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नवजीवन बुलेटिन: ‘बस पॉलिटिक्स’ पर प्रियंका का योगी सरकार को दो टूक जवाब और केंद्रीय कैबिनेट ने लिए कई बड़े फैसले

प्रियंका गांधी ने वीडियो कॉन्फ्रेंस कर योगी सरकार से कहा कि चाहे तो बीजेपी का झंडा बैनल बसों में लगा सकते हैं पर इन बसों से मजदूरों को उनके राज्य पहुचंचाने की अनुमति दें और रेलवे की ओर से कहा गया है कि श्रमिक स्पेशल ट्रेनों के परिचालन के लिए गंतव्य राज्यों की सहमति की जरूरत नहीं है

फोटो : सोशल मीडिया
फोटो : सोशल मीडिया 

श्रमिक मजदूरों के मदद के लिए कांग्रेस द्वारा चलाई गई बसों को एक बार फिर यूपी बॉर्डर पर रोका गया है। जिसे लेकर कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने देशवासियों को लाइव के जरिए संबोधित किया। प्रियंका गांधी ने कहा कि काफी समय से प्रवासी भाई-बहन विषम परिस्थितियों में, कड़ी धूप में, बगैर खाए पैदल अपने गाँव की ओर चल रहे हैं। ये लोग देशभर से आ रहे हैं। कई बहनें गर्भवती होने के बावजूद पैदल चल रही हैं। कई लोग बच्चों को गोद में लेकर जा रहे हैं। ऐसे समय में हम सबको अपनी जिम्मेदारी समझनी पड़ेगी। ये भारत के वो लोग हैं, जो इस देश की रीढ़ हैं। जिनके खून-पसीने से ये देश चलता है। इनके प्रति हम सबकी जिम्मेदारी है। प्रियंका गांधी ने कहा सेवा भाव से ही यूपी कांग्रेस ने लॉकडाउन के अगले दिन हर जिले में "कांग्रेस के सिपाही" नाम से वॉलंटियर ग्रुप बनाए। हमने हर जिले में हेल्पलाइन नम्बर जारी किए। इसके अलावा हमने "सांझी रसोइयां" खोली, हाइवे टास्क फोर्स बनाएं। वीडियो के अंत में एक बार फिर प्रियंका गांधी ने योगी सरकार से राजनीति ना करने की अपील करते हुए कहा कि आप चाहे तो बीजेपी का झंडा बैनल बसों में लगा सकते हैं पर इन बसों से मजदूरों को उनके राज्य पहुचंचाने की अनुमति दें।

केंद्र सरकार ने कोल और लिग्नाइट ब्लॉक की नीलामी के नए नियमों और नए ब्लॉक्स की मंजूरी दी है। सरकार ने फैसला किया कि कोयले की बिक्री राजस्व हिस्सेदारी के आधार पर किया जाएगा। यह फैसला बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में किया गया। पीआईपी के महानिदेशक केएस धतवालिया ने बताया कि कैबिनेट बैठक में सीनियर सिटीजन के लिए इनकम सिक्योरिटी की प्रधानमंत्री वय वंदना योजना को तीन साल बढ़ाकर मार्च 2023 तक करने की मंजूरी दी गई। पहले इस योजना की अवधि 31 मार्च 2020 तक थी। कैबिनेट ने आपातकालीन ऋण गारंटी योजना के माध्यम से पात्र सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों और इच्छुक मुद्रा उधारकर्ताओं के लिए 3 लाख करोड़ रुपए का एक्स्ट्रा फंड भी मंजूर किया गया, जिसका ऐलान कोरोना वायरस के लिए जारी आर्थिक पैकेज में सरकार ने किया था। वहीं केंद्रीय कैबिनेट ने प्रवासियों/ फंसे हुए प्रवासियों को खाद्यान्न आवंटन के लिए आत्मनिर्भर भारत पैकेज को मंजूरी दे दी है। केबिनेट ने गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) और हाउसिंग फाइनेंस कंपनियों (एचएफसी) के लिए एनबीएफसी/ एचएफसी की तरलता स्थिति (लिक्विडिटी पोजिशन) में सुधार के लिए एक नई विशेष तरलता योजना शुरू करने के वित्त मंत्रालय के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी। मंत्रिमंडल ने एक नई केंद्र प्रायोजित योजना सूक्ष्म खाद्य प्रसंस्करण उद्यमों के गठन को भी मंजूरी दे दी है। इसके जरिए असंगठित क्षेत्रों के लिए 10 हजार करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे।

रेलवे की ओर से कहा गया है कि श्रमिक स्पेशल ट्रेनों के परिचालन के लिए गंतव्य राज्यों की सहमति की जरूरत नहीं है। गृह मंत्रालय ने प्रवासी श्रमिकों को उनके गृह राज्यों में पहुंचाने के लिए इन ट्रेनों को चलाने के वास्ते रेलवे के लिए मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) जारी की। मंगलवार को रेलवे के प्रवक्ता राजेश बाजपेयी ने कहा, ‘श्रमिक स्पेशल ट्रेनों को चलाने के लिए उन राज्यों की सहमति की आवश्यकता नहीं है, जहां यात्रा समाप्त होनी है।’ उन्होंने कहा, ‘नई एसओपी के बाद उस राज्य की सहमति लेना अब आवश्यक नहीं है जहां ट्रेन का समापन होना है।’बीते दिनों रेल मंत्री पीयूष गोयल ने आरोप लगाया था कि पश्चिम बंगाल, झारखंड और छत्तीसगढ़ जैसे कुछ राज्य इन ट्रेनों को मंजूरी देने के मामले में पीछे हैं। हालांकि विभिन्न राज्यों ने इस आरोप का खंडन किया था। जानकारी के मुताबिक संशोधित एसओपी में कहा गया कि गंतव्य और रुकने वाले स्टेशन समेत ट्रेनों की समय-सारिणी पर अंतिम फैसला रेल मंत्रालय करेगा और वह इसकी जानकारी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को देगा ताकि ऐसे फंसे हुए मजदूरों को भेजने या लाने के लिए जरूरी प्रबंध किए जा सकें।

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