क्रोएशिया पहली बार विश्व कप के फाइनल में पहुंचा है जहां उसका सामना रविवार को 1998 की विजेता फ्रांस से होगा। वहीं इंग्लैंड तीसरे स्थान के मैच के लिए शनिवार को बेल्जियम से भिड़ेगा।
क्रोएशिया पहले हाफ में एक गोल से पीछे थी, लेकिन दूसरे हाफ में उसने मैच का पासा पलट दिया और बराबरी का गोल किया। तय समय में मैच 1-1 की बराबरी पर खत्म हुआ और मैच अतिरिक्त समय में गया, जहां मांड्जुकिक ने गोल कर अपनी टीम के लिए इतिहास रचा। मांड्जुकिक ने यह गोल ईवान पेरीसिक के पास पर किया। पेरीसिक ने बॉक्स के अदंर मांड्जुकिक को गेंद दी जिन्होंने बेहद आसानी से उसे गोल के निचले कोने में डाल अपनी टीम को निर्णायक 2-1 की बढ़त दिलाई जो विजयी साबित हुई।
इंग्लैंड को इस मैच में अपनी गलतियों पर काफी पछतावा हो रहा होगा। पांचवें मिनट में ही 1-0 से आगे होने के बाद उसके पास तीन से चार गोल करने के बेहद आसान और साफ मौके आए, लेकिन इंग्लैंड के कप्तान और इस विश्व कप में अभी तक सबसे ज्यादा छह गोल करने वाले हैरी केन, जेसे लिंगार्ड और रहीम स्टर्लिग अहम मैच में आसान से मौकों को भी नहीं भुना पाए। अगर यह खिलाड़ी अपने पास आए मौकों पर गोल कर देते तो इंग्लैंड तय समय में क्रोएशिया को मात दे देता।
शायद किस्मत को भी कुछ और मंजूर था। क्रोएशिया शुरुआती पलों में भी गोल खाने के बाद डिगी नहीं और उसने शानदार वापसी करते हुए ऐतिहासिक सफलता हासिल की।
इंग्लैंड को इस अहम मैच में जिस तरह की शुरुआत चाहिए थी वो उसे मिली। पांचवें मिनट में ही कीरान ट्रिपिर ने गोल कर इंग्लैंड को बढ़त दिलाई। इंग्लैंड को फ्री किक मिली जिसे ट्रिपिर ने गोल के बाएं कोने में डाल अपनी टीम को 1-0 से आगे कर दिया। इसके बाद इंग्लैंड के पास कई मौके आए जब वो अपनी बढ़त को दोगुना या तीनगुना कर सकती थी, लेकिन एक भी मौके पर वो सफल नहीं रही।
15वें मिनट में उसे कॉर्नर मिला। हैरी मैग्यूर इस मौके पर सही हेडर नहीं लगा पाए। केन 30वें मिनट में क्रोएशिया के गोलकीपर को छका नहीं पाए। उनके पास रिबाउंड पर भी गोल करने का मौका था और इस बार भी कप्तान विफल रहे। 36वें मिनट में लिंगार्ड ने गेंद को बाएं कोने से बाहर खेल आसान सा मौका खो दिया।
क्रोएशिया हालांकि इस बीच शांत नहीं रही। अपनी मजबूत मिडफील्ड के लिए जानी जाने वाली इस टीम ने 19 से 23वें मिनट के भीतर तीन मौके बनाए। पेरीसिक ने अच्छी तरह से अपने लिए स्पेस बनाने के बाद गेंद को गोल पोस्ट में डालना चाहा, लेकिन उनका शॉट वॉल्कर से पैर से टकरा गया।अगले ही मिनट एंटे रेबिक ने इंग्लैंड के एश्ले यंग को तो छका दिया लेकिन वो जॉन स्टोन्स को पार नहीं कर पाए। 23वें मिनट में पेरीसिक एक बार फिर गेंद को नेट में डालने से चूक गए।
पहले हाफ में एक गोल खाने के बाद दूसरे हाफ में क्रोएशिया ने वो खेल दिखाया जिसने इंग्लैंड को मिनट दर मिनट बीतने के साथ ही पीछे धकेला। वो ज्यादा अटैक कर रही थी और गेंद को उसने अपने पास भी ज्यादा रखा। वहीं इंग्लैंड ने इस हाफ में कुछ और मौके गंवाए।
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क्रोएशिया हिम्मत नहीं हार रही थी और 68वें मिनट में पेरीसिक ने बराबरी का गोल दाग कर उसमें नई जान फूंक दी। पेरीसिक ने वॉल्कर को छकाते हुए गेंद सिमे वसाल्जको को दी जिन्होंने पेरीसिक को रिटर्न पास दिया और इस बार पेरीसिक ने मौका नहीं गंवाया।
इस गोल ने क्रोएशिया की टीम में उत्साह भर दिया। तीन मिनट बाद उसने अपने स्कोर का आंकड़ा दो कर दिया होता लेकिन पहले पेरीसिक की किक गोलपोस्ट से टकरा कर वापस आ गई और फिर रेबिक रिबाउंड पर गोल नहीं मार पाए।
यहां से क्रोएशिया ने पूरी तरह से इंग्लैंड पर दवाब बना लिया, हालांकि इस दवाब में इंग्लैंड के गोलकीपर जॉर्न पिकफोर्ड बिना किसी परेशनी के अपना काम करते रहे और क्रोएशिया को कई मौकों पर दूसरा गोल करने से महरूम रखा। नतीजन मैच तय समय में बराबरी पर खत्म हुआ।
अतिरिक्त समय के दूसरे हाफ में मांड्जुकिक ने बेहतरीन गोल कर क्रोएशिया को जीत पक्की की।
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