भारतीय तीरंदाजी टीम ने पेरिस ओलंपिक के क्वालीफिकेशन दौर में अपने शानदार प्रदर्शन के बाद शुक्रवार को ‘टीम एकजुटता’ पर ध्यान लगाया जिससे 36 साल के इंतजार के बाद पहले ओलंपिक पदक की उम्मीद जगी है।
भारत 1988 में इस खेल में पदार्पण के बाद से तीरंदाजी पदक नहीं जीत पाया है और अभी तक क्वार्टर फाइनल की बाधा पार नहीं कर पाई है।
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गुरुवार को क्वालीफिकेशन दौर में पुरुष और महिला टीमों के क्रमशः तीसरे और चौथे स्थान पर रहने से सीधे क्वार्टर फाइनल का स्थान सुनिश्चित हुआ। अब उन्हें इतिहास रचने के लिए बस दो जीत की जरूरत है।
पुरुष टीम छठी वरीयता प्राप्त तुर्की और 11वीं वरीयता प्राप्त कोलंबिया के बीच होने वाले मैच के विजेता से भिड़ेगी। भारतीय पुरुष टीम सोमवार को एलिमिनेशन दौर से पहले दो और ट्रेनिंग सत्र में हिस्सा लेगी हैं।
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भारतीय पुरुष टीम के कोच सोनम शेरिंग भूटिया ने यहां दिन के अभ्यास के बाद पीटीआई को बताया, ‘‘तुर्की एक मजबूत टीम है क्योंकि उनके पास मेटे गाजोज है। लेकिन हमारी ताकत ‘टीम एकजुटता’ रही है और हम सिर्फ प्रक्रिया और अच्छी तरह से निशाना लगाने पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं। ’’
भारतीय पुरुष टीम में अनुभवी तरुणदीप राय हैं जो अपने चौथे ओलंपिक में भाग ले रहे हैं। उन्होंने एथेंस 2004 में शुरुआत की थी।
टीम के अन्य सदस्य तोक्यो ओलंपियन प्रवीण जाधव और उभरते सितारे धीरज बोम्मदेवरा हैं।
कोच ने कहा, ‘‘लंबे समय से चली आ रही ट्रेनिंग और ‘टीम एकजुटता’ बड़ी भूमिका निभायेंगे। तीरंदाज एक दूसरे के हाव भाव की भाषा और निशाना लगाने की शैली को जानते हैं।
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भारत ने हाल के समय में तुर्की का सामना नहीं किया है जिससे यह थोड़ा मुश्किल हो सकता है। कोच ने कहा, ‘‘यह सच है कि हमने हाल के समय में उनका सामना नहीं किया है लेकिन हमने इस साल शंघाई में विश्व कप में स्वर्ण पदक के लिए कोरिया को हराकर इतिहास रचा था। ’’
उन्होंने कहा, ‘‘तीरंदाज को कोई फर्क नहीं पड़ता कि उनका प्रतिद्वंद्वी कौन है। हमारी ट्रेनिंग का फोकस यही रहा है। तुर्की हो, फ्रांस हो या कोरिया हो। हम बस निशाना सही लगाने पर ध्यान लगाये हैं। ’’
अगर भारत क्वार्टर फाइनल की बाधा पार कर लेता है तो उसका सेमीफाइनल में सामना मेजबान फ्रांस से हो सकता है। फ्रांस का सामना इटली और कजाखस्तान के बीच होने विजेता से होगा।
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