विश्व फुटबॉल संस्था फीफा ने अखिल भारतीय फुटबॉल महासंघ (एआईएफएफ) को तीसरे पक्ष की दखलंदाजी के कारण तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है। हालांकि फीफा ने भारतीय फुटबॉल पर लगे प्रतिबंध को हटाने के लिए कुछ महत्वपूर्ण कदम उठाने की बात कही है। फीफा का मानना है कि उच्चतम न्यायालय द्वारा नियुक्त प्रशासकों की समिति, जिसका भारतीय फुटबॉल को चलाने में दखल होगा, तीसरे पक्ष का दखल है। फीफा इस बात से खुश नहीं है कि प्रशासकों की समिति ने पूर्व खिलाड़ियों को वोटिंग के अधिकार दिए हैं। यह भारतीय फुटबॉल को प्रतिबंधित करने का तत्काल कारण हो सकता है।
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तीसरे पक्ष के दखल पर फीफा ने कहा, ‘‘यह एक आदर्श विचार नहीं होगा कि इलेक्ट्रोल कॉलेज में राज्य संघों के प्रतिनिधियों की तरह बराबर संख्या में प्रख्यात खिलाड़ी हों। प्रशासकों की समिति द्वारा उच्चतम न्यायालय में जमा कराये ड्राफ्ट संविधान के अनुसार 36 राज्यों के प्रतिनिधि और सम्पूर्ण भारत से 36 प्रख्यात खिलाड़ी होंगे-24 पुरुष और 12 महिला। विश्व संस्था को कार्यकारी समिति में 25 फीसदी पूर्व खिलाड़ियों के सदस्यों के रूप में होने पर कोई आपत्ति नहीं है।’’
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फीफा परिषद के ब्यूरो ने फैसला किया है कि निलंबन को हटाना निम्नलिखित शर्तों को पूरा करने पर निर्भर करेगा और उसने प्रतिबंध को हटाने के लिए कई उपाए सुझाये हैं।
एआईएफएफ के संविधान को फीफा और एएफसी की जरूरतों के अनुसार संशोधित किया जाए और इसे एआईएफएफ की आम सभा द्वारा किसी तीसरे पक्ष के दखल के बिना मंजूर किया जाए। एआईएफएफ अपनी आगामी चुनाव प्रक्रिया को संवैधानिक जरूरत के अनुसार करे और अपने चुनाव को एआईएफएफ के मौजूदा सदस्यता ढांचे के अनुसार करे।
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प्रशासकों की समिति के जनादेश को पूरी तरह निरस्त किया जाए। एआईएफएफ प्रशासन अपने रोजाना के मामलों के लिए पूरी तरह जिम्मेदार हो। एक स्वतंत्र चुनाव समिति का चयन एआईएफएफ आम सभा द्वारा किया जाए जो नई कार्यकारी समिति के चुनावों को आयोजित करे।
संयोग से बुधवार एआईएफएफ अध्यक्ष पद के लिए नामांकन भरने की अंतिम तारीख है। साथ ही बुधवार को मौजूदा मामले पर उच्चतम न्यायालय में सुनवाई भी है।
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इससे पहले फीफा ने कहा था कि उसकी परिषद ने एआईएफएफ को निलंबित करने का सर्वसम्मति से फैसला किया है जिसका मतलब है कि भारत में अक्टूबर में होने वाले फीफा अंडर 17 महिला विश्व कप की मेजबानी करना संभव नहीं हो पायेगा। विश्व संस्था ने कहा कि वह अंडर 17 विश्व कप के मुद्दे का आकलन कर रहा है और उसे उम्मीद है कि भारत में खेल मंत्रालय के साथ उसकी बातचीत का सकारात्मक हल निकल आएगा।
आईएएनएस के इनपुट के साथ
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