भारत का ओलंपिक खेलों में इतिहास 124 साल पुराना है। पेरिस 1900 से लेकर टोक्यो 2020 तक, ओलंपिक के साथ भारत का रिश्ता बेहद खास रहा है। भारत के लिए सबसे सफल साल टोक्यो 2020 रहा और अब देश की नजर पेरिस ओलंपिक में अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने पर है। ओलंपिक के मंच पर भारत का इतिहास हॉकी में काफी सुनहरा है। भारत के नाम हॉकी में रिकॉर्ड आठ स्वर्ण पदक, जिनमें से छह लगातार है।
ये ऐसे आंकड़े हैं जो इस मंच पर भारत की काबिलियत की गवाही देते हैं। केडी जाधव ओलंपिक की व्यक्तिगत स्पर्धा में पदक जीतने वाले पहले भारतीय खिलाड़ी थे। जाधव ने 1952 के हेलसिंकी ओलंपिक में कुश्ती में कांस्य पदक जीतकर इतिहास रचा था। इसके बाद व्यक्तिगत स्पर्धा में, बीजिंग 2008 में अभिनव बिंद्रा का ऐतिहासिक स्वर्ण और टोक्यो 2020 में नीरज चोपड़ा द्वारा पहला ट्रैक-एंड-फील्ड स्वर्ण शामिल है।
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इस दौरान कुछ उतार-चढ़ाव भी आए और कुछ दिल टूटने की घटनाएं भी हुईं। भारत ने 124 साल में कुल 35 मेडल जीते हैं। जिनमें 10 स्वर्ण, 9 रजत और 16 कांस्य पदक शामिल हैं। भारत ने हॉकी में 12, एथलेटिक्स में 3, वेटलिफ्टिंग में 2, बॉक्सिंग में 3, टेनिस में 1, रेसलिंग में 7, बैडमिंटन में 3 और शूटिंग में 4 मेडल जीते हैं।
ओलंपिक में भारत के लिए सबसे सफल खेल हॉकी रहा है। भारतीय पुरुष हॉकी टीम ने सर्वाधिक 8 स्वर्ण पदक जीते हैं। भारत ने एक स्वतंत्र राष्ट्र के रूप में 1948 में अपना पहला ओलंपिक स्वर्ण पदक जीता था। भारतीय हॉकी टीम ने फाइनल में ग्रेट ब्रिटेन को 4-0 से हराकर स्वर्ण पदक हासिल किया। भारत के पास कुल मिलाकर 10 ओलंपिक स्वर्ण पदक हैं, जिनमें से 2 व्यक्तिगत खिलाड़ियों ने जीते हैं।
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भारतीय हॉकी टीम ने 1928 से 1956 के बीच ओलंपिक में लगातार 6 स्वर्ण पदक जीते। इसके अलावा 1964 और 1980 के संस्करणों में भारत ने हॉकी में 2 और स्वर्ण पदक अपने नाम किए थे। व्यक्तिगत खेलों में भारत के नाम केवल दो स्वर्ण हैं। 2008 में अभिनव बिंद्रा ने इतिहास रचते हुए ओलंपिक खेलों में स्वर्ण पदक जीता था। उन्होंने बीजिंग में हुए खेलों में 10 मीटर एयर राइफल में यह पदक जीता था। वह भारत की ओर से व्यक्तिगत खेलों में स्वर्ण पाने वाले पहले खिलाड़ी बने थे। जबकि 2020 में नीरज चोपड़ा ने जेवलिन थ्रो में भारत के इतिहास में दूसरा व्यक्तिगत स्वर्ण पदक जीता था।
पेरिस ओलंपिक 2024 में सिर्फ 9 दिन बचे हैं और भारत के शीर्ष एथलीटों की तैयारी अंतिम चरण में है। ओलंपिक के इतिहास में भारत के लिए पिछला यानी टोक्यो ओलंपिक सबसे यादगार रहा। भारतीय दल ने कुल सात मेडल जीते थे। मगर इस बार देश को कम से कम इस आंकड़े को दहाई अंक में बदलने की उम्मीद है। यदि ऐसा होता है, तो ओलंपिक इतिहास में पहली बार भारत दहाई के आंकड़े को छुएगा।
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