खेल

FIFA 2022: खिताब से सिर्फ 90 मिनट दूर फ्रांस, सेमीफाइनल में 2-0 से जीत कर मोरक्को को किया विश्व कप से विदा

फ्रांस सेमीफाइनल जीत गया। अब खिताब से वह सिर्फ एक मैच और 90 मिनट दूर है जहां उसके रास्ते में मेसी की अर्जेंटीना खड़ी है। सेमीफाइनल में उसने मोरक्को को 2-0 से मात दी।

फोटो सौजन्य : @FIFAWorldCup
फोटो सौजन्य : @FIFAWorldCup 

कोलाहल, हुंकार और जोश से लबरेज गूंजती आवाजें बीती रात मानों फीफा विश्व कप के सेमीफाइनल पर पूरी तरह हावी थीं। सेमीफाइनल एक ऐसे खेल का जो पहले से ही दांव पर बहुत कुछ लगा हुआ था। सेमीफाइनल मैच में ऐसा उत्साह और एक तनाव भी था जो आमतौर पर विश्व कप में होता नहीं है। खेल के बहुत ही मामूली क्षणों में भी मोरक्को के हज़ारों समर्थक, एक साथ ऐसे चिल्ला रहे थे, मानो अपनी आवाजों से आकाश को भेद देना चाहते हों। मामूली से थ्रो इन से लेकर सिर्फ फ्रांस के पेनाल्टी एरिया में बॉल आ जाने भर पर वे चिल्ला उठते थे। मोरक्को के समर्थन की आवाजें लगातार गुंजायमान थीं, जिनके सामने उत्तरी गोल की तरफ फ्रांस के समर्थकों का एक छोटा सा हिस्सा कुछ आशंकित नजर आ रहा था।

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कतर के अल बैयत स्टेडियम में बीती रात मोरक्को मानो होम टीम थी, और इसकी गवाह वह रात थी जहां मोरक्को एक इतिहास लिखकर विश्व कप से विदा ले रहा था। मोरक्को के कोच वलीद रिगरागी ने सही ही कहा, “पूरी दुनिया आज इस मोरक्को टीम पर गर्व महसूस कर रही है क्योंकि हमने खेल में जी जान लगा दी, हमने ईमानदारी से खेला और दुनिया को दिखा दिया कि मेहनत का नतीजा क्या होता है।”

इसमें कोई शक भी नहीं कि मोरक्को की मेहनत और जीतने की उनकी इच्छा साफ नजर आई, लेकिन फ्रांस की करीने से गढ़ी टीम, खेल की बारीकियों से खेलते उनके खिलाड़ी और विशेष फ्रेंच टच के सामने सिर्फ इतना ही काफी नहीं था कि मोरक्को उस फ्रांस को मात दे सकता जिसने 2018 के विश्व कप में जीत हासिल करने के बाद भी अपनी प्रतिभाओं को निखारने का ऐसा सिस्टम बनाया है जो विश्व फुटबॉल के लिए एक मिसाल बन गया है। इसीलिए मोरक्को के कोच ने कहा कि सिर्फ करिश्मे से विश्व कप जैसे टूर्नामेंट नहीं जीते जाते....

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खेल के पहले 5 मिनट में  ही साफ हो गया था विश्व कप में एक तरह से सपनों के पंखों पर सवार होकर आखिरी चार में पहुंचे मोरक्को के लिए यह मैच आखिरी होगा। फ्रांस के सेंटर बैक राफेल ने दाईं तरफ से गीजमैन को पास दिया और वे मोरक्को की रक्षा पंक्ति को भेदते हुए बॉल को अपने साथ लिए आगे ले गए और उन्होंने एमबापे को एक शानदार क्रॉस दिया। उनके शॉट को रोकने की कोशिश तो हुई लेकिन गोलपोस्ट के बाईं तरफ से अंदर दाखिल हो गई।

इस बढ़त के बाद फ्रांस ने मानो तय कर लिया था कि अब मोरक्को को संभलने का मौका ही नहीं देना है। हालांकि दूसरे हाफ में मोरक्को काफी संयमित नजर आ रहा था लेकिन 79वें मिनट में फांस ने एक और गोल मारकर मानो तय कर दिया कि विश्व कप पर कब्जे से वह बस 90 मिनट दूर है जहां बीच में मेसी की अर्जेंटीना सामने खड़ी होगी। फ्रांस के कोच ने सही ही कहा कि यह कोई आसान जीत नहं थी। उन्होंने कहा कि, “हमने शानदार खेल दिखाया और अनुभव हमारे साथ था।” फ्रांस के कोच डेसचैंप जो एक बार खिलाड़ी के तौर पर और दो बार कोच के तौर पर विश्व कप जीत चुके हैं, इस जीत के बाद काफी उत्साहित नजर आए।

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यह उनका अनुभव ही था कि उन्होंने दूसरे हाफ में खेल के 65वें मिनट में एमबापे को सेंटर फारवर्ड पोजीशन में जाने को कहा जिसके बाद मोरक्को एक तरह से असहाय सा नजर आने लगा। इस बदलाव के 14 मिनट बाद ही नतीजा सामने था और स्कोर बोर्ड पर फ्रांस के पक्ष में 2-0 लिखा नजर आ रहा था।

कुछ गलतियां मोरक्को लगातार कर रहा था और उनके कोच समझ रहे थे कि ये कितनी भारी पड़ सकती हैं। उन्होंने कहा भी कि हमने लगातार कोशिश तो कर रहे थे कि फ्रांस को खेल की शुरुआत में मिली बढ़त की बराबरी कर ली जाए, लेकिन मामूली गलतियों की भी ऐसे स्टेज पर आकर भारी कीमत चुकानी पड़ती है।

मोरक्को विश्वकप से विदा हो रहा था, फ्रांस खिताब से 90 मिनट दूर था, लेकिन उसकी इस जीत का जश्न उतना उत्साह बढ़ाने वाला नहीं था। फ्रांस की टीम ने खामोशी से दर्शकों का अभिवादन किया। मोरक्को की हार मानो कतर की हार थी, इसलिए सन्नाटे में आ गया था लगभग पूरा स्टेडियम।

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