दिल्ली के तुर्कमान गेट इलाके में जैसे ही आप दाखिल होते हैं तो हज मंजिल के मुख्य द्वार के नजदीक ही एक टेंट में महिलाएं सीएए और एनआरसी के विरोध में धरने पर बैठी हैं। केंद्र की मोदी सरकार तो इस मुद्दे पर चुप है ही, दिल्ली के अल्पसंख्यक वोटों पर टिकी केजरीवाल सरकार भी खामोश है।
इस समय दिल्ली में विधानसभा चुनावों का शोर है और महिलाओं के धरने से कोई सौ मीटर दूर मटियामहल सीट से कांग्रेस के उम्मीदवार जावेद मिर्जा अपनी चुनावी सभा कर रहे हैं। इस चुनावी सभा में काफी संख्या में स्थानीय लोग शामिल हुए और कांग्रेस नेता और फिल्म अभिनेत्री नगमा भी चुनाव प्रचार में शामिल हुईं।
कांग्रेस उम्मीदवार मिर्जा जावेद का कहना है कि, “केजरीवाल सरकार मुफ्त में चीजे बांटने की लालच दे रही है, लेकिन असली मुद्दा बिजली पानी, सड़क के साथ ही नागरिकता भी है। इसी कारण बीजेपी भी परेशान है।” मिर्जा जावेद इस क्षेत्र के बुनियादी मुद्दों को गिनाते हैं।
दिल्ली की मटियामहल विधानसभा सीट पर सबसे जाना माना राजनीतिक चेहरा शोएब इकबाल का रहा है। लेकिन फिलहाल उनके लोग उनसे नाराज हैं। लोगों का कहना है कि ऐसे मौके पर जब अल्पसंख्यक नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ सड़कों पर हैं, तो सिर्फ कांग्रेस उनके साथ है, जबकि शोएब इकबाल ने पाला बदल लिया है।
मटियामहल विधानसभा सीट पर वोटरों की संख्या करीब सवा लाख है। 2015 के चुनाव में करीब 70 फीसदी मतदान हुआ था और आम आदमी पार्टी के आसिम अहमद खान ने 47 हजार वोटों के साथ जीत हासिल की थी। कांग्रेस के शोएब इकबाल को करीब 21 हजार वोट मिले थे। इससे पहले 2013 में शोएब इकबाल ने जनता दल के उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ा था और 22 हजार वोट पाकर जीते थे जबकि कांग्रेस उम्मीदवार मिर्जा जावेद को करीब 20 हजार वोट मिले थे। आप के शकील अंजुम 18 हजार वोटों के साथ दूसरे नंबर पर रहे थे।
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