बांग्लादेश के पूर्व हरफनमौला खिलाड़ी मुशर्रफ हुसैन का 40 साल की उम्र में ब्रेन कैंसर से तीन साल तक जूझने के बाद निधन हो गया। उन्होंने पांच वनडे मैच खेले और प्रथम श्रेणी क्रिकेट में शानदार रन बनाए, साथ ही अपने बाएं हाथ की स्पिन के साथ कई विकेट भी चटकाए थे।
पिछले साल के अंत में हुसैन की चेन्नई के एक अस्पताल में ब्रेन सर्जरी हुई थी। लेकिन इस साल की शुरुआत में उनका स्वास्थ्य बिगड़ गया और उन्हें पिछले महीने ढाका के यूनाइटेड अस्पताल के आईसीयू में भर्ती कराया गया था। इसके बाद उनका 19 अप्रैल को निधन हो गया। इस बारे में बुधवार को मिरर डॉट को डॉट यूके में एक रिपोर्ट में जानकारी दी गई।
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उनके परिवार में उनकी पत्नी और एक बच्चा है। बांग्लादेश क्रिकेट बोर्ड (बीसीबी) ने सोशल मीडिया के माध्यम से उनके निधन पर दुख जताया। बीसीबी ने ट्वीट किया, "बांग्लादेश क्रिकेट बोर्ड (बीसीबी) बांग्लादेश की राष्ट्रीय टीम के पूर्व खिलाड़ी मुशर्रफ हुसैन रुबेल के निधन पर शोक व्यक्त करता है। बाएं हाथ के स्पिनर ने दो दशकों के करियर में सभी प्रारूपों में 550 से अधिक विकेट लिए। बीसीबी गहरी सहानुभूति और संवेदना व्यक्त करता है।"
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हुसैन ने 2001/02 में ढाका विश्वविद्यालय के छात्र के रूप में अपना क्रिकेट करियर शुरू किया।
रिपोर्ट में कहा गया है कि 2008 में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ राष्ट्रीय टीम के लिए अपनी पहली उपस्थिति बनाने से पहले उन्होंने इसी अवधि में बांग्लादेश ए का प्रतिनिधित्व किया था।
उन्होंने अक्टूबर 2016 में अफगानिस्तान के खिलाफ वापसी की, लगभग आठ वर्षों तक बाहर रहने के बाद अपना दूसरा वनडे मैच खेल रहे थे, जो एक बांग्लादेशी क्रिकेटर के लिए अंतर्राष्ट्रीय प्रदर्शनों के बीच सबसे लंबी दूरी थी। उनका पांच वनडे में से आखिरी मैच इंग्लैंड के खिलाफ खेला गया था और उन्होंने कुल चार वनडे विकेट लिए थे।
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हालांकि, वह प्रथम श्रेणी स्तर पर एक बड़ा नाम थे, जो बेहतरीन ऑलराउंडर के नाम से प्रसिद्ध थे। उन्होंने 112 मैचों में 29.02 की औसत से 392 विकेट लिए। रिपोर्ट में कहा गया है, "हुसैन बांग्लादेश में प्रथम श्रेणी क्रिकेट में 3,000 रन बनाने और 300 विकेट लेने वाले सात क्रिकेटरों में से एक हैं।" उन्होंने ढाका ग्लेडियेटर्स के लिए अपने 3/26 शानदार गेंदबाजी के लिए 2013 बांग्लादेश प्रीमियर लीग फाइनल में प्लेयर-ऑफ-द-मैच का पुरस्कार जीता था।
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