अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) ने विश्व कप फाइनल में कुमार धर्मसेना के फैसले का समर्थन किया है। इंग्लैंड की पारी के आखिरी ओवर में न्यूजीलैंड के फील्डर मार्टिन गुप्टिल का थ्रो बेन स्टोक्स के बल्ले से टकराकर बाउंड्री के पर चला गया। इंग्लैंड को छह रन दिए गए जिससे मैच टाई हो गया और सुपर ओवर तक चला गया।
टीवी रिप्ले से जाहिर था कि जब गुप्टिल ने गेंद फेंकी थी, तब आदिल राशिद और स्टोक्स ने दूसरा रन नहीं लिया था। लिहाजा, उन्हें पांच रन दिए जाने चाहिए थे।
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धर्मसेना ने भी बाद में अपनी गलती मानी थी, लेकिन उन्होंने कहा था कि उन्हें अपने फैसले पर कभी मलाल नहीं होगा, क्योंकि रिप्ले में चीजों को देखना और समझना आसान होता है।
स्पोर्ट्स की एक वेबसाइट ने आईसीसी के महाप्रबंधक ज्योफ एलर्डाइस के हवाले से बताया, "गेंद के दौरान जो कुछ भी हुआ, उसके बाद उन्होंने बात की और अपना निर्णय लिया। उन्होंने फैसला लेने से पहले सही प्रक्रिया का पालन किया।"
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एलर्डाइस ने कहा, "बल्लेबाजों ने पिच को क्रॉस किया या नहीं, यह निर्णय लेते समय उन्हें नियमों की जानकारी थी। खेल की स्थिति उन्हें उस प्रकार निर्णय को तीसरे अंपायर तक ले जाने की अनुमति नहीं देती है। जब मैदान पर अंपायरों को उस तरह का निर्णय लेना होता है उस समय मैच रैफरी हस्तक्षेप नहीं कर सकता।"
(आईएएनएस इनपुट के साथ)
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