पेरिस ओलंपिक 2024 के शुरू होने में अब सिर्फ दो हफ्ते बचे हैं। भारत के शीर्ष एथलीटों में उत्साह बढ़ता जा रहा है, जो फ्रांस की राजधानी में अपनी छाप छोड़ने के लिए तैयार हैं। इस बार ओलंपिक में भारतीय एथलीट्स के पास पुराने सारे रिकॉर्ड्स ध्वस्त करने का सुनहरा मौका रहेगा, क्योंकि भारतीय दल में दुनिया के कई बेहतरीन एथलीट शामिल हैं।
ओलंपिक इस साल का सबसे बड़ा इवेंट है, जिसका आयोजन फ्रांस की राजधानी पेरिस में 26 जुलाई से 11 अगस्त तक होगा। भारत का प्रतिनिधित्व अगल-अलग खेलों में लगभग 120 खिलाड़ियों का दल करेगा। इस समूह में पहली बार ओलंपिक खेलने जा रहे और अनुभवी दिग्गज दोनों शामिल हैं।
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2020 टोक्यो ओलंपिक में भारतीय खिलाड़ियों की ओर से ऐतिहासिक प्रदर्शन देखने को मिला था। इस बार भारतीय दल से और बेहतर प्रदर्शन की उम्मीद है। 2020 टोक्यो ओलंपिक में पिछली बार भारत के नाम कुल 7 मेडल रहे थे। अब तक ओलंपिक खेलों में यह भारतीय खिलाड़ियों को बेस्ट प्रदर्शन था और उन्होंने 2012 लंदन ओलंपिक का रिकॉर्ड तोड़ा था। 2012 लंदन ओलंपिक में भारत ने 6 मेडल जीते थे।
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नीरज चोपड़ा (जैवलिन थ्रो): 2020 टोक्यो ओलंपिक में भारत के स्टार जेवलिन थ्रोअर ने स्वर्ण पदक जीतकर इतिहास रचा था। उन्होंने एथलेटिक्स में भारत का पहला ओलंपिक पदक सुनिश्चित किया और लंबे समय का अपना सपना पूरा किया।
पेरिस में होने वाले आगामी ग्रीष्मकालीन खेलों के करीब आते ही, हरियाणा का यह एथलीट एक बार फिर इतिहास रचने के लिए तैयार है। फिनलैंड में पावो नूरमी खेलों में 85.97 मीटर के प्रभावशाली थ्रो के साथ स्वर्ण पदक जीतने के बाद, चोपड़ा अब लगातार ओलंपिक स्वर्ण पदक जीतने वाले पहले भारतीय एथलीट के रूप में इतिहास रचने का लक्ष्य बना रहे हैं, ताकि वे न केवल पदक के लिए बल्कि स्वर्ण के लिए देश के सबसे मजबूत दावेदार के रूप में उभरें।
सात्विकसाईराज रंकीरेड्डी-चिराग शेट्टी (बैडमिंटन): विश्व स्तर पर तीसरे स्थान पर काबिज भारत की स्टार बैडमिंटन जोड़ी पदक की प्रमुख दावेदार हैं। टोक्यो खेलों में शुरुआती दौर में बाहर होने के बावजूद, उनके प्रदर्शन में तब से उछाल आया है।
2022 में, उन्होंने भारत की थॉमस कप जीत में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उसके बाद कॉमनवेल्थ गेम्स में स्वर्ण और बैडमिंटन विश्व चैंपियनशिप में कांस्य पदक जीता। 2023 में दोनों ने स्विस ओपन, बैडमिंटन एशियाई चैम्पियनशिप और इंडोनेशियाई ओपन में जीत के साथ अपनी विजय का सिलसिला जारी रखा।
मार्च 2024 में, दोनों ने फ्रेंच ओपन का खिताब जीता और इसके बाद मई में थाईलैंड ओपन में जीत हासिल की। इनका यह फॉर्म देखकर उम्मीद यही है कि इस बार ओलंपिक में वो देश के लिए पदक जीतेंगे।
निखत जरीन (बॉक्सिंग): ओलंपिक में डेब्यू की तैयारी कर रही दो बार की विश्व चैंपियन मुक्केबाज निखत ज़रीन पोडियम पर अपनी मजबूत दावेदारी पेश करने के लिए तैयार हैं।
51 किलोग्राम भार वर्ग में प्रतिस्पर्धा करने वाली निखत के नाम कई सफलताएं हैं, जिसमें 2019 में बुल्गारिया में प्रतिष्ठित स्ट्रैंड्जा मेमोरियल टूर्नामेंट में स्वर्ण और फरवरी 2024 में इसके 75वें संस्करण में रजत पदक शामिल है।
मई में एलोर्डा कप में उनकी हालिया जीत ने उनकी प्रतिस्पर्धी बढ़त को और भी बढ़ा दिया है। वर्तमान में जर्मनी में अन्य भारतीय मुक्केबाजों के साथ प्रशिक्षण ले रही 28 वर्षीय निखत पेरिस ओलंपिक में सफलता की एक बड़ी दावेदार के रूप में उभरी हैं।
मीराबाई चानू (वेटलिफ्टिंग): 2023 में चोटों से जूझने के बावजूद, टोक्यो ओलंपिक की रजत पदक विजेता मीराबाई चानू पेरिस ओलंपिक में मजबूत वापसी के लिए तैयार हैं। मीराबाई चानू ने टोक्यो ओलंपिक के पहले दिन ही भारत के लिए वेटलिफ्टिंग में सिल्वर मेडल अपने नाम कर लिया था। ये पहला मौका था जब ओलंपिक के इतिहास में भारत पहले ही दिन मेडल जीतने में कामयाब रहा था।
मनु भाकर (निशानेबाजी): अपने दूसरे ओलंपिक की ओर बढ़ रही मनु भाकर अनुभव और हाल ही में शानदार प्रदर्शन से प्राप्त आत्मविश्वास के साथ पेरिस ओलंपिक का बेसब्री से इंतजार कर रही हैं। टोक्यो में क्वालीफिकेशन राउंड में अपने लक्ष्य से चूकने के बाद 22 वर्षीय भाकर ने बेहतरीन प्रदर्शन किया है, खासकर एशियाई खेलों में महिलाओं की 25 मीटर पिस्टल टीम स्पर्धा में स्वर्ण पदक हासिल करना उनकी काबिलियत को दर्शाता है। उन्होंने अक्टूबर में चांगवोन में एशियाई शूटिंग चैंपियनशिप 2023 में महिलाओं की 25 मीटर पिस्टल स्पर्धा में 5वां स्थान हासिल करके भारत के लिए ओलंपिक कोटा भी हासिल किया।
भाकर एकमात्र ऐसी एथलीट हैं जो एक से अधिक व्यक्तिगत स्पर्धाओं, महिलाओं की 10 मीटर एयर पिस्टल और महिलाओं की 25 मीटर पिस्टल में भाग ले रही हैं और कई पदकों के लिए प्रतिस्पर्धा करने के लिए तैयार हैं।
भारतीय हॉकी टीम: 2020 टोक्यो ओलंपिक में भारतीय पुरुष हॉकी टीम ने जर्मनी को हराकर कांस्य पदक जीतकर खेल में पदक के लिए 41 साल का इंतजार खत्म किया।
इस साल, हरमनप्रीत सिंह की अगुवाई और अनुभवी गोलकीपर पीआर श्रीजेश की मदद से टीम 2022 एशियाई खेलों के स्वर्ण पदक की लय के साथ मैदान में उतरेगी, जिसका लक्ष्य 44 साल का सूखा खत्म करके ओलंपिक स्वर्ण पदक जीतना है।
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