14 जुलाई को लंदन के लॉर्ड्स मैदान पर आईसीसी वर्ल्ड कप के फाइनल मुकाबले में न्यूजीलैंड को हरा कर वर्ल्ड चैंपियन बनने वाली इंग्लैंड टीम 10 दिन बाद उसी मैदान पर आयरलैंड के खिलाफ टेस्ट मैच में महज़ 85 रनों पर ही ढेर हो गई। इस वीडियो में आज हम आपको बताएंगे आयरलैंड के उस गेंदबाज के बारे में जिसने इंग्लैंड के कई खिलाड़ियों को 10 रनों का आंकड़ा भी पार नहीं करने दिया।
दरअसल टिम मुर्ताघ ने 2012 में ही आयरलैंड में खेलने के लिए क्वॉलिफाइ किया था। मुर्ताघ के जीवन की सबसे खास बात ये है कि साल 2000 में अंडर-19 वर्ल्ड कप में वे इंग्लैंड की तरफ से खेले थे। साल 2000 से 2006 तक काउंटी खेलने के बाद भी मुर्ताघ को इंग्लैंड की सीनियर टीम में जगह नहीं मिली।
इसके बाद मुर्ताघ की मुलाकात आयरलैंड के एड जोएस से हुई जिसने उन्हें आयरलैंड के लिए खेलने की सलाह दी। आयरलैंड में अपनी बेहतरीन गेंदबाजी के दम पर व टीम के प्रमुख गेंदबाज बन गए।
मुर्ताघ आयरलैंड के टेस्ट इतिहास की पहली गेंद फेंकने वाले गेंदबाज हैं। टेस्ट क्रिकेट में जेम्स एंडरसन के बाद सबसे ज्यादा फर्स्ट क्लास विकेट लेने के मामले में मुर्ताघ का नाम आता है।
लंदन के ऐतिहासिक लॉर्ड्स मैदान पर मुर्ताघ ने 291 फर्स्ट क्लास विकेट लिए हैं। इंग्लैंड के खिलाफ बुधवार को मुर्तघ ने सबसे तेज 5 विकेट (गेंदों के लिहाज से) झटके। उन्होंने केवल 44 गेंद फेंकी और अपना नाम हॉनर बोर्ड में दर्ज करा लिया।
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