राजस्थान के तीन खिलाड़ियों ने सोमवार को टोक्यो में पैरालिंपिक में इतिहास रच दिया। जिसके बाद राज्य सरकार ने राइफल शूटिंग में स्वर्ण पदक जीतने वाली अवनि लखेरा को 3 करोड़ रुपये, चूरू के देवेंद्र झाझड़िया को भाला फेंक में रजत पदक जीतने पर 2 करोड़ रुपये और पुरुषों की भाला फेंक स्पर्धा में कांस्य पदक जीतने वाले सुंदर सिंह गुर्जर को 1 करोड़ रुपये का नकद इनाम देने की घोषणा की। ये तीनों वन विभाग में सहायक वन संरक्षक के पद पर कार्यरत हैं।
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तीनों खिलाडियों को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बधाई दी। अपने ट्वीट में उन्होंने राजस्थान के एथलीटों के लिए पुरस्कार राशि की घोषणा की और कहा कि "हमें राज्य के खिलाड़ियों पर गर्व है जिन्होंने देश और राज्य को नाम और प्रसिद्धि दिलाई।"
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40 साल के झाझरिया तीन बार के पैरालंपिक पदक विजेता हैं। उन्होंने सोमवार को जेवलिन-एफ 46 में सिल्वर मेडल जीता। इससे पहले उन्होंने 2004 एथेंस गेम्स और रियो 2016 में गोल्ड मेडल जीते थे। वह तीन बार मेडल जीतने वाले पहले भारतीय हैं।
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झाझरिया की पत्नी मंजू ने कहा कि उन्होंने हैट्रिक बनाने और वापसी का वादा किया था। उन्होंने बताया कि वह आठ साल के थे जब एक हादसे के बाद उनका हाथ काटना पड़ा था। इसके अलावा करौली जिले के कांस्य पदक विजेता सुंदर सिंह गुर्जर का बायां हाथ उस समय कट गया जब 2016 में एक तेज तूफान के बाद एक टिन शेड उन पर गिर गया था। वहीं स्वर्ण जीतने वाली अवनि का 2012 में एक्सीडेंट हो गया था, जिसमें उनकी रीढ़ की हड्डी क्षतिग्रस्त हो गई थी, लेकिन अवनि ने हार नहीं मानी। स्वर्ण पदक विजेता अभिनव बिंद्रा और अपने माता-पिता की प्रेरणा ने उन्हें नई ऊंचाइयों को प्राप्त करने के लिए प्रेरित किया।
आईएएनएस के इनपुट के साथ
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