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'अपराधियों की रिहाई के बाद खौफ के साए में जी रही है बिलकीस बानो’, देखें उनके पति से ज़फ़र आग़ा की खास बातचीत

गुजरात सरकार द्वारा गैंगरेप और हत्या को 11 दोषियों की गुजरात सरकार द्वारा रिहाई के बाद आखिर किस तरह के हालात से दो-चार है बिलकीस बानो का परिवार। इस बारे में ज़फ़र आग़ा ने बिलकीस बानो के पति याकूब रसूल पटेल से विस्तृत बातचीत की।

फोटो : सोशल मीडिया
फोटो : सोशल मीडिया 

जिस वक्त देश 75वां स्वतंत्रता दिवस मना रहा था, उसी दिन गुजरात की बीजेपी सरकार ने बिलकीस बानो के 11 गुनाहगारों को रिहा कर दिया। इन सभी 11 अपराधियों को अदालत ने उम्रकैद की सजा सुनाई थी। इन्हें 2002 के गुजरात दंगों के दौरान बिलकीस बानो से गैंगरेप और उसके परिवार के लोगों की हत्या का दोषी पाया गया था। जिस समय बिलकीस बानों का गैंगरेप हुआ था उस समय उसकी उम्र 21 साल थी और वह पांच माह की गर्भवती थी।

इन 11 अपराधियों की रिहाई से पूरा देश सकते में है। लेकिन सबसे बड़ा सदमा बिलकीस बानो और उसके परिवार के लिए है। कौमी आवाज़ के चीफ एडिटर ज़फ़र आग़ा ने इस पूरे मुद्दे पर बिलकीस बानो के पति याकूब रसूल पटेल से बातचीत की। उन्होंने जानना चाहा कि आखिर इन अपराधियों की रिहाई के बाद बिलकीस बानो और उनके परिवार पर क्या गुजर रही है। याकूब रसूल ने बताया कि इन लोगों की रिहाई उनके लिए बहुत बड़ा झटका है। उन्होंने कहा, “इस खबर के बारे में मैंने ही बिलकीस को बताया और यह सुनकर वह सकते में आ गई है।”

याकूब रसूल ने बताया कि इस मामले का मुकदमा चलने के दौरान उन्हें कई बार अपना घर बदलना पड़ा है और वे लगातार खौफ के साए में ही जी रहे हैं। याकूब ने कहा, “अब तो ये लोग पूरी तरह जेल से बाहर आ गए हैं, लेकिन पहले भी जब ये लोग परोल पर जेल से बाहर आते थे तो हम खौफ में भी रहते थे।” याकूब ने बताया कि हालांकि वह काफी पहले अपना गांव छोड़ चुके हैं, लेकिन इन लोगों की रिहाई के बाद अब उनके जानने वाले भी खौफ में गांव छोड़ रहे हैं।

याकूब ने बताया कि उन्हें सोशल मीडिया से इन लोगों की रिहाई की जानकारी मिली थी, जो बाद में टीवी न्यूज में भी दिखाई गई। याकूब ने कहा कि, “इस खबर से बिलकीस की हिम्मत एकदम टूट गई है क्योंकि यह उसके लिए बिजली के झटके जैसी है।” याकूब रसूल पटेल ने बताया कि बिलकीस जबरदस्त सदमे में हैं और पूरा परिवार खौफ के साए में जी रहा है।

उन्होंने बताया कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले में जो सजा और हमारे लिए मुआवजा देने का आदेश हुआ था उसके बाद हमने जिंदगी को आगे बढ़ाने की तरफ कदम बढ़ाया था। याकूब ने कहा कि हमने इस मामले में दस्तावेज मांगे हैं और जब हमें इन लोगों की रिहाई के बारे में दस्तावेज मिलेंगे तो हम कानूनी कदम उठाएंगे। याकूब ने बताया कि, ‘बिलकीस का तो न्यायपालिका पर विश्वास ही डगमगा गया है।’

Published: 23 Aug 2022, 6:03 PM IST

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Published: 23 Aug 2022, 6:03 PM IST