दक्षिण अफ्रीका में 10 से 26 फरवरी तक होने वाले आगामी आईसीसी महिला टी20 विश्व कप के लिए नियमित कप्तान चमारी अथापथ्थू श्रीलंका की 15 सदस्यीय टीम की अगुआई करेंगी। अथापथ्थू की अगुआई वाली टीम में हरफनमौला हसीनी परेरा नहीं होंगी, जिन्हें शुरू में टीम में शामिल किया गया था, लेकिन बाद में अंगुली की चोट के कारण बाहर हो गईं। सत्य संदीपनी को उनके प्रतिस्थापन के रूप में नामित किया गया है। उन्होंने राष्ट्रीय टीम के लिए केवल भारत के खिलाफ 2020 टी20 विश्व कप मैच में उपस्थिति दर्ज कराई थी।
अनुभवी गेंदबाज अमा कंचना को कॉमनवेल्थ गेम्स के बाद पहली बार वापस बुलाया गया है। श्रीलंका को ग्रुप ए में न्यूजीलैंड, बांग्लादेश, मेजबान दक्षिण अफ्रीका और मौजूदा चैंपियन ऑस्ट्रेलिया के साथ रखा गया है। वो 10 फरवरी को मेजबान दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ टूर्नामेंट के पहले मैच के साथ अपने अभियान की शुरूआत करेगी। श्रीलंका टीम : चमारी अथापथ्थू (कप्तान), ओशादी रणसिंघे, हर्षिता समरविक्रमा, नीलाक्षी डी सिल्वा, कविशा दिलहारी, अनुष्का संजीवनी, कौशिनी नुथ्यंगना, मालशा शेहानी, इनोका रणवीरा, सुगंधिका कुमारी, अचिनी कुलसुरिया, विस्मी गुणरत्ने, तारिका सेवंडी, अमा कंचना, सत्य संदीपनी।
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भारतीय बल्लेबाज़ श्रेयस अय्यर ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ पहले टेस्ट से बाहर हो गए हैं। खबरों की मानें तो उन्हें अपनी पीठ की चोट से उबरने के लिए अभी और आराम करने की सलाह दी गई है। वह बुधवार को एनसीए लौटे और अब उन्हें वहां फ़िटनेस टेस्ट पास करना होगा। पीठ की चोट के कारण ही श्रेयस न्यूज़ीलैंड के ख़िलाफ़ वनडे सीरीज़ से बाहर हो गए थे।
माना जा रहा है कि बीसीसीआई ने एहतियातन यह क़दम उठाया है और वह दिल्ली में होने वाले दूसरे टेस्ट से पहले टीम से जुड़ जाएंगे।इससे पहले एनसीए में एक सप्ताह गुजारने के बाद वह अपने घर मुंबई लौटे थे। बांग्लादेश के खिलाफ टेस्ट सीरीज के दौरान उनके पीठ के निचले हिस्से में सूजन आ गया था। इसके लिए उन्हें एनसीए में इंजेक्शन भी दिया गया था।श्रेयस की जगह अभी भारतीय दल में किसी को भी शामिल नहीं किया गया है।
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फीफा ने घोषणा की है कि चीनी मैच अधिकारी मा निंग, झोउ फेई, झांग चेंग और फू मिंग, मोरक्को में होने वाले फीफा क्लब विश्व कप के उद्घाटन मैच में अंपायरिंग करेंगे। मा, मिस्र के अल अहली काहिरा और न्यूजीलैंड के ऑकलैंड सिटी के बीच बुधवार के मैच में रेफरी होंगे, जबकि झोउ और झांग सहायक रेफरी के रूप में काम करेंगे। पहली बार एक चीनी रेफरी टीम टूर्नामेंट में अंपायरिंग करेगी, साथ ही फू खेल के सहायक वीडियो सहायक रेफरी होंगे। 2022 फीफा क्लब विश्व कप 1 फरवरी से 11 फरवरी तक आयोजित किया जाएगा।
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अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति (आईओसी) ने रूसी ओलंपिक समिति (आरओसी) के अध्यक्ष स्टानिस्लाव पॉज्न्याकोव की टिप्पणियों पर प्रतिक्रिया दी है, जिसमें रूसी और बेलारूसी राज्य और सरकारों के खिलाफ प्रतिबंधों पर अपने रुख की पुष्टि की गई है। समाचार एजेंसी शिन्हुआ ने आईओसी के एक प्रवक्ता के हवाले से कहा, "रूसी और बेलारूसी राज्य और सरकारों के खिलाफ प्रतिबंधों से समझौता नहीं किया जा सकता है।" प्रवक्ता ने आगे कहा, "9 दिसंबर 2022 को हाल ही में हुई ओलंपिक शिखर सम्मेलन की बैठक में उनकी सर्वसम्मति से पुष्टि की गई है। यहां रूस या बेलारूस में आईएफ और एनओसी द्वारा कोई अंतरराष्ट्रीय खेल आयोजन या समर्थन नहीं किया गया।"
प्रवक्ता ने आगे कहा, "इन देशों का कोई भी झंडा, गान, रंग या कोई अन्य पहचान किसी भी खेल आयोजन या बैठक में प्रदर्शित नहीं किया जा रहा है, जिसमें संपूर्ण स्थल भी शामिल है। साथ ही किसी भी अंतरराष्ट्रीय खेल आयोजन या बैठक के लिए किसी भी रूसी और बेलारूसी सरकार या राज्य के अधिकारी को आमंत्रित या मान्यता प्राप्त नहीं होना चाहिए।" पॉज्न्याकोव ने पिछले हफ्ते आईओसी द्वारा रूसी एथलीटों को अपनी प्रतियोगिताओं में भाग लेने की अनुमति देने के कदम का स्वागत किया क्योंकि आईओसी ने कहा कि सख्त परिस्थितियों में प्रतियोगिता में एथलीटों की भागीदारी के लिए एक मार्ग का पता लगाया जाना चाहिए।
इस बीच, आरओसी प्रमुख रूसी एथलीटों पर लगाए गए अतिरिक्त शर्तों के खिलाफ थे। उन्होंने मंगलवार को पहले रूसी समाचार एजेंसियों को बताया, "रूसियों को अन्य सभी एथलीटों के समान शर्तों पर ही भाग लेना चाहिए। कोई भी अतिरिक्त शर्तें या मानदंड अवांछनीय हैं।"
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भारत के पूर्व फुटबॉलर परिमल डे का लंबी बीमारी के बाद बुधवार को यहां 81 साल की उम्र में निधन हो गया। 4 मई, 1941 को जन्मे डे को 2019 में पश्चिम बंगाल सरकार द्वारा बंग भूषण की उपाधि से सम्मानित किया गया था। 1960 के दशक में डे ने भारत के लिए शानदान प्रदर्शन किए। उन्होंने कुआलालंपुर में 1966 मर्डेका कप में कोरिया गणराज्य के खिलाफ मैच का एक मात्र गोलकर भारत को कांस्य पदक दिलाया। घरेलू स्तर पर उन्होंने अपनी टीम को 1962, 1969 में दो बार संतोष ट्रॉफी जिताने का गौरव प्राप्त हुआ। पूर्वी बंगाल के लिए फारवर्ड के रूप में खेलते हुए उन्होंने 84 गोल किए और 1968 में क्लब की कप्तानी भी की। डे ने 1966, 1970 और 1973 में तीन बार कलकत्ता फुटबॉल लीग और आईएफए शील्ड जीतने का गौरव हासिल किया और बीएनआर (1966) और ईरानी पक्ष पीएएस क्लब (1970) के खिलाफ आईएफए शील्ड फाइनल में गोल कर भारतीय फुटबॉल लोककथाओं में अपना नाम दर्ज कराया।
1966 का सीएफएल डे के लिए एक बड़ा टूर्नामेंट था क्योंकि उन्होंने पहले नौ मैचों में से प्रत्येक में गोल किया था। इनके अलावा, उन्होंने डूरंड कप (1967, 1970), रोवर्स कप (1967, 1969, 1973) में भी अपनी टीम को जिताया। डे 1971 में मोहन बागान के लिए भी खेले और उस साल फिर से अपनी टीम को रोवर्स कप जिताया। अखिल भारतीय फुटबॉल महासंघ (एआईएफएफ) ने डे के निधन पर शोक व्यक्त किया। एआईएफएफ के अध्यक्ष कल्याण चौबे ने कहा, "भारत के पूर्व स्टार परिमल डे का निधन भारतीय फुटबॉल के लिए एक बड़ी क्षति है। 1960 के दशक के सर्वश्रेष्ठ योजनाकारों में से एक थे और आज तक प्रशंसकों के दिलों और दिमाग में बने हुए हैं।" एआईएफएफ के महासचिव शाजी प्रभाकरन ने कहा, परिमल डे के निधन से पूरी भारतीय फुटबॉल बिरादरी बेहद सदमे में है। उनके परिवार के प्रति मेरी संवेदना है। उनकी आत्मा को शांति मिले।
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