राहुल गांधी के तीखे, सीधे, चुटीले, चुलबुले और व्यंग्य के बाणों से लबरेज ट्वीट जैसे उनकी टाइमलाइन पर आते हैं, दो मानों फुलझड़िया छूटती हैं और टिप्पणियों के पटाखे फूटते हैं, जिससे विरोधियों के कान सुन्न हो रहे हैं।
बीते दो-एक महीनों से सोशल मीडिया पर कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी के आचार-व्यवहार के चलते राजनीतिक हल्कों में धमाल मचा हुआ है। रैलियों, जनसभाओं, इंटरव्यू और छात्रों-कारोबारियों के साथ संवाद में जहां वह तीखे सवालों के सीधे औ सधे जवाब दे रहे हैं, वहीं सोशल मीडिया पर उनकी सक्रियता और चुटीले अंदाज़ ने लोगों को उनका फैन बना दिया है।
सबसे पहले बात करते हैं सोशल मीडिया पर राहुल गांधी के नए अंदाज़-ए-बयां की। राहुल गांधी इन दिनों किसी भी मुद्दे को चुपके से पकड़ते हैं, उसे तोलते-परखते हैं, माहौल टटोलते हैं, और फटाक से एक ऐसा ट्वीट दन से मारते हैं कि विरोधी चारो खाने चित, और लोगों को मिल जाता है चर्चा का विषय।
अब सोमवार को सुबह-सुबह का उनका यह ट्वीट देखिए। सोमवार यानी 16 अक्टूबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गुजरात यात्रा पर हैं। वहां रैली करेंगे, लोगों से मिलेंगे और भाषण देंगे। जैसी की संभावना है कि कुछ घोषणाएं भी होंगी, क्योंकि राजनीतिक गलियारों और आम लोगों में यह चर्चा खूब हो रही है कि चुनाव आयोग ने गुजरात चुनाव की तारीखों का ऐलान सिर्फ मोदी के दौरे को ध्यान में रखते हुए नहीं किया, क्योंकि मोदी गुजरात के लिए कुछ घोषणाएं कर सकते हैं। लेकिन राहुल गांधी ने व्यंग्य का सहारा लेकर जो राजनीतिक टिप्पणी की है, उसे लेकर तो बीजेपी हक्का-बक्का रह गई होगी। देखिए उनका यह ट्वीट..इस ट्वीट में उन्होंने सिर्फ यह कहा कि, मौसम का हाल: चुनाव से पहले गुजरात में आज होगी जुमलों की बारिश:
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कल यानी रविवार 15 अक्टूबर को राहुल गांधी ने तो अपने ट्वीट से ऐसा व्यंग्य बाण चलाया कि राजनीतिक विश्लेषक और टिप्पणीकार भी सोचने लगे होंगे कि, बात तो सही है। आपको याद होगा कि पिछले कुछ सालों से खबरों की दुनिया में किन्हीं दो नेताओँ की मुलाकात या दो देशों के शिखर सम्मेलन पर बहस-विमर्श के दौरान टीवी एंकरों और स्टूडियो में बैठने वाले विशेषज्ञों ने एक नया शब्द गढ़ा है, बॉडी लैंग्वेज, यानी देह भाषा। और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए तो उनकी तारीफों में उनकी देहभाषा को लेकर खूब टिप्पणियां होती रही हैं कि कैसे मोदी की जादू की झप्पी ने अमेरिका से लेकर जापान तक के नेताओं को उनका दीवाना बना लिया। इसी जादू की झप्पी पर राहुल ने चुटकी ली और मार दिया तपाक से एक ट्वीट, इस ट्वीट में उन्होंने अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रम्प के एक बयान का स्क्रीनशॉट लगाकर लिखा, मोदी जल्दी करो, लगता है राष्ट्रपति ट्रम्प को एक और झप्पी की जरूरत है।
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कल तक शर्मीले और संकोची कहे जाने वाले राहुल इन दिनों खुलकर मुस्कुराते और सीधे आंखों में झांकते लोगों से संवाद कर रहे हैं। और, सही मौके पर सही टिप्पणी का जब ट्वीट फोड़ते हैं, तो विरोधी हो जाते हैं धड़ाम। ग्लोबल हंगर इंडेक्स यानी भूखमरी पर हमारे देश की हालत को बताती रिपोर्ट जब सामने आई तो राहुल ने उस व्यक्ति के शे’र को चुना जिसका नाम हिंदी ग़ज़ल में सर्वाधिक सम्मान के साथ लिया जाता है। जी हां, आपने सही समझा, दुष्यंत कुमार को। उन्होंने दुष्यंत कुमार के शे’र को ऐसे इस्तेमाल किया कि विरोधी खेमे में मानों मिर्ची सी लग गई। पहले उनका ये ट्वीट देखिए जिसमें उन्होंने ये शे’र लिखा: भूख है तो सब्र कर, रोटी नहीं तो क्या हुआ आजकल दिल्ली में है जेरे-बहस ये मुद्दआ
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12 अक्टूबर को राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री मोदी के अर्थव्यवस्था पर शल्य वाले बयान को लेकर चुटकी ली। मोदी ने अपने भाषण में महाभारत के चरित्र शल्य का नाम लेकर अर्थव्यवस्था पर टिप्पणी करने वालों को निराशावादी करार दिया था। लेकिन राहुल गांधी ने जैसे ही भारतीय अर्थव्यवस्था पर विश्व बैंक और आईएमएफ यानी अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष की रिपोर्ट अखबार में देखी, उन्होंने दे मारा एक ट्वीट, अरे ये निराशावादी तो अब दुनिया भर में फैल गए..
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इसी संदर्भ में उन्होंने 5 अक्टूबर को एक ट्वीट किया था, जिसमें टाइटैनिक की घटना पर मजाक था, उन्होंने लिखा, और अन्य समाचारों में, आईसबर्ग ने टाइटैनिक से कहा, निराशावादियों ने नुकसान की खबरों को बढ़ाचढ़ाकर बताया है...
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11 अक्टूबर को राहुल ने एक और जबर्दस्त ट्वीट किया। उन्होंने मोदी सरकार की महत्वाकांक्षी योजना पर हल्ला बोलते हुए लिखा, “2028 में मोदीजी गुजरात के हर व्यक्ति को चांद पर घर देंगे और 2030 में मोदीजी चांद को धरती पर ले आएंगे”
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इसी के अगले ट्वीट में उन्होंने चांद जाने के साधन का जिक्र भी किया।
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वैसे आपको बता दें कि राहुल गांधी यह बातें गुजरात के खेड़ा की रैली में भी बोल चुके थे। जय शाह मामले पर भी राहुल गांधी ने ऐसा ट्वीट किया कि एक खास नाम से उन्हें बुलाने वालों की बोलती ही बंद हो गई लगती है। उन्होंने लिखा, मोदी जी शाह-जादा खा गया....
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इसी तरह जब खबरें आईं कि उत्तर प्रदेश में बीजेपी की योगी सरकार ने ताजमहल को पर्यटन स्थलों की सूची से हटा दिया है, तो उन्होंने भारतेंदु हरिश्चंद्र को उद्धत करते हुए लिखा, अंधेर नगरी, चौपट राज...
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राहुल गांधी की ट्विटर टाइमलाइन सिर्फ सियासी हमले नहीं कर रही, बल्कि हर महत्वपूर्ण मौके पर सक्रियता नजर आती है। फीफा अंडर 17 विश्व कप की शुभकामनाएं हों या 'जाने भी दो यारों के' निर्देशक कुंदन शाह को श्रद्धांजलि भी। राहुल मौका नहीं छोड़ रहे।
राहुल के इस चुटीले और अनोखे अंदाज़ की पहली बानगी को लोगों ने सबसे पहले नोटिस किया, वह था इंडियन एक्सप्रेस अखबार में लिखे यशवंत सिन्हा के लेख पर। यशवंत ने वित्त मंत्री अरुण जेटली के फैसलों पर, नोटबंदी पर, जीएसटी पर सवाल उठाए. राहुल ने इन चीजों का जिक्र किए बिना चुटीले अंदाज में एक ट्वीट किया। उन्होंने लिखा, देवियों और सज्जनों, मैं आपका को पायलट और एफएम बोल रहा हूं। कृप्या अपन सीट बेल्ट बांध लें और सतर्कता से बैठ जाएं, क्योंकि हमारे विमान के पंख गिर चुके हैं
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बीते दो-एक महीने में राहुल गांधी को ट्विटर पर फॉलो करने वालों की तादाद में 10 लाख से भी ज्यादा का इजाफा हुआ है। और नए फॉलोअर बिल्कुल भी निराश नहीं हैं, क्योंकि सम-सामयिक मुद्दों पर इससे शानदार टिप्पणी उन्हें कहीं और नहीं मिलती।
कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने बीते करीब दो महीने में ट्विटर पर 10 लाख फॉलोअर जोड़े हैं. ये सोशल मीडिया में कांग्रेस की बदली रणनीति की झलक है. आने वाले दिनों में जमीन के साथ, सोशल मीडिया पर भी बीजेपी और कांग्रेस की ये लड़ाई बेहद दिलचस्प होने वाली है.
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