कॉफी का सेवन नहीं करने और दिनभर में छह घंटे या इससे अधिक समय तक बैठे रहने वाले लोगों में मौत का खतरा उन लोगों के मुकाबले 60 फीसदी अधिक है जो कॉफी पीने के साथ छह घंटे से कम समय तक बैठते हैं। ‘बायोमेड सेंट्रल (बीएमसी) पब्लिक स्वास्थ्य’ नामक पत्रिका में प्रकाशित एक शोध रिपोर्ट में यह दावा किया गया है।
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अमेरिका में 10,000 से अधिक वयस्कों पर 13 साल तक शोध करने वाले शोधकर्ताओं ने कहा कि इससे संकेत मिलता है कि गतिहीन जीवन शैली वाले उन लोगों में मरने का खतरा बढ़ जाता है जो कॉफी नहीं पीते हैं, लेकिन कॉफी पीने वालों में यह खतरा नहीं बढ़ता है।
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चीन में मेडिकल कॉलेज ऑफ सूचो विश्वविद्यालय के ‘स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ’ के शोधकर्ताओं ने यह भी पाया कि दिन में कम से कम छह घंटे बैठे रहने वाले और कॉफी न पीने वालों की तुलना में गतिहीन जीवन शैली वाले उन लोगों में मौत का खतरा 24 प्रतिशत कम था जो कॉफी पीते थे।
मीडिया वेबसाइट की रिपोर्ट के अनुसार परिणाम की गणना ‘वाशिंगटन पोस्ट’ के अनुरोध पर की गई थी। हालांकि ये परिणाम अध्ययन में शामिल नहीं हैं।
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शोधकर्ताओं ने अध्ययन रिपोर्ट में लिखा है, ‘‘गतिहीन जीवनशैली की तुलना में वयस्कों में समग्र जीवन अवधि में सुधार लाने में कॉफी के सेवन के लाभ कई गुना हैं।’’
अपने अध्ययन में शोधकर्ताओं ने पाया कि कॉफी नहीं पीने वालों की तुलना में अधिक मात्रा में कॉफी का सेवन करने वाले सभी प्रतिभागियों में से एक चौथाई में किसी भी कारण से मरने का खतरा 33 प्रतिशत तक कम हो गया।
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उन्होंने कहा कि परिणाम पिछले अध्ययनों के अनुरूप थे, जिसमें अधिक कॉफी पीने और किसी भी कारण से मरने के कम जोखिम और हृदय रोग के बीच एक संबंध पाया गया है।
कॉफी में मौजूद कैफीन और पॉलीफेनोल्स समेत कई यौगिक प्राकृतिक रूप से सूजन-रोधी होते हैं। हालांकि, शोधकर्ताओं ने कहा कि कॉफी मरने के खतरे को कम करने के लिए शरीर में वास्तव में कैसे काम करती है, यह अब भी स्पष्ट नहीं है।
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शोधकर्ताओं ने यह भी पाया कि दिनभर में आठ घंटे से अधिक बैठने का संबंध किसी भी कारण से मौत होने का खतरा 40 फीसदी से अधिक बढ़ जाने से है और ऐसे लोगों में हृदयाघात से मरने का खतरा करीब 80 फीसदी तक बढ़ जाता है।
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