दो बार के ओलम्पिक पदक विजेता सुशील कुमार का अगले साल टोक्यो में होने वाले ओलम्पिक खेलों के लिए क्वालीफाई करने का सपना टूट गया है। सुशील शुक्रवार को यहां जारी विश्व कुश्ती चैम्पियनशिप से बाहर हो गए और ओलम्पिक का टिकट नहीं कटा पाए। भारतीय खिलाड़ी को 74 किग्रा वर्ग के पहले दौर में अजरबैजान के खादजिमुराद गधजियेव के खिलाफ 9-11 से हार झेलनी पड़ी थी।
इसके बाद उम्मीद थी कि अगर गधजियेव फाइनल में पहुंचते हैं तो सुशील को रेपचेज खेलने का लौका मिलेगा, लेकिन अजरबैजान के खिलाड़ी को अमेरिका के जॉर्डन बुरोग्स ने क्वार्टर फाइनल में 8-1 के बड़े अंतर से मात दी।
सुशील ने 2008 में बीजिंग और 2012 में लंदन ओलम्पिक में पदक जीते थे। इसके अलावा, किरण मोर और प्रवीण राणा भी प्रतियोगिता से बाहर हो गए हैं। मोर को 70 किग्रा वर्ग के पहले दौर के मैच में उज्बेकिस्तान के इख्तियार नवरुजोव ने 7-0 के बड़े अंतर से हराया था। रूस के डेविड बेएव ने क्वार्टर फाइनल में नवरुजोव को 11-5 से करारी शिकस्त दी और भारतीय खिलाड़ी रेपचेज में पहुंचने का सपना तोड़ दिया।
प्रवीण को 92 किग्रा वर्ग के दूसरे दौर में यूक्रेन के लिउबोमेयर सगालीकुक ने 8-0 के बड़े अंतर से मात दी थी। सगालीकुक को क्वार्टर फाइनल में ईरान के अलीरेजा कारिमिमाचियानी ने 12-2 से करारी शिकस्त दी।
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भारत के पुरुष मुक्केबाज मनीष कौशिक शुक्रवार को यहां जारी विश्व मुक्केबाजी चैम्पियनशिप के 63 किलोग्राम भारवर्ग के सेमीफाइनल में हार कर कांस्य पदक की सीमित रह गए हैं। मनीष को मौजूदा विश्व चैम्पियन क्यूबा के एंडी क्रूज गोमेज ने 5-0 से मात दी।
मनीष ने हालांकि अच्छी प्रतिस्पर्धा दिखाई। मनीष ने पहले राउंड से ही अपने विपक्षी की गलती का इंतजार किया और काउंट अटैक के जरिए अंक बटोरने की कोशिश की लेकिन क्रूज का डिफेंस उनसे आगे रहा।
दूसरे राउंड में मनीष ने अपने काउंटर अटैक को और बेहतर किया और सही जगह पंच मारते हुए अंक बटोरेॉ, लेकिन क्रूज ने चतुर रणनीति से उन्हें कमजोर किया और मनीष को नियंत्रण खोने पर मजबूर किया। इस बीच मनीष अपना नियंत्रण खोते भी नजर आए जिसका फायदा क्रूज ने उठाया। तीसरे राउंड में क्यूबा के खिलाड़ी पूरी तरह से मनीष पर हावी रहे और आक्रामकता दिखाते हुए अंक लेते रहे।
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मुक्केबाजी विश्व चैम्पियनशिप के फाइनल में जगह बनाकर इतिहास रचने वाले भारतीय मुक्केबाज अमित पंघल ने शुक्रवार को कहा कि वह अपने देश के लिए स्वर्ण पदक जीतने के लिए अपना पूरा दमखम लगा देंगे। एशियाई खेलों में स्वर्ण पदक जीत चुके पंघल ने 52 किग्रा वर्ग के सेमीफाइनल में कजाकिस्तान के साकेन बिबिसोनोव को 3-2 से हराया। शनिवार को होने वाले फाइनल में अमित का सामना रियो ओलंपिक में स्वर्ण जीतने वाले शाखोबिदीन जोइरोव से होगा।
मैच के बाद अमित ने कहा, “जितना सोचकर आया था, उससे कहीं अधिक जोर लगाना पड़ा। मेरे साथियों ने मेरा काफी सपोर्ट किया है और इसके लिए मैं सबका धन्यवाद करना चाहूंगा। हमारी मुक्केबाजी के लिए यह बहुत बड़ी उपलब्धि है। मैं पूरी कोशिश करुं गा कि अपने देश के लिए गोल्ड जीत सकूं।”
अमित विश्व चैम्पियनशिप के फाइनल में पहुंचने वाले पहले भारतीय पुरुष मुक्केबाज हैं। अब तक पांच भारतीय पुरुष मुक्केबाजों ने विश्व चैम्पियनशिप में कांस्य जीता है। विजेंद्र सिंह ने 2009 में यह कारनामा किया था जबकि विकास कृष्णन ने 2011 और शिवा थापा ने 2015 में सेमीफाइनल तक का सफर तय किया था।
इसके अलावा गौरव विधूड़ी ने 2017 में सेमीफाइनल में पहुंचकर कांस्य जीता था लेकिन वह भारतीयों के पदक का रंग नहीं बदल सके थे।
इस साल मनीष कौशिक ने भी सेमीफाइनल का सफर तय किया लेकिन शुक्रवार को ही क्यूबा के मौजूदा विश्व चैम्पियन एंडी क्रूज के हाथों 63 किग्रा के सेमीफाइनल में 0-5 से हार गए।
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