आज ही के दिन भारत बना था विश्व विजेता
आज ही के दिन यानी 25 जून, 1983 को कपिल देव की कप्तानी में भारतीय क्रिकेट टीम ने सभी को हैरान करते हुए पहली बार विश्व विजेता की ट्रॉफी उठाई थी। इंग्लैंड में खेले गए इस विश्व कप में भारत से किसी ने उम्मीद भी नहीं की थी। किसी ने उसे खिताब का प्रबल दावेदार नहीं माना था। भारतीय टीम के पास अनुभव की भी कमी थी क्योंकि इससे पहले उसने सिर्फ 40 वनडे मैच खेले थे। बीते विश्व कपों में भी उसका प्रदर्शन अच्छा नहीं रहा था।
टीम के पास खोने को कुछ नहीं था और यही शायद कपिल की टीम की ताकत बनी। टूर्नामेंट की शुरुआत में ही उसने तत्कालीन विश्व विजेता विंडीज को 34 रनों से हरा दिया था। यह मैच नौ जून को ओल्ड ट्रेफर्ड में खेला गया था। यहां से कपिल की टीम में जो आत्मविश्वास आया उसने कदम दर कदम टीम को खिताब की पास पहुंचाया। इस मैच के बाद भारत ने जिम्बाब्वे को हराया।
इसके बाद हालांकि भारत को आस्ट्रेलिया के हाथों हार मिली और फिर वेस्टइंडीज ने दूसरे मैच में अपनी हार का बदला ले लिया।
लगने लगा कि भारत विश्व कप से बाहर हो जाएगी। भारत ने मजबूती के साथ वापसी की और जिम्बाब्वे के 18 जून को मात दी। इस मैच में कपिल ने 175 रन बन ऐसी मैच विजेता पारी खेली जो इतिहास में दर्ज रही। आज भी इस पारी को कोई भी भूल नहीं सकता। 20 जून को भारत ने आस्ट्रेलिया को हरा दिया और सेमीफाइनल में जगह बनाई।
भारत ने सभी की अपेक्षाओं से परे 22 जून को इंग्लैंड को सेमीफाइनल में मात दी और पहली बार विश्व कप के फाइनल में जगह बनाई।
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कपिल भारत के सबसे बड़े मैच विजेता : गावस्कर
भारत के महान बल्लेबाज सुनील गावस्कर ने विश्व विजेता कप्तान कपिल देव की जमकर तारीफ की है और भारतीय टीम में उनके साथ बिताए गए समय को याद किया। गावस्कर ने कहा है कि भारत में कपिल से बड़ा मैच विजेता खिलाड़ी नहीं हुआ।
जागरण डॉट कॉम ने गावस्कर के हवाले से लिखा, 'मैं विनम्रता के साथ कहता हूं कि मेरे विचार से भारत ने जितने भी क्रिकेटर पैदा किए हैं, कपिल उनमें सबसे महान और मैच विजेता हैं, क्योंकि वह आपको बल्ले और गेंद दोनों से मैच जिता सकते थे। मुझे याद है कि मैं उनके खिलाफ पहली बार 1978 में चेन्नई के एमए चिदंबरम स्टेडियम में विल्स ट्रॉफी मैच में खेला था। हम ऑस्ट्रेलिया के दौरे से लौटे थे। कपिल एवं एक और प्रतिभाशाली ऑलराउंडर राजेंद्र जडेजा ने मुंबई के खिलाफ जीवंत पिच पर गेंदबाजी की शुरुआत की थी।"
उन्होंने कहा, "कपिल अच्छी आउटस्विंग गेंदबाजी कर रहे थे, लेकिन गेंदबाजी क्रीज के थोड़ी बाहर से, इसलिए मैं उनकी गेंदों को आसानी से छोड़ पा रहा था। जब मैं उनके छोर की ओर पहुंचा तो मैंने सुझाव दिया कि उन्हें स्टंप के करीब जाकर गेंदबाजी करनी चाहिए और इससे उनकी उन्हीं गेंदों को खेलना मुश्किल हो जाएगा। उनके साथी यह सोचकर उनके पास पहुंच गए कि मैं उन्हें स्लेज कर रहा हूं, लेकिन उन्होंने सबको दूर भगा दिया। उन्होंने अगले ओवर से स्टंप्स के करीब से गेंदबाजी शुरू की और मुंबई के सभी बल्लेबाजों को परेशान किया।"
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भारत में मैच फिक्सिंग कानून लागू हो तो बड़ा बदलाव आ सकता है : रिचर्डसन
अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) की भ्रष्टाचारो रोधी इकाई के संयोजक स्टीव रिचर्डसन का मानना है कि अगर भारत में मैच फिक्सिंग को एक अपराध मान लिया जाए तो यह काफी बड़ा बदलाव लेकर आएगा क्योंकि उनके मुताबिक मैच फिक्सिंग के मौजूदा अधिकांश मामले भारत से जुड़े हैं। रिचर्डसन ने कहा कि आने वाले दिनों में यह मामले बढ़ सकते हैं क्योंकि भारत को 2021 में टी-20 विश्व कप और 2023 में वनडे विश्व कप की मेजबानी करनी है।
ईएसपीएनक्रिकइंफो ने रिचर्डसन के हवाले से लिखा है, " भारत को दो आईसीसी टूर्नामेंट की मेजबानी करनी है। टी-20 विश्व कप 2021 और वनडे विश्व कप-2023।"
उन्होंने कहा, "इस समय कोई कानून नहीं है। हमारे भारतीय पुलिस से अच्छे संबंध हैं, लेकिन उनका एक हाथ बंधा हुआ है। भ्रष्टाचारियों को रोकने के लिए हमसे जो बन पड़ेगा, हम करेंगे। हम कर रहे हैं, हमने उनके लिए काफी मुश्किलें पैदा कर दी हैं।"
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पीसीबी की 'वीजा मांग' के बाद बीसीसीआई ने मांगी 'आतंकी गतिविधियां न होने की' गारंटी
पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (पीसीबी) के सीईओ वसीम खान ने कहा है कि उन्होंने आईसीसी को पत्र लिखकर कहा है कि वह इस बात को आश्वास्त करे कि पाकिस्तान टीम जब टी-20 विश्व कप-2021 और वनडे विश्व कप-2023 के लिए भारत जाएगी तो वीजे की कोई समस्या नहीं होगी। इसके बाद भारतीय क्रिकेट बोर्ड (बीसीसीआई) ने कहा कि पीसीबी से इस बात की गारंटी ली जाए कि 'कोई आतंकी हमला नहीं होगा।'
बीसीसीआई के एक अधिकारी ने आईएएनएस से कहा कि आईसीसी के नियम साफ कहते हैं कि खेल को चलाने में किसी तरह का सरकारी दखल नहीं होगा। यही बात क्रिकेट बोर्ड पर भी लागू होती है और उसे भी सरकार के काम में दखल नहीं देना चाहिए। अधिकारी ने फिर पीसीबी से कहा कि वीजा पर भारतीय बोर्ड से आश्वसान मांगने से पहले वह लिखित में यह गारंटी दें कि सीमा पर कोई शत्रुतापूर्ण कार्रवाई नहीं होगी।
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1983 विश्व कप : युवराज ने 'सीनियर' शास्त्री के साथ गौरवपूर्ण क्षण को याद किया
पूर्व आलराउंडर युवराज सिंह और भारतीय क्रिकेट टीम के मौजूदा मुख्य कोच रवि शास्त्री के बीच गुरुवार को ट्विटर पर हर्षोल्लास वाली वातार्लाप देखने को मिला। युवराज ने 1983 विश्व कप जीतने वाली टीम को बधाई दी। भारत ने 37 साल पहले 1983 विश्व कप के फाइनल में लॉडर्स में वेस्टइंडीज को 43 रनों से हराकर पहली बार विश्व कप जीता था।
युवराज ने ट्विटर पर लिखा, " राष्ट्रीय गौरव का क्षण। हमारे सीनियर्स ने इस दिन 1983 विश्व कप जीता था। 1983 की टीम के प्रत्येक सदस्य को बधाई। आपने 2011 में इसे दोहराने के लिए बैंचमार्क सेट किया था। भारत को सभी खेलों में विश्व चैंपियन बनने की उम्मीद है।"
शास्त्री ने युवराज के ट्वीट का जवाब देते हुए लिखा, " धन्यवाद जूनियर। आप मुझे और कपिल देव को टैग कर सकते थे।" इस पर युवराज ने जवाब देते हुए लिखा, " सीनियर। आप मैदान के बाहर भी और मैदान के अंदर भी महान हो। कपिल पाजी पूरी तरह से अलग लीग थे।"
आईएएनएस के इनपुट के साथ
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