मृणाल की बैठक के इस एपिसोड में बात प्रधानमंत्री के फिट इंडिया नारे की। अच्छी बात है कि सेहतमंद होना चाहिए लोगों को लेकिन नारों के बजाए अगर जमीनी स्तर पर कुछ कदम उठाए जाएं तो निश्चित ही फिट हो जाएगा इंडिया। इसके अलावा बात ‘वॉर एंड पीस’ किताब की, जिस पर माननीय जज ने बाद में सफाई भी दी। लेकिन सवाल है कि आखिर किसी किताब को पढ़ना आपत्तिजनक कैसे माना जा सकता है।
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