मेहुल चोकसी और नीरव मोदी के हाथों लुटने वाली पंजाब नेशनल बैंक अब राष्ट्रगान के जरिए अपने दिन बहुरने की कोशिश कर रही है। बैंक ने फैसला लिया है कि जब भी बैंक की सालाना जनरल मीटिंग-एजीएम या ईजीएम होगी, तो पहले राष्ट्रगान होगा।
इस फैसले को पंजाब नेशनल बैंक के नॉन-एक्जीक्यूटिव चेयरमैन सुनील मेहता ने बैंक की 18वीं सालाना बैठक में मंजूरी भी दे दी।
ध्यान रहे कि एजीएम और ईजीएम आमतौर पर किसी भी कंपनी के अहम फैसलों पर शेयर धारकों की मंजूरी के लिए होती है। और सेबी और आरबीआई का कोई भी नियम बैंकों को नहीं कहता कि एजीएम या ईजीएम से पहले राष्ट्रगान होना जरूरी है। लेकिन पीएनबी के इस फैसले को लेकर सोशल मीडिया चुटकियां ले रहा है।
कार्पोरेट गवर्नेंस पर कंपनियों को सलाह देने वाली फर्म इनगवर्न रिसर्च सर्विसेस के संस्थापक और एमडी श्रीराम सुब्रहमण्यन की प्रतिक्रिया है कि, “देश की कोई भी कंपनी अपनी एजीएम या ईजीएम से पहले राष्ट्रगान नहीं गाती। शेयरधारकों पर राष्ट्रगान थोपना थोड़ा अटपटा फैसला है।”
इनके अलावा बहुत से ट्विटर यूजर्स ने भी बैंक के इस फैसले पर प्रतिक्रिया दी है। किसी ने कहा है कि, “देशभक्ति स्थापित करने के लिए पीएनबी हर ब्रांच में एक आर्मी टैंक क्यों नहीं रखवा देती”, तो किसी ने लिखा कि, “हर बैंक के दरवाज़े पर 150 मीटर ऊंचा तिरंगा फहरा दिया जाए। इससे कम से कम नीरव मोदी जैसा कांड तो दोबारा नहीं होगा।”
और जब ऐसी प्रतिक्रियाएं आ रही हों तो इन दिनों चर्चा में छाए हुए हनुमान जी का नाम क्यों नहीं आता है। एक ट्विटर यूजर ने तो पीएनबी को सलाह दे डाली कि हड़ारों करोड़ की वसूली के लिए परेशान बैंक को तो “हनुमान चालीसा का जाप करना चाहिए,ताकि नीरव मोदी पैसे लौटा दे।”
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ध्यान रहे कि पंजाब नेशनल बैंक देश के सबसे बड़े बैंक घोटाले का शिकार हो चुकी है। हीरा व्यापारी मेहुल चोकसी और नीरव मोदी ने उसे 13,700 करोड़ रुपए का चूना लगाया है। प्रवर्तन निदेशालय ने चोकसी को भगोड़ा आर्थिक अपराधी घोषित कर रखा है और बैंक को कुप्रधन के लिए जिम्मेदार ठहराया है।
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