बता दें कि भारतीय नौसेना के सेवानिवृत्त अधिकारी जाधव को पाकिस्तान की सैन्य अदालत ने जासूसी और आतंकवाद के आरोपों में अप्रैल 2017 में मौत की सजा सुनाई थी। जिसके बाद भारत इस मामले को आईसीजे से संपर्क कर कहा था कि पाकिस्तान जाधव तक राजनयिक संबंधी पहुंच नहीं दे रहा है। पाकिस्तान ऐसा कर वियना संधि का उल्लंघन कर रहा है। द्वितीय विश्वयुद्ध के बाद अंतरराष्ट्रीय विवादों को निपटाने के लिए स्थापित आईसीजे की 10 सदस्यीय पीठ ने 18 मई 2017 को मामले का निपटारा होने तक जाधव की सजा पर अमल करने से पाकिस्तान को रोक दिया था।
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