लोकतंत्र का सबसे बड़ा पर्व लोकसभा चुनाव बेहद नजदीक है। ऐसे में जहां एक तरफ सभी राजनैतिक दल चुनाव प्रचार में लगे हुए हैं, वहीं फिल्मी दुनिया के लोग वीडियो के माध्यम से देश के लोगों से सोच समझ कर मतदान करने की अपील कर रहे हैं। लोकसभा चुनाव के पहले चरण में देश के 20 राज्यों की 91 सीटों पर 11 अप्रैल को मतदान किये जाएंगे।
कल्की कोचलिन (फिल्म अभिनेत्री ): हैलो दोस्तों मैं हूं कल्कि... मैं अभी डब शर्मा का एक ट्वीट पढ़ रही हूं जो कहता है, ‘बिना सोचे हर किसी को नोट मत दो और बिना समझे हर किसी को वोट मत दो।”
मोहम्मद ज़ीशान अय्यूब (अभिनेता): हम लोग प्रेसिडेंशियल इलेक्शन पर ध्यान न दें। हम लोग डेमोक्रेसी हैं, एक आदमी काम नहीं करता। जिस तरह का देश हम लोगों को मिल पाया था, जहां पर हम अपने सपनों को और जो भी हम चाहते थे उस चीज़ को फॉलो कर रहे थे, वही चीज़ छिन रही है। आप लोगों को शायद अभी शॉर्ट टर्म में समझ ना आरहा हो, पर वो छिन रही है। उसको बचाने की कोशिश कीजिये। प्लीज वोट देने जाइये। हर वोट ज़रूरी है। घर पर बैठ कर कुछ नहीं होगा। उसके बाद आप 4 साल, 5 साल, 15 साल पता नहीं कब तक गालियां बकते रहेंगे। फिर उससे कुछ नहीं होगा।
वरुण ग्रोवर (स्टैंड-अप कोमेडियन): हवा में हम प्लेन उड़ा देंगे ऐसा कोई मेनिफेस्टो हो तो आप बोलो कि पहले मेरी लोकल ट्रेन ठीक कर दो। कोई ऐसा मेनिफेस्टो होगा जिसमें लोकल ट्रेन ठीक चला रहे होंगे, ब्रिज नहीं गिर रहे होंगे ऐसी कुछ भी चीजें होंगी तो वो ढूंढों, हो सकता है वो ज्यादा विश्वसनीय लगेगा। विश्वसनीयता के साथ जाएं, सच के साथ जाएं और उसके साथ जाएं जो आपके लिए मायने रखता हो।
कुनाल कुमार (स्टैंड-अप कोमेडियन): अपनी समझ से बटन दबाएं जो इनफार्मेशन आपने कंज्यूम की है, अपना विचार बनाया है उस हिसाब से दबाएं। लेकिन आप जा के वो बटन दबाएं।
अमोल गुप्ते (अभिनेता/निर्देशक): प्लीज निकलिए। छुट्टी मत मनाइए वोट दीजिये प्लीज।
अनुपमा चोपड़ा (फिल्म क्रिटिक्स): जिस डेमोक्रेसी की हम बात करते हैं वो हमें तभी मिल सकती है अगर सब जा के आवाज़ उठाएं और अपनी-अपनी आवाज़ उनके कानों तक पहुंचाएं।
तिग्मांशु धूलिया (अभिनेता/निर्देशक): यूथ के पास नौकरियां नहीं हैं इस वक़्त। देश में झूठ बोला गया है उनसे। चुनाव होते रहे हर 5 साल में कहीं ऐसा ना हो कि यह देश का आखिरी इलेक्शन हो और हमारा संविधान बदल जाए। संविधान को बचाने के लिए और इस देश को बचाने के लिए प्लीज वोट दीजियेगा ज़रूर।
नंदिता दास (अभिनेत्री/निर्देशक): हमें नफरत की राजनीति को हराना होगा।
रेणुका शर्मा (अभिनेत्री/निर्देशक): क्योंकि अभी तो देखा गया है सिर्फ लड़वाने का काम करते हैं।
विक्रमादित्या मोटवानी (निर्देशक): हमें ऐसे लोगों को बिल्कुल भी वोट नहीं करना चाहिए जो एक दूसरे के दिलों में नफरत पैदा करते हैं, जो लोगों को बांटते हैं।
स्वरा भास्कर (अभिनेत्री): आज की तारिख में ऐसे लोग बहुत शोर मचा रहे हैं जिन्हें विश्वास ही नहीं है हमारे संविधान में। जिनके लिए इस देश के मायने कुछ और ही हैं और उनकी आवाज़ बहुत शोर गुल के साथ सुनाई पड़ती है सोशल मीडिया पे, सड़कों पे। वो लोग हिंसा का प्रचार करते हैं। वो लोग हिंसा करते हैं।
Published: undefined
विनय शुक्ला (लेखक/निर्देशक): यह दर्दनाक और शर्मनाक है। पंसारे की मौत हुई, मारा जिस ढंग से, कुल्बर्गी को जिस ढंग से मारा, गौरी लंकेश को... ये सब क्या है। ये हो क्या रहा है ये। ये लिन्चिंग्स जो हैं ये क्या हैं। अगर ये टेररिज्म नहीं हैं तो क्या हैं ये।
विशाल डडलानी (म्यूजिक डायरेक्टर/सिंगर): जिस प्रकार का प्रोपेगैंडा हम देखते आरहे हैं उसे ध्यान में रखते हुए मैं राहत इन्दौरी साहब का एक शेर कहना चाहूंगा, “सरहदों पर बहुत तनाव है क्या, कुछ पता तो करो चुनाव है क्या।” भ्रमित मत होइए, जो मुद्दे देश के भविष्य के लिए ज़रूरी हैं, उन्हें ध्यान में रखिए। उन्हें ये मत कहने दीजिये कि युद्ध जैसे हालत हैं। उन्हें यह मत कहने दीजिये. ये सब मुद्दे नहीं हैं। ये सब चीज़ें आती जाती रहेंगी। देश के लिए जो ज़रूरी है वो है शिक्षा, स्वास्थ्य, जनकल्याण और किसान। ये सब है ज़रूरी।
राजीव निगम (स्टैंड-अप कोमेडियन): कुछ मुद्दे ऐसे हैं जो गुब्बारे की तरह अचानक लाकर के आपको दिखाए जाते हैं हवा भरके.. उनसे हमारा सीधा संबंध नहीं होता है। उन मुद्दों पर ध्यान न देकर के जो हमारे देश के लिए हमारे लोकसभा क्षेत्र के लिए हमारे बच्चों के भविष्य के लिए और हमारे लिए अच्छे हैं, उन मुद्दों पर ज़रूर ध्यान दें। और अपने कैंडिडेट को भी ध्यान दिलाएं।
Published: undefined
Google न्यूज़, नवजीवन फेसबुक पेज और नवजीवन ट्विटर हैंडल पर जुड़ें
प्रिय पाठकों हमारे टेलीग्राम (Telegram) चैनल से जुड़िए और पल-पल की ताज़ा खबरें पाइए, यहां क्लिक करें @navjivanindia
Published: undefined