पेरिस ओलंपिक में भाला फेंक स्पर्धा में सिल्वर मेडल जीतकर नीरच चोपड़ा में ने पूरे देश को गौरवान्वित कर दिया है। ओलंपिक में रजत पदक जीतने पर नीरज चोपड़ा ने कहा, "जब भी हम देश के लिए पदक जीतते हैं तो हम सभी खुश होते हैं। अब थ्रो में सुधार करने का समय है, हमें चोटों पर काम करना होगा। हम कमियों में सुधार करेंगे। हम बैठकर चर्चा करेंगे और प्रदर्शन में सुधार करेंगे।"
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नीरज चोपड़ा ने आगे कहा, "प्रतियोगिता शानदार थी। हर खिलाड़ी का अपना दिन होता है, आज अरशद का दिन था। टोक्यो, बुडापेस्ट, एशियाई खेलों का अपना दिन था। मैंने अपना सर्वश्रेष्ठ दिया, लेकिन कुछ चीजें हैं जिन पर ध्यान देने और काम करने की जरूरत है। हमारा राष्ट्रगान आज भले ही नहीं बजाया गया हो, लेकिन भविष्य में कहीं और जरूर बजाया जाएगा।"
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नीरज चोपड़ा पेरिस ओलंपिक की भालाफेंक स्पर्धा में रजत पदक जीतकर लगातार दो ओलंपिक पदक जीतने वाले पहले भारतीय ट्रैक और फील्ड खिलाड़ी बन गए लेकिन पाकिस्तान के अरशद नदीम ने ओलंपिक में नये रिकॉर्ड के साथ बाजी मार ली।
26 साल के नीरज का दूसरा थ्रो ही नीरज का एकमात्र वैध थ्रो रहा, जिसमें उन्होंने 89.45 मीटर फेंका जो इस सत्र का उनका सर्वश्रेष्ठ थ्रो था। इसके अलावा उनके पांचों प्रयास फाउल रहे। उन्होंने टोक्यो में 87.58 मीटर के थ्रो के साथ पीला तमगा जीता था।
वहीं, पाकिस्तान के नदीम ने नया ओलंपिक रिकॉर्ड बनाते हुए दूसरा थ्रो ही 92.97 मीटर का लगाया। उन्होंने छठा और आखिरी थ्रो 91.79 मीटर का लगाया। पाकिस्तान का 1992 बार्सीलोना ओलंपिक के बाद यह पहला ओलंपिक पदक है। इससे पहले दस मुकाबलों में नीरज ने हमेशा नदीम को हराया था।
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