केरल के जाने-माने पूर्व फुटबॉलर टी.के. चथुन्नी का बुधवार को 79 वर्ष की आयु में कैंसर से जूझते हुए एक निजी अस्पताल में निधन हो गया। प्रतिष्ठित संतोष ट्रॉफी में केरल और गोवा के लिए डिफेंडर के तौर पर खेलने वाले चथुन्नी ने कोचिंग की दुनिया में भी खूब नाम कमया। वह भारतीय फुटबॉल के बेहतरीन कोचों में गिने जाते थे। अपने कोचिंग कार्यकाल में, उन्होंने मोहन बागान, एफसी कोचीन और डेम्पो गोवा सहित देश के कई प्रमुख क्लबों के अलावा केरल टीम को भी कोचिंग दी। उनके कोचिंग करियर की मुख्य उपलब्धि आई.एम. विजयन और कई अन्य प्रतिभाशाली खिलाड़ियों को तैयार करना था। विजयन ने कहा, "मैं उनका आभारी हूं क्योंकि उन्होंने ही मुझे फुटबॉलर विजयन बनाया।"
उनके निधन पर फुटबॉल समुदाय और राजनीतिक नेताओं ने व्यापक शोक व्यक्त किया है। केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन और राज्य विधानसभा में विपक्ष के नेता वी.डी. सतीसन ने उनके निधन पर शोक व्यक्त किया। अपने संदेश में मुख्यमंत्री ने याद किया कि चथुन्नी चार दशकों तक खिलाड़ी और कोच के रूप में सक्रिय रहे।
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कतर के खिलाफ भारत की विवादित हार के बाद, अखिल भारतीय फुटबॉल महासंघ (एआईएफएफ) ने एक बयान जारी कर बताया कि उसने मैच आयुक्त को शिकायत की है और पूरे मामले की गहन जांच की मांग की है। भारत का फीफा विश्व कप क्वालीफायर के तीसरे दौर में क्वालीफाई करने का सपना एशियाई चैम्पियन कतर से विवादास्पद तरीके से 2-1 से हारने के बाद टूट गया। एआईएफएफ के अध्यक्ष कल्याण चौबे ने एक बयान में कहा, "मंगलवार रात फीफा 2026 और एएफसी एशियाई कप 2027 के राउंड 2 के आखिरी मैच में कतर के खिलाफ हार पूरे भारतीय फुटबॉल जगत के लिए एक बड़ी निराशा थी। "हालांकि जीत और हार खेल का एक हिस्सा है, और हमने इसे विनम्रता से स्वीकार करना सीख लिया है, लेकिन भारत के खिलाफ कतर के किए गए दो गोलों में से एक ने कुछ सवाल खड़े कर दिए हैं।"
इसमें आगे कहा गया, "हम, अखिल भारतीय फुटबॉल महासंघ में हमेशा मानते हैं कि खेल की भावना को बनाए रखा जाना चाहिए और नियमों का पालन बिना किसी संदेह के किया जाना चाहिए। इसी रुख को बनाए रखते हुए, हमने कतर के खिलाफ मैच के बाद, अपने मुख्य रेफरी अधिकारी के परामर्श से, फीफा क्वालीफायर के प्रमुख, एएफसी रेफरी के प्रमुख, एएफसी प्रतियोगिताओं के प्रमुख और खेल के लिए मैच कमिश्नर को पत्र लिखने का फैसला किया है, जिसमें उनसे खेल के दौरान हुई इस गलती पर विचार करने का अनुरोध करेंगे, जिसके कारण हमें फीफा विश्व कप क्वालीफायर राउंड 3 में जगह गंवानी पड़ी।" कतर के खिलाफ इस हार ने भारतीय फुटबॉल टीम और फैंस का फीफा विश्व कप क्वालीफायर के तीसरे दौर में क्वालीफाई करने का सपना तोड़ दिया। यह एक ऐसा चरण था जहां तक भारतीय टीम पहले कभी नहीं पहुंची थी।
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नेपाल और श्रीलंका के बीच टी20 विश्व कप ग्रुप डी का मैच फ्लोरिडा में खराब मौसम के कारण रद्द कर दिया गया। बारिश की वजह से मैच का टॉस भी नहीं हो सका। इसके बाद दोनों टीमों को 1-1 अंक मिला। अंक मिलने से दोनों ही टीमों का विश्व कप 2024 में खाता खुल गया है लेकिन श्रीलंका को इससे बड़ा झटका लगा है, क्योंकि इस मुकाबले को जीतकर 2 अंक हासिल करना उसके लिए बेहद जरूरी था। मैच के रद्द होने के कारण ग्रुप-डी के समीकरण में भी सस्पेंस बढ़ गया है। इस ग्रुप में उसके अलावा दक्षिण अफ्रीका, बांग्लादेश, नीदरलैंड और नेपाल की टीम शामिल है। आईसीसी की रिपोर्ट के अनुसार, टूर्नामेंट अधिकारियों ने फ्लोरिडा के लॉडरहिल में भारी बारिश और बाढ़ की चेतावनी के बाद यह निर्णय लिया, जहां आईसीसी पुरुष टी20 विश्व कप में उनका पहला मैच होना था।
मैच रद्द होने के कारण, श्रीलंका की सुपर आठ चरण में आगे बढ़ने की उम्मीद लगभग खत्म हो चुकी हैं, जबकि नेपाल के क्वालीफिकेशन की संभावना भी कम हैं। फिलहाल टूर्नामेंट में दोनों टीमें अभी भी अपनी पहली जीत की तलाश में हैं। वर्तमान में ग्रुप डी में शीर्ष पर चल रहे दक्षिण अफ्रीका ने सुपर आठ में जगह पक्की कर ली है। तीन मैच खेलने के बाद से श्रीलंका के पास केवल एक अंक है, ऐसे में उनका सुपर-8 में पहुंचना आसान नहीं होने वाला। श्रीलंका अपने अंतिम ग्रुप मैच में 17 जून को नीदरलैंड से भिड़ेगी। जबकि नेपाल को 15 जून को दक्षिण अफ्रीका का सामना करेगा। दोनों टीमों के लिए यह मुकाबला महत्वपूर्ण है और यहां हारने का मतलब टूर्नामेंट में उनका सफर खत्म होना है। श्रीलंका को अगले चरण के लिए क्वालीफाई करना है तो उसे दुआ करनी होगी कि 13 जून को किंग्सटाउन में बांग्लादेश बनाम नीदरलैंड मैच भी बारिश के कारण रद्द हो जाए। इसके बाद, उसे अपने अंतिम ग्रुप मैच में नीदरलैंड को हराना होगा। या यूं कह लीजिए टीम का आगे का सफर बाकी टीमों के मुकाबलों पर निर्भर करेगा। दूसरी ओर, नेपाल तब भी क्वालीफाई कर सकता है, यदि वह अपने अंतिम दो मैचों में दक्षिण अफ्रीका और बांग्लादेश के खिलाफ महत्वपूर्ण जीत हासिल कर ले, या नीदरलैंड अपने शेष दोनों मैच हार जाए।
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ऑस्ट्रेलिया के तेज गेंदबाज जोश हेज़लवुड ने टी20 विश्व कप के प्रारूप पर सवाल उठाते हुए कहा कि यह अजीबोगरीब है कि उनकी टीम का बेहतर रन रेट सुपर 8 चरण में कोई मायने नहीं रखेगा। टी20 विश्व कप में इस बार 20 टीम भाग ले रही हैं जिन्हें पांच पांच टीम के चार ग्रुप में बांटा गया है। प्रत्येक ग्रुप से शीर्ष पर रहने वाली दो टीम सुपर 8 में जगह बनाएंगी जहां इन टीमों को दो ग्रुप में बांटा जाएगा। इनमें से प्रत्येक ग्रुप में शीर्ष पर रहने वाली दो टीम सेमीफाइनल में जगह बनाएंगी।
इस बार टी20 विश्व कप का प्रारूप पिछली बार से भिन्न है। पिछली बार चोटी की टीमों ने सुपर 12 चरण से अपने अभियान की शुरुआत की थी। टीमों को छह-छह के दो ग्रुप में बांटा गया था तथा प्रत्येक ग्रुप से शीर्ष पर रहने वाली दो टीम सेमीफाइनल में पहुंची थी। ऑस्ट्रेलिया ने मंगलवार को नामीबिया को 9 विकेट से करारी शिकस्त दी जिससे उसका नेट रन रेट प्लस 3.580 पर पहुंच गया। इस जीत से ऑस्ट्रेलिया ने सुपर 8 में भी अपनी जगह पक्की की।
हेज़लवुड ने मैच के बाद संवाददाताओं से कहा,‘‘यह वास्तव में थोड़ा अजीब है क्योंकि ऐसा होता नहीं है। मैंने जितने विश्व कप खेले हैं उनमें संभवत: यह पहला टी20 विश्व कप है जिसका प्रारूप इस तरह से तैयार किया गया है। इसलिए यह थोड़ा भिन्न है।’’ उन्होंने कहा,,‘‘यह इस तरह का प्रारूप है कि इसमें पहले चरण में आप कितना भी अच्छा प्रदर्शन करो या आप अजेय रहते हुए बेहतर नेट रन रेट के साथ आगे बढ़ो तो भी सुपर 8 में वह खास मायने नहीं रखेगा। इसलिए यह थोड़ा अजीब है लेकिन इसको इसी तरह से तैयार किया गया है।’’
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