इंडिया शाइनिंग...यह वह नारा था जो 2004 में अटल बिहारी वाजपेयी की अगुवाई वाली एनडीए सरकार ने दिया था और समय से पहले लोकसभा चुनाव का ऐलान कर दिया था। उस चुनाव के प्रचार के दौरान अक्सर लोगों के पास फोन आता था, और आवाज आती थी, “नमस्कार, मैं अटल बिहारी वाजपेयी बोल रहा हूं।” यह प्रचार का अपने तरह का संभवत: अनोखा तरीका था और पहली बार ऐसी तकनीक का इस्तेमाल कर वोटरों से सीधे संपर्क स्थापित करने की कोशिश की जा रही थी। लेकिन इस सबके बावजूद इंडिया शाइनिंग का नारा नहीं चल पाया, और बीजेपी चुनाव हार गई।
इसी तरह मोदी सरकार ‘अच्छे दिनों’ का राग अलापती है। लेकिन ‘अच्छे दिनों’ की दूर-दूर तक आहट न होने और ‘विकास’ के दर्शन न होने से लोगों में मोदी सरकार को लेकर जबरदस्त नाराजगी है। विपक्षी दल पूरी ताकत के साथ मोदी सरकार पर हमलावर हैं। कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी के हाल के गुजरात दौरों से प्रधानमंत्री मोदी और बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह की नींद उड़ी हुई है।
सोशल मीडिया पर मोदी और उनकी सरकार को लेकर तरह तरह को जोक बन रहे हैं। ऐसे में सोशल मीडिया पर ही एक इन दिनों एक ऑडियो क्लिप वायरल हो रहा है। बातचीत वडोदरा में स्टेशनरी की मामूली सी दुकान चलाने वाले गोपालभाई गोहिल और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बीच हुई है। इस बातचीत में मोदी यह समझाते नजर रहे हैं कि कैसे उनके खिलाफ कुप्रचार किया जा रहा है।
यहां यह ध्यान देना जरूरी है कि नरेंद्र मोदी गुजरात में चुनाव जीतने के लिए एक बीजेपी कार्यकर्ता से 10 मिनट तक फोन पर बात कर सकते हैं, लेकिन एक 11 वर्षीय बच्चे के 28 पत्रों का उत्तर देने का समय उनके पास नहीं है। इस बच्चे को आखिर में आरटीआई लगाई तब जाकर उसे अपने पत्र का जवाब मिला।
ये नकली बातचीत है या असली है जो लीक हो गई है? या फिर यह कोई विज्ञापन है जिसे किसी एजेंसी ने तैयार किया है? कल तक कोई भी इस बारे में पुख्ता तौर पर कुछ नहीं कह पा रहा था। लेकिन, जब यह ऑडियो क्लिप वायरल हो गई तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खुद ही ट्वीट करके पुष्टि कर दी की कि यह बातचीत असली है। मोदी ने एक ट्वीट कर कहा कि कल तक गोपाल भाई को कोई नहीं जानता था, लेकिन अब पूरा देश उन्हें जान गया है।
पहले यह बातचीत पूरी पढ़िए, फिर आगे की बात करते हैं। यह बातचीत मूलरूप से गुजराती में हुई थी, जिसका हिंदा रूपांतरण यह है:
गोहिल – नमस्ते सर
पीएम मोदी – नमस्ते गोपाल भाई, कैसे हैं आप
गोहिल – अच्छा हूं, हैप्पी दिवाली सर
पीएम मोदी -- मेरी तरफ से भी आपके घर वालों को दिवाली की शुभकामनाएं
गोहिल – धन्यवाद सर। मैं गुजरात की सांस्कृतिक राजधानी वडोदरा के सभी लोगों की तरफ आपको दिवाली की शुभकामनाएं देता हूं
पीए मोदी – मैं वडोदरा का कर्जदार हूं। आप लोगों ने मुझे बेहद सम्मान और प्रेम दिया है। क्या आप अभी भी स्टेशनरी की दुकान चलाते हैं। या कोई नया बिजनेस शुरु किया है।
गोहिल – सर, मैं, मेरी पत्नी अभी भी खांदेराव मार्केट में व्ज सिद्धि टॉवर के पास स्टेशनरी की दुकान चलाते हैं। मुझे याद है वडोदरा में रोड शो के दौरान मैंने आपको देखा था
पीएम मोदी – मुझे याद है वह दिन दोस्त
गोहिल – मेरा आपसे एक सवाल है। गुजरात में हाल की घटनाओं और कांग्रेस के बयानों के बाद हम अपने कार्यकर्ताओं को प्रभावति होने से कैसे रोकेंगे
पीएम मोदी – देखिए जनसंघ के जन्म के बाद से ही अपमना हमारी किस्मत बन गया है। जब हम राजनीति में उतरे, तभी से अपमान और गाली हमारी किस्मत बन गी है। ऐसे अपमान और गालियों से ही उबरे हैं हम। मेरी सलाह है कि आप इन बातों की चिंता न करें।
गोपाल भाई – सही सर
पीएम मोदी – क्या आप मुझे कोई ऐसा चुनाव बता सकते हैं जिसमें झूठ और आलोचना का इस्तेमाल न किया गया हो। उन्होंने मुझे मौत का सौदागर कहा।
गोहिल – हां सर
पीएम मोदी – अब बताइए, इससे ज्यादा क्या बुरा हो सकता है। खूनी, खून से सना हाथ जैसे शब्द मेरे लिए बोले गए। लेकिन जनता के पास दिमाग है और वो असलियत जानती है।
गोहिल – हां सर
पीएम मोदी – पहले अफवाहें केवल मुंह से फैलाई जाती थीं, लेकिन अब व्हाट्सऐप से फैलाई जाती हैं। जनता खुद सही है और उन्हें झूठ फैलाने दो। इन अफवाहों और उनके अभियान के बारे में जनता फर्क कर लेगी, चिंता न करें।
गोहिल – हां सर
पीएम मोदी – इन बातों को अपने मन पर हावी न होने दें। इसके बजाए हमारे विजन और सच्चाई को जनता तक पहुंचाएं। अफवाहों, गपशप और झूठ पर अपना वक्त बर्बाद न करें।
गोहिल – जी सर
पीएम मोदी – होता यह है कि लोग ऐसे मैसेज को बिना जाने आगे फैलाते रहते हैं। हमें इसकी चिंता नहीं करनी चाहिए, क्योंकि हम एक महान काम के लिए कड़ी मेहनत कर रहे हैं।
गोहिल – जी सर
इस बातचीत में ध्यान देने की बात यह है कि प्रधानमंत्री से जब ये सवाल पूछा गया कि हाल की घटनाओं से कार्यकर्ताओँ को प्रभावित होने से कैसे रोका जाए तो उन्होंने खुद ही कहा कि कोई भी चुनाव ऐसा नहीं होता जिसमें झूठ का सहारा न लिया जाए। सही कह रहे हैं मोदी। हर चुनाव में झूठ का सहारा लिया जाता है, और मोदी तो इसमें माहिर हैं। वे खुद अपने विरोधियों की आलोचना करते वक्त तमाम तरह के झूठ बोलते हैं। वे ऐसा दिखाते हैं कि जैसे उनके पीएम बनने से पहले इस देश में कुछ हुआ ही नहीं और जो कुछ भी हुआ है उन्होंने किया है।
ऐसे में अगर उनके झूठ का पर्दाफाश हो रहा है तो उनका चिंतित होना जायज़ ही लगता है।
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