भारतीय हॉकी टीम ने पेरिस ओलंपिक में कमाल कर दिया है। टीम इंडिया ने स्पेन को 2-1 से हराकर कांस्य पर कब्जा कर लिया है। टोक्यो के बाद लगातार दूसरी बार भारत ने कांस्य पदक जीता है। इसी के साथ भारत की झोली में एक और पदक आ गया है। इसी के साथ भारत ने अबतक 4 मेडल जीत लिए हैं, वहीं भारतीय हॉकी टीम ने इस जीत के साथ ओलंपिक में 13 मेडल जीत लिया है। टीम इंडिया की ओर से दोनों गोल हरमनप्रीत सिंह ने किए। ये दोनों गोल पेनल्टी कॉर्नर पर आए। भारत ने 50 साल बाद बैक टू बैक दो ओलंपिक मेडल हासिल किए हैं।
इससे पहले पूरे टूर्नामेंट में एक चैंपियन की तरह खेलने वाली भारतीय टीम का 44 साल बाद ओलंपिक स्वर्ण पदक जीतने का सपना एक रोमांचक मुकाबले में मंगलवार को जर्मनी से 2-3 से मिली हार के साथ टूट गया था।
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यह मैच भारत के दिग्गज गोलकीपर पीआर श्रीजेश का आखिरी अंतर्राष्ट्रीय मैच है। भारत और स्पेन के बीच पहला क्वार्टर गोल रहित बराबरी पर रहा था। इसके बाद दूसरे क्वार्टर में स्पेन ने गोल कर बढ़त हासिल कर ली थी। हालांकि, दूसरा क्वार्टर खत्म होने से कुछ समय पहले ही हरमनप्रीत सिंह गोल कर भारत को बराबरी दिलाई। दोनों टीमों के बीच हॉफ टाइम तक मुकाबला 2-2 की बराबरी पर चल रहा था।
इसके बाद तीसरे क्वार्टर में हरमनप्रीत सिंह ने भारत को बढ़त दिलाई। चौथे क्वार्टर में दोनों टीमों ने गोल करने की काफी कोशिश की, लेकिन सफल नहीं हुए। हरमनप्रीत ने जहां भारत को बढ़त दिलाई, वहीं श्रीजेश ने गोल पोस्ट पर शानदार बचाव कर स्पेन को बराबरी करने से रोके रखा। 1968 और 1972 के बाद यह पहली बार है जब भारतीय पुरुष हॉकी टीम ने लगातार दो ओलंपिक में पदक अपने नाम किया है। इस शानदार प्रदर्शन के बाद पीआर श्रीजेश ने अंतरराष्ट्रीय हॉकी को अलविदा कह दिया है।
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