क्रिकेट के नियमों में समय-समय पर बदलाव होते रहते हैं और क्रिकेट के ये नियम मेलबर्न क्रिकेट क्लब MCC तय करती है। ऐसे में अब क्रिकेट के फैन्स के लिए एक बार फिर काफी कुछ फिर से याद करने का मौका आ गया है। मंगलवार यानी 8 मार्च 2022 को MCC द्वारा नए नियमों का ऐलान किया गया है। नए नियम के मुताबिक अब क्रिकेट बॉल पर सलाइवा यानी थूक का इस्तेमाल करना हमेशा के लिए बैन हो गया है, इसके साथ ही कैच को लेकर, मांकडिंग के कानूम समेत कई नियमों में बदलाव किए गए हैं। तो चलिए हम आपको उन्हीं क्रिकेट के बदले नियमों के बारे में समझाते हैं।
MCC ने अब क्रिकेट में गेंद को चमकाने के लिए थूक के इस्तेमाल पर पूरी तरह से बैन लगा दिया है। आपको बता दें, पहले इसे केवल कोविड-19 की वजह से लागू किया गया था, लेकिन अब MCC इसे कानून बना रही है। खिलाड़ी गेंद को चमकाने के लिए पसीने का इस्तेमाल कर रहे थे और यह भी उतना ही प्रभावी था। बता दें, नया कानून बॉल पर सलाइवा लगाने की अनुमति नहीं देगा, क्योंकि गेंद पर अपनी लार लगाने के लिए खिलाड़ी शुगर वाले प्रोडेक्ट का इस्तेमाल करते हैं।
ऐसे में गेंद पर लार का उपयोग उसी तरह माना जाएगा जैसे गेंद की स्थिति को बदलने के किसी अन्य अनुचित तरीके से किया जाता है। यह सभी नियम 1 अक्टूबर, 2022 से लागू किए जाएंगे। यानी ऑस्ट्रेलिया में होने वाले टी-20 वर्ल्ड कप से पहले क्रिकेट के नियम बदल जाएंगे।
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इसके अलावा MCC के नए नियम के मुताबिक किसी भी प्लेयर के आउट हो जाने के बाद मैदान पर आने वाला नया खिलाड़ी ही स्ट्राइक लेगा, भले ही पिछले विकेट से पहले खिलाड़ियों ने स्ट्राइक ही क्यों न बदल ली हो। अभी तक था कि कैच आउट होने से पहले अगर शॉट खेलने वाला खिलाड़ी बॉलिंग एंड पर पहुंच जाता था तो नया बल्लेबाज नॉन स्ट्राइकर एंड पर ही रहता था। अब किसी भी तरह से आउट होने पर नया खिलाड़ी ही स्ट्राइक लेगा।
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MCC ने इस बार मांकडिंग के कानूम में भी बड़ा बदलाव किया है। आपको बता दें, यह क्रिकेट का वो नियम है जो लगातार विवादों में रहता है और इस पर लगातार चर्चा भी देखने को मिलती है। मांकडिंग के लॉ को अब लॉ 41 (अनफेयर प्ले) से बदल कर लॉ 38 कर दिया गया है। यानि अब मांकडिंग को रनआउट के तहत रखा जायेगा और इसे खेलभावना के खिलाफ नहीं माना जायेगा।
दरअसल मैच में दूसरे छोर पर खड़ा बल्लेबाज अगर गेंदबाज के हाथ से गेंद छूटने से पहले क्रीज से बाहर निकल आये तो उसे रन आउट करने को मांकडिंग कहते हैं। पूर्व भारतीय स्पिनर वीनू मांकड़ के नाम पर इस प्रक्रिया का नाम पड़ा। इसके कई उदाहरण भी हैं मांकड़ ने 1947 में इसी तरीके से ऑस्ट्रेलिया के बिल ब्राउन को आउट किया था। भारतीयों में कपिल देव ने दक्षिण अफ्रीका के पीटर कर्स्टन को 1992-93 की सीरीज के दौरान मांकडिंग से आउट किया था।
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MCC ने डेड बॉल के नियम में भी बदलाव किया है। मैच के मैदान में किसी व्यक्ति, जानवर या अन्य वस्तु से किसी भी पक्ष को नुकसान होता है तो यह डेड बॉल करार हो जायेगी। मैदान पर अचानक से घुस जाने वाले फैंस या अचानक से मैदान पर कुत्ते के आ जाने से खेल पर कोई असर पड़ता है तो अंपायर कॉल करेंगे और डेड बॉल का संकेत देंगे।
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आज के आधुनिक खेल में बल्लेबाज क्रीज पर हर तरफ घूमते हुए शॉट खेलता है। यह कई बार गलत भी माना जाता है। क्योंकि गेंदबाज बैटर के पास ही डिलिवरी करता है। लेकिन आखिर समय पर वाइड बॉल करार दी जाती है। ऐसे में कुछ संसोधन किया गया है। यदि बॉल बैटर के पास से गुजरती है और वह उसे खेलने में सक्षम होता है तो अंपायर इसे सही गेंद मान सकता है। यदि बैटर खेलने में सक्षम नहीं होता है तो वाइड करार दी जा सकती है।
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फील्डिंग टीम का कोई सदस्य गलत तरीके से मूवमेंट करता दिखाई देता है तो बैटिंग साइड टीम को पेनल्टी के तौर पर 5 रन दिये जायेंगे। पहले इस मामले में डेड बॉल करार दी जाती थी। ऐसे में यदि बैटर अच्छा शॉट मारता था, तो वह रन नहीं माने जाते थे। ऐसे में बैटर के साथ नाइंसाफी होती थी। अब ऐसा नहीं होगा।
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