मृणाल की बैठक में आज चर्चा की शुरुआत दिल्ली चुनाव के मुद्दे से होगी। हाल ही में देश ने हंसी-ख़ुशी के साथ 71वां गणतंत्र दिवस मनाया है। इस बार एक अजीब बात ये देखने को मिली कि आज तक परेड के दौरान दी जाने वाली सैल्यूट सिर्फ राष्ट्रपति ही लिया करता था। प्रधानमंत्री और गृहमंत्री वहां मौजूद रहते थे। लेकिन इस बार राष्ट्रपति के साथ पीएम मोदी और अमित शाह दोनों ने ही यह सैल्यूट लिया।
दिल्ली चुनाव के लिए प्रचार कार्य बड़े ही जोरों पर चल रहा है। केंद्र शासित बीजेपी नेताओं के तीखे तेवर इस दौरान सामने आरहे हैं। बीजेपी के पास जब कोई मुद्दा दिल्ली चुनाव में नहीं बचा तो वे अपने सबसे पुराने ध्रुवीकरण के हथियार के साथ लोगों को बरगलाने की कोशिश में लग गई हैं।
इसके अलावा गणतंत्र दिवस के साथ इस साल के पद्म पुरस्कारों की भी घोषणा हुई। एक अच्छी बात इस बार यह रही कि कुछ मेहनती और ईमानदार लोगों को पद्म पुरस्कार दिए गए। लेकिन बॉलीवुड की बात करें तो हैरानी यह देख कर हुई कि सबसे ज्यादा उन फिल्मी सितारों को पुरस्कार मिले जो CAA के समर्थन में सामने आए थे।
चर्चा के अंत में पर्यावरण भी एक अहम मुद्दा होगा। एक बड़ी जानकारी यह सामने आई है कि इरान और अफगानिस्तान के रास्ते भारत में आए टिड्डियों के दलों ने राजस्थान में लाखों हेक्टेयर की फसल बर्बाद करने के बाद अब पंजाब का रुख किया है।
टिड्डियों के भारत की ओर रुख करने की एक बड़ी वजह यह भी है कि टिड्डी दल अपने अंडे देने के लिए नमी और हरियाली वाली जगह ढूंढती हैं। टिड्डियां जब दूसरी बार अंडे देती हैं तो उसकी खेंप पहली से 20 गुना ज्यादा होती है और अंडों की तीसरी खेंप 260 गुना ज्यादा होती है।
टिड्डियों का आगमन देश के किसानों के लिए सबसे बड़ी आफत बन चुकी है। सरकार भी इस समस्या से छुटकारा दिलाने के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठा रही है। इसके अलावा भारत में कोरोना वायरस की दस्तक भी देश के सामने एक बड़ा संकट बना हुआ है।
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