह के विचार हैं, लॉकडाउन की वजह से आप वायरस को धीमा कर सकते हैं। अगर वायरस को रोकना है तो सिर्फ जो पीड़ित हैं, उनको समाज से अलग कर सकते हैं। उसके लिए टेस्टिंग जरूरी है, लॉकडाउन आपको अपनी क्षमता बढ़ाने का वक्त देता है। क्योंकि लॉकडाउन से अर्थव्यवस्था के मोर्चे पर बहुत बड़ी चोट मिल सकती है। अगर लॉकडाउन का इस्तेमाल अपनी क्षमता बढ़ाने के लिए नहीं किया गया, तो काफी नुकसान होगा। इसी तरह राहुल गांधी ने कई सवाल किए, एक और सवाल करते हुए राहुल गांधी ने पूछा कि ऐसे तर्क दिए जा रहे हैं कि गर्मी से कोरोना वायरस खत्म हो जाएगा, ऐसे तर्कों पर आप क्या कहेंगे? जवाब में प्रोफेलप झा ने कहा कि इस तरह की बात कही जा रही है कि बीसीजी वैक्सीन से कोरोना वायरस ठीक हो सकता है, लेकिन मेरा माना है कि यह यह बेहद खतरनाक होगा। क्योंकि अभी कई तरह का मंथन चल रहा है और रिसर्च के बाद ही कुछ कहा जा सकता है। कोरोना को लेकर कई तरह के साक्ष्य हैं कि मौसम फर्क डालता है, अगर लोग बाहर ज्यादा रहते हैं तो कोरोना ज्यादा फैलता है। लेकिन गर्मी से यह रुक जाएगा, ऐसा तर्क देना पूरी तरह सही नहीं है।
कोरोना वायरस के चलते व्याप्त संकट के दौरान मजदूरों की बदहाली को देखते हुए उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ ने बड़ा ऐलान किया है। अब दूसरे राज्यों को यूपी के मजदूरों को काम पर रखने से पहले योगी सरकार से अनुमित लेनी होगी। योगी सरकार के इस फैसले को लेकर कांग्रेस महासचवि प्रियंका गांधी ने सीएम पर हमला बोला है । प्रियंका गांधी ने कहा है कि श्रमिकों की मदद करने के बजाय उप्र सरकार का एक हैरतअंगेज फैसला आ गया कि श्रमिकों को उनकी अनुमति के बिना कोई श्रम के लिए नहीं ले सकेगा। क्या सरकार श्रम को बंधुआ बनाएगी? क्या सरकार श्रमिकों से उनके संवैधानिक अधिकार को ख़त्म करना चाहती है? श्रमिकों के मुद्दे को संवेदना के साथ हल करना होगा। इसके लिए हम सब राजनीति को परे रखके मदद करने के लिए तैयार हैं लेकिन अंहकार व राजनीति से उनकी समस्याओं को और बढ़ाने के इस प्रयास को हम सफल नहीं होने देंगे।
तेजी से बढ़ते कोविड-19 मामलों की वजह से भारत कोरोना संक्रमित टॉप 10 देशों में शामिल हो गया है। इस लिस्ट में अमेरिका (1,725,275) पहले नबंर पर है। फिर ब्राजील (394,507), रूस (362,342), स्पेन (283,339), ब्रिटेन (265,227), इटली (230,555), फ्रांस (182,722), जर्मनी (181,288) और तुर्की (158,762) का नबंर है। देश में पिछले 24 घंटों में संक्रमित मरीजों के 6387 नए मामले सामने आए हैं। नए मामलों में आज लगातार दूसरे दिन गिरावट दर्ज की गई है। पिछले 24 घंटों में 170 लोगों की मौत हुई है। देश में कोरोना के मामले 1।5 लाख पार कर गए हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय की ताजा जानकारी के मुताबिक, देशभर में अब कोरोना के 83004 एक्टिव केस हैं। इस महामारी से अब तक 4337 मरीजों की मौत हो चुकी है। राहत की बात ये है कि 64425 मरीज ठीक भी हुए हैं। वहीं, एक विदेशी लौट चुका है।
कोरोना वायरस संक्रमण के बढ़ते मामलों को देखते हुए दिल्ली और गाजियाबाद बॉर्डर सील होने के बाद लगातार तीसरे दिन बुधवार को गाजीपुर बॉर्डर वाहनों की लंबी कतार लगी हुई है। चेकिंग के चलते लोगों को लंबा इतंजार करना पड़ रहा है। हालांकि यह प्रतिबंध आवश्यक सेवाओं से जुड़े कर्मचारियों और कमर्शल गाड़ियों पर लागू नहीं होगा। वहीं, दूसरी ओर गाज़ीपुर के पास बॉर्डर पर पुलिस सभी आने जाने वाले वाहनों की चेकिंग कर रही है, जिससे बॉर्डर पर लंबा जाम लग गया है। इसकी वजह से ऑफिस आने जाने वाले लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ा रहा है। डीएम अजय शंकर पांडे ने बताया कि दिल्ली से सटे सभी बॉर्डर को लॉकडाउन-2 की तरह ही सील किया जाएगा। इन क्षेत्रों से केवल वही लोग आ-जा सकेंगे जिनके पास प्रशासनिक पास होगा। इधर मंगलवार सुबह से बॉर्डर पर बैरीकेडिंग करके जांच शुरू की गई। इस दौरान दिल्ली की ओर से आने वाले और जाने वाले वाहनों को बॉर्डर पर रोका गया। बता दें कि जरूरी सेवाओं से संबंधित लोगों को आवश्यक पहचान पत्र दिखाने होंगे।
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